भारत विश्व चैंपियन बन गया है, दीप्ति ने पंजा खोल दिया है, सालों से जो सपना देखती आ रही थी टीम इंडिया वो पूरा हो गया है, दो बार फ़ाइनल गंवाने के बाद भारत तीसरे टाइम लकी रहा है, खचाखच भरे घरेलू मैदान पर भारत ने फ़ाइनल में शानदार प्रदर्शन किया है, फुलर गेंद ऑफ स्टंप के बाहर, कवर को क्लियर करने की कोशिश थी, हरमनप्रीत ने एक अच्छा कैच पकड़ा और पूरी टीम खुशी में डूब गई
भारत महिला vs साउथ अफ़्रीका महिला, Final at Navi Mumbai, महिला विश्व कप, Nov 02 2025 - मैच का परिणाम
1:00 am: फाइनल खत्म हो गया है और भारत ने इतिहास रच दिया है। इस बात को ख़ास से आम बनने में काफी समय लगने वाला है। पूरा स्टेडियम झूम रहा है और समय है गहरी सांस लेने का। भारतीय टीम ट्रॉफी लेकर स्टेडियम का चक्कर लगा रही है। झूलन गोस्वामी, मिताली राज और अंजुम चोपड़ा जैसी दिग्गज भी ट्रॉफी लेकर खुशी जाहिर कर रही हैं। ये केवल एक टीम की जीत नहीं है बल्कि एक बदलाव की शुरुआत है। अब दीजिए हमें इजाजत, इस मैच से इतना ही।
हरमनप्रीत कौर (भारत की कप्तान): मैं इस शानदार दर्शक-दीर्घा की बेहद आभारी हूं। ये लोग पूरे टूर्नामेंट में हमारे साथ अद्भुत रहे हैं। हमारे हर उतार-चढ़ाव में हमारे साथ बने रहने के लिए धन्यवाद। पिछले मैच में भी हमने बात की थी कि आत्मविश्वास अब भी हमारे अंदर है, भले ही हमने लगातार तीन मैच गंवाए थे। हमें पता था कि हमारे पास कुछ खास है जिससे हम हालात पलट सकते हैं। टीम हमेशा सकारात्मक रही। सभी जानते थे कि हमें क्या करना है, सबने दिन-रात मेहनत की और यह टीम वाकई इस मुकाम की हकदार है। [शेफ़ाली की गेंदबाज़ी पर] जब लॉरा और सूने बल्लेबाज़ी कर रही थीं, वे बहुत अच्छा खेल रही थीं। तभी मैंने शेफ़ाली को फील्ड में खड़ा देखा और जिस आत्मविश्वास के साथ वह खेल रही थी, मुझे यकीन हो गया कि आज का दिन हमारा है। मैंने अपने दिल की सुनी, लगा कि उसे एक ओवर ज़रूर देना चाहिए और वही हमारे लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। जब वह टीम में आई थी, हमने उससे कहा था कि हमें तुमसे शायद 2-3 ओवरों की ज़रूरत पड़े, तो उसने तुरंत कहा "अगर आप मुझे गेंदबाज़ी देंगे, तो मैं दस ओवर भी डाल दूंगी।" उसका पूरा श्रेय उसे जाता है। वह बेहद सकारात्मक रही और टीम के लिए हमेशा तैयार थी। जिस समर्पण से उसने खेला, उसके लिए मैं सचमुच उसे सलाम करती हूं। [स्कोर पर] आज की पिच बिल्कुल अलग थी। हमें पता था कि फ़ाइनल के लिए यह स्कोर काफ़ी है, क्योंकि फ़ाइनल में हमेशा अतिरिक्त दबाव होता है। हमें अफ़्रीका को भी श्रेय देना चाहिए। उन्होंने बहुत अच्छी बल्लेबाज़ी की। लेकिन अंत में वे थोड़ा घबरा गए और वहीं हमने मौका भुनाया। सही समय पर दीप्ति आई और उन्होंने महत्वपूर्ण विकेट लिए। हर वर्ल्ड कप के बाद हम यही सोचते थे कि कैसे उस आख़िरी लाइन को पार किया जाए। पिछले दो सालों में अमोल सर टीम के साथ थे। उन्होंने हमेशा हमें कहा कि कुछ अलग और खास लेकर आओ और बड़े मौक़े के लिए तैयारी करते रहो। हमें सपोर्ट स्टाफ और बीसीसीआई को भी पूरा श्रेय देना चाहिए। हमने अपनी टीम में बहुत ज़्यादा बदलाव नहीं किए। उन्होंने हम पर भरोसा दिखाया और सबके सहयोग से आज हम यहां खड़े हैं। यह तो बस शुरुआत है। हम इस दीवार को तोड़ना चाहते थे और अब हमारी अगली योजना है इसे आदत बनाना। हम लंबे समय से इस पल का इंतज़ार कर रहे थे और अब यह क्षण आ गया है। आगे और भी बड़े मौक़े आने वाले हैं और हम लगातार बेहतर होते रहना चाहते हैं। यह अंत नहीं है. यह बस शुरुआत है।
लॉरा वुलफ़ार्ट (साउथ अफ़्रीका कप्तान): मैं इस टीम पर और अधिक गर्व नहीं कर सकती। पूरे टूर्नामेंट में हमने शानदार क्रिकेट खेला। हालांकि आज भारत ने हमें पूरी तरह पछाड़ दिया। हारना निराशाजनक है, लेकिन हम इससे ज़रूर सीखेंगे और और मज़बूत बनकर लौटेंगे। [ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 69 और 97 पर ऑल आउट होने के बाद वापसी पर] हमने उन दो ख़राब मैचों को पीछे छोड़ने में बेहतरीन काम किया। हम या तो बहुत अच्छा खेले या बहुत बुरा, लेकिन शुक्र है कि ज़्यादा बार बहुत अच्छा खेले। कई खिलाड़ियों के लिए यह टूर्नामेंट शानदार रहा और मुझे गर्व है जिस तरह टीम ने मज़बूती और जज़्बा दिखाया। [कप्तानी और बल्लेबाज़ी के बीच संतुलन पर] वर्ल्ड कप से पहले शायद मेरा साल बहुत अच्छा नहीं रहा और शुरुआत भी वैसी नहीं हुई जैसी चाहती थी। ज़्यादा सोचने की वजह से दिक्कत हुई। लेकिन फिर मैंने सोचा यह भी बस एक क्रिकेट मैच ही है। जब मैंने कप्तानी और बल्लेबाज़ी को अलग-अलग देखने की कोशिश की, तो मैं ज़्यादा स्वाभाविक खेल पाई और इससे मुझे राहत मिली। हम थोड़े और स्विंग की उम्मीद कर रहे थे। पिच में कुछ न कुछ था, इसलिए मुझे अब भी लगता है कि गेंदबाज़ी का फ़ैसला सही था। हम पीछा करते हुए काफ़ी देर तक मुकाबले में थे, लेकिन बहुत जल्दी-जल्दी विकेट खो दिए। मैं बार-बार स्कोरबोर्ड देख रही थी और वे (भारत) लगातार 350 के आस-पास जा रहे थे। आख़िरी ओवरों में हमारी गेंदबाज़ी शानदार रही और पूरे टूर्नामेंट में हम गेंदबाज़ी में बेहतरीन रहे। हमें वाक़ई भरोसा था कि हम इस लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। [शेफ़ाली पर] उसने शानदार बल्लेबाज़ी की। वह हमेशा ऐसे ही खेलती है और जब उसका खेल चल जाता है, तो वह किसी भी टीम को भारी नुकसान पहुंचा सकती है। [काप पर] वह कई वर्ल्ड कप से हमारे लिए अद्भुत प्रदर्शन करती आई है। बहुत दुख है कि यह उसका आख़िरी वर्ल्ड कप था। पूरी टीम उसे जीत का तोहफ़ा देना चाहती थी। वह एक नहीं, दो खिलाड़ियों के बराबर है और हमें खुशी है कि वह हमारी टीम में है।
पोस्ट मैच प्रजेंटेशन समारोह का समय आ गया है। मिताली राज ट्रॉफी लेकर मंच पर आई हैं और उसे प्लेटफॉर्म पर रख दिया है। मैच ऑफिशियल्स को अब उनके स्मृति-चिह्न दिए जा रहे हैं। अब साउथ अफ़्रीकी टीम को रनर्स-अप मेडल्स लेने के लिए बुलाया जा रहा है।
दीप्ति शर्मा (प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट): सच कहूं तो यह सपने जैसा लग रहा है, क्योंकि हम अभी तक उस भावनात्मक लहर से बाहर नहीं आ पाए हैं। बहुत अच्छा लग रहा है कि मैं वर्ल्ड कप फ़ाइनल में इस तरह योगदान दे पाई। हमने हमेशा यही सोचा कि हर मैच से हम क्या सीख सकते हैं और उसे कैसे लागू कर सकते हैं। उन सभी (लोगों) का धन्यवाद जिनके बिना यह संभव नहीं होता। बतौर टीम, हम सब बहुत खुश हैं। [अपनी भूमिका और तैयारी पर] मुझे हमेशा मज़ा आता है, चाहे मैं किसी भी विभाग या स्थिति में रहूं। मैं हमेशा परिस्थिति के हिसाब से खेलना चाहती थी और इस बार मैंने खेल का भरपूर आनंद लिया। एक ऑलराउंडर के तौर पर ऐसे मंच पर प्रदर्शन करना इससे ज़्यादा शानदार अहसास नहीं हो सकता। लॉरा ने बहुत अच्छी पारी खेली, लेकिन हम हमेशा शांत रहे और एक-दूसरे को उत्साहित करते रहे। बतौर बॉलिंग यूनिट, हमने यही बात की थी कि आख़िरी गेंद तक डटे रहना है और अपनी सबसे अच्छी गेंद डालनी है और हमने वही किया। [आने वाले बदलावों पर] 2017 के बाद से बहुत कुछ बदल चुका है। अब मैं यही चाहती हूं कि हमारे और ज़्यादा मैच हों। और इस 'प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट' ट्रॉफ़ी को मैं अपने मां-पापा को समर्पित करना चाहती हूं।
शेफ़ाली वर्मा (प्लेयर ऑफ द मैच): मैंने शुरुआत में ही कहा था कि भगवान ने मुझे यहां कुछ अच्छा करने के लिए भेजा है और आज वही झलक दिखी। बहुत खुश हूं कि हम जीत गए। इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती। यह मुश्किल था, लेकिन मुझे खुद पर भरोसा था कि अगर मैं शांत रहूं, तो सब कुछ हासिल कर सकती हूं। मेरे माता-पिता, मेरे दोस्त, मेरे भाई सभी ने मुझे सहयोग दिया और सिखाया कि कैसे खेलना है। यह मेरे और मेरी टीम दोनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण था। मैं बस यही चाहती थी कि मेरी टीम जीते। मेरा दिमाग साफ़ था और मैंने अपनी योजनाओं पर काम किया। बहुत खुशी है कि मैं उन्हें सही तरह से लागू कर सकी। स्मृति दी और हरमन दी, सभी मेरा समर्थन कर रहे थे। सीनियर्स ने मुझसे बस यही कहा कि अपना खेल खेलो और जब आपको ऐसी स्पष्टता मिलती है, तो बस वही काफ़ी होता है। यह पल बहुत यादगार है। जब मैंने उन्हें (सचिन तेंदुलकर को) देखा, तो मुझे अविश्वसनीय ऊर्जा मिली। मैं उनसे अक्सर बात करती हूं। वह हमेशा मुझे आत्मविश्वास देते हैं। वह क्रिकेट के मास्टर हैं, और सिर्फ़ उन्हें देखकर ही हम प्रेरित हो जाते हैं।
स्मृति मांधना: [चैंपियन बनकर कैसा लग रहा है?] मुझे नहीं पता कि इस पर कैसी प्रतिक्रिया दूं। अभी भी सब कुछ समझ में आने में वक्त लग रहा है। क्रिकेट मैदान पर मैं कभी इतनी भावुक नहीं हुई। लेकिन यह वाकई अविश्वसनीय पल है। अपने घर में वर्ल्ड कप, और फिर यह पढ़ना कि "भारत चैंपियन है" यह बहुत ही अवास्तविक सा लग रहा है। हर वर्ल्ड कप में हम जाते हैं और हम सबने कई बार निराशाएं झेली हैं। हम हमेशा मानते हैं कि महिला क्रिकेट के साथ हमारी ज़िम्मेदारी और भी बड़ी है। सच कहूं तो जो समर्थन हमें मिला है, मैं उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती। पिछले 40 दिन जैसे किसी सपने की तरह बीते हैं। अगर वर्ल्ड कप जीतने के लिए मुझे हर रात 45 दिन तक जागना पड़े, तो मैं वह भी स्वीकार कर लूंगी। पिछला टी20 वर्ल्ड कप हमारे लिए बहुत कठिन अनुभव था। तब हमने साफ़ तय किया था कि अपनी फिटनेस पर, अपने हर पहलू पर काम करना है। जिस तरह सभी ने मिलकर मेहनत की और खेला ऐसे वर्ल्ड कप में सब एक-दूसरे के साथ थे। मैं आपको बता नहीं सकती कि टीम का माहौल कैसा था। वह बस जादुई था।
प्रतिका रावल: मैं पर्याप्त रूप से व्यक्त नहीं कर सकती। मेरे पास ऐसे कोई शब्द नहीं हैं। यह मेरे लिए बहुत मायने रखती है। अपनी टीम के साथ यहां होना, यह बहुत वास्तविक है। निश्चित रूप से, मेरा मतलब है, चोटें खेल का एक हिस्सा होती हैं। मैं बहुत खुश हूं कि मैं इस टीम का, इस जीतने वाली टीम का हिस्सा हूं। मुझे बस यह खेल बहुत पसंद है। मैं इस टीम के प्रति अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर सकती। इसलिए मैं बहुत खुश हूं कि हमने वास्तव में इसे कर दिखाया। यह बहुत लंबा समय रहा है और पूरा क्षेत्र, प्रशंसक समर्थन के लिए आए हैं। देखिए बाहर मेरे लिए बैठकर मैच देखना हमेशा मुश्किल रहा है, क्योंकि वास्तव में खेलना बहुत आसान है। यह ऊर्जा देखना, यह माहौल देखना, बस, इसने मुझे रोमांच दे दिया। जब भी कोई विकेट गिर रहा था, जब भी कोई छक्का लग रहा था तो मैं झूम रही थी।
ऋचा घोष: हम लंबे समय से इस विश्व कप और इस ट्रॉफ़ी को उठाने का इंतजार कर रहे थे। हम चैंपियन हैं और मैं अपनी भावनाओं को समझा नहीं सकती। भावनाएं, सब कुछ पूरी तरह से अलग है। हम जानते थे कि यह हमारा आखिरी गेम है और हम इसमें सब कुछ देना चाहते थे। बस सब कुछ दांव पर लगा दिया। फाइनल का दबाव था लेकिन मैंने एक अच्छा प्रदर्शन किया और यह एक अच्छी बात है। सभी को विश्वास था कि मैं हिट कर सकती हूं और यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है।
अमनजोत कौर: [वुलफ़ार्ट कैच पर]: सभी जानते थे कि वह कैच कितना महत्वपूर्ण था। पहले मैं लड़खड़ाई थी। खुशी है कि मुझे वह कैच लेने का दूसरा मौका मिला। मेरे पास व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं। इसका बहुत मतलब है। आप भीड़ को बहुत खुश होते देख सकते हैं। यह बस शुरुआत है। हम हर फॉर्मेट में पूरी दुनिया पर हावी होने जा रहे हैं। सभी, मेरा परिवार, मेरे कोच, मेरा परिवार जो घर पर बैठकर देख रहा है क्योंकि मेरी दादीजी की तबीयत ठीक नहीं है। हमने यह तब किया जब यह सबसे ज्यादा मायने रखता था। यह उनकी भी जीत है। मुंबई, धन्यवाद। यह आपके लिए है। यह सभी के लिए है। यह प्रतिका के लिए है। मैं जानती हूं कि जब आपको चोट के कारण बाहर बैठना पड़ता है तो कैसा महसूस होता है। सब कुछ अच्छा नहीं होता, लेकिन हर चीज में कुछ अच्छा होता है।
12:02 am: साउथ अफ़्रीका पूरी तरह से चेज़ में थी और बड़े आराम से जीत की ओर बढ़ रही थी। वुलफ़ार्ट ने पहली बार अपनी पूरी पारी में कोई रिस्की शॉट खेला था और वह वहीं से मैच पूरी तरह घूम गया। अमनजोत ने मुश्किल कैच को पूरा किया और भारत ने यहां से मैच पर पकड़ बना ली। दीप्ति ने एक के बाद एक विकेट निकालते हुए भारत को चैंपियन बना दिया।
फुलर गेंद ऑफ स्टंप के बाहर, मिडऑफ के पास खेला
ऑफ स्टंप के बाहर फुलर गेंद, मिडविकेट की ओर खेला
ऑफ स्टंप के बाहर फुलर गेंद, शॉर्ट थर्ड की ओर खेला था, तेजी से रन लेना चाहा लेकिन नॉन स्ट्राइकर खाका समय पर पहुंच नहीं सकीं और रन आउट हो गईं
फिर से फील्ड को खेला, बैक ऑफ लेंथ पैरों पर, डीप बैकवर्ड स्क्वायर लेग के बाहर भेजा
लेग स्टंप के बाहर एक और दिशाहीन गेंद, ऋचा ने शानदार तरीके से रोका
खराब गेंद लेग स्टंप के बाहर, वाइड के साथ चौका भी मिला है
कदमों का इस्तेमाल और चौका, आगे निकली और गुड लेंथ गेंद को लपेटा, डीप स्क्वायर लेग और डीप मिडविकेट के बीच से निकाला
लेग स्टंप पर फुलर गेंद को वापस गेंदबाज के पास खेला
पैरों पर गुड लेंथ गेंद को शॉर्ट फाइन के पास खेला
गुड लेंथ लेग और मिडिल स्टंप पर, प्वाइंट की ओर खेला
पैरों पर गुड लेंथ, शॉर्ट फाइन की ओर खेला
बैक ऑफ लेंथ ऑफ स्टंप के बाहर, प्वाइंट के पास खेला
जेमिमाह ने आसान कैच गिराया है, गुड लेंथ पैरों पर, डीप बैकवर्ड स्क्वायर लेग की ओर हवा में खेला था, सीधे जेमिमाह के हाथ में गई थी गेंद पर वह कैच नहीं कर सकीं
लेग स्टंप पर गुड लेंथ, बल्ला जल्दी बंद कर दिया था, हवा में रेणुका की ओर गई गेंद, कठिन कैच का मौका बना था
एक बार फिर लेग स्टंप के बाहर गईं, डीप बैकवर्ड स्क्वायर लेग की ओर खेला
लेग स्टंप के बाहर गई थीं, पीछा किया गुड लेंथ गेंद से, लपेटने के प्रयास में चूकीं और पैड पर लगी
ऑफ स्टंप के बाहर की टर्न होती फुलर गेंद, बीट किया
एक और लगभग वैसी ही गेंद, फिर से पूरी तरह बीट किया
एक और फुलर गेंद ऑफ स्टंप के बाहर, ड्राइव के प्रयास में बीट किया
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| डॉ.डीवाई पाटिल स्पोर्ट्स अकादमी, नवी मुंबई | |
| टॉस | साउथ अफ़्रीका महिला, पहले गेंदबाज़ी चुनी |
| सीरीज़ | |
| सत्र | 2025/26 |
| प्लेयर ऑफ़ द मैच | |
| प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ | |
| सीरीज़ परिणाम | भारत महिला 2025/26 ICC महिला विश्व कप में से जीते |
| मैच नंबर | महिला वनडे नं. 1520 |
| खेल के घंटे (ग्राउंड टाइम) | 15.00 start, First Session 15.00-18.10, Interval 18.10-18.40, Second Session 18.40-22.10 |
| मैच के दिन | 2 November 2025 - दिन-रात का मैच (50-ओवर का मैच) |
| अंपायर्स | |
| टीवी अंपायर | |
| रिज़र्व अंपायर | |
| मैच रेफ़री | |

