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गंभीर: जैसे ही जायसवाल वनडे क्रिकेट की शैली से तालमेल बैठा लेंगे तो उनके पास अपार संभावनाएं होंगी

गंभीर ने कहा कि जब भी संभव होगा जायसवाल और गायकवाड़ जैसे खिलाड़ियों को मौक़े मिलते रहेंगे

ESPNcricinfo स्टाफ़
07-Dec-2025 • 13 hrs ago
Yashasvi Jaiswal celebrates his fifty, India vs South Africa, 3rd ODI, Visakhapatnam, December 6, 2025

Yashasvi Jaiswal ने अपना पहला वनडे शतक जड़ा  •  Associated Press

भारतीय कोच गौतम गंभीर ने तीसरे वनडे में यशस्वी जायसवाल की शतकीय पारी के बाद कहा कि उन्हें बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज़ के करियर में आगे काफ़ी बड़ी संभावनाएं नज़र आ रही हैं।
जायसवाल भारतीय टेस्ट दल का नियमित हिस्सा हैं लेकिन उन्होंने अब तक केवल चार वनडे ही खेले हैं। साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ वनडे सीरीज़ में उन्हें मौक़ा नियमित सलामी बल्लेबाज़ और कप्तान शुभमन गिल के चोटिल होने के चलते मिला।
साउथ अफ़्रीका पर भारत की नौ विकेट से जीत के बाद गंभीर ने कहा, "वनडे क्रिकेट में ज़रूरी चीज़ यह है कि आपको पता होना चाहिए कि आप किस शैली में क्रिकेट खेलना चाहते हैं। जब आप लाल गेंद क्रिकेट खेलकर वनडे क्रिकेट खेलने आते हैं तो आपको लगता है कि यहां आपको आक्रामक शैली में खेलना है लेकिन आपको वनडे क्रिकेट में आक्रामक बल्लेबाज़ी करने की ज़रूरत नहीं है। आप इसे 30 और 20 ओवर में भी विभाजित कर सकते हैं।"
"अगर आप 30 ओवर वनडे क्रिकेट की तरह खेलते हैं तो जो क्षमता जायसवाल के पास है वह तब तक शतक के पास होंगे। इसके बाद भी आपके पास 20 ओवर बचे होंगे और आप इस चरण में T20 क्रिकेट की तरह खेल सकते हैं। सिर्फ़ शैली का अनुसरण करना ज़रूरी है। यह जायसवाल का सिर्फ़ चौथा मैच था। जिस समय उन्हें यह पता लग गया कि वनडे क्रिकेट में किस शैली से बल्लेबाज़ी करनी है तब फिर उनके पास अनंत संभावनाएं होंगी।"
जायसवाल ने पूरी पारी में बल्लेबाज़ी की, पहले उन्होंने रोहित शर्मा के साथ पहले विकेट के लिए 155 रन जोड़े और फिर विराट कोहली के साथ 116 रनों की नाबाद साझेदारी करते हुए अंत तक डटे रहे। इस सीरीज़ में इससे पहले ऋतुराज गायकवाड़ ने भी शतक जड़ा, जो कि ख़ुद भी वनडे दल का नियमित हिस्सा नहीं हैं और उन्होंने ऐसे स्थान पर बल्लेबाज़ी करते हुए शतक जड़ा जिस स्थान पर वह अमूमन बल्लेबाज़ी नहीं करते हैं।
"ऋतु ने अपने नियमित स्थान से दूसरे क्रम पर बल्लेबाज़ी की। हम सभी जानते हैं कि वह बेहरतीन बल्लेबाज़ हैं। जिस तरह वह इंडिया ए के लिए प्रदर्शन कर रहे थे उसे देखते हुए हम उन्हें इस सीरीज़ में मौक़ा देना चाहते थे और उन्होंने मौक़े को अच्छी तरह से भुनाया। हमने 40 पर दो विकेट गंवा दिए थे और उस स्थिति में बल्लेबाज़ी करने आने के बाद शतक लगाना वाकई प्रशंसनीय था।"
हालांकि दोनों ही खिलाड़ियों को अपनी जगह एक बार फिर गंवानी पड़ सकती है। गिल साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ T20I सीरीज़ में वापसी करने के लिए तैयार हैं और श्रेयस अय्यर भी चोट से उबर रहे हैं।
"देखिए, हमें जब भी मौक़ा मिलता है हम नए खिलाड़ियों को अवसर प्रदान करने की कोशिश करते हैं। क्योंकि हम आगामी विश्व कप के लिए 20-25 खिलाड़ियों का एक ग्रुप चाहते हैं। लेकिन ज़ाहिर तौर पर जब आपके कप्तान और उपकप्तान (वनडे में अय्यर) वापस आ जाते हैं तो आपको उन्हीं से शुरुआत करनी होगी। लेकिन जिस तरह का उन्होंने (जायसवाल और गायकवाड़) प्रदर्शन किया है, हमें जब संभव होगा हम उन्हें मौक़ा ज़रूर देंगे।"
अपने वनडे एकादश में भारत पारी के दौरान आक्रामक शैली को बरक़रार रखने के लिए बल्लेबाज़ी लाइन अप में गहराई सुनिश्चित करने की ओर देख रहा है और इसके लिए उनके पास हर्षित राणा का विकल्प है।
"यह उन कारणों में से एक है कि हम क्यों हर्षित जैसे खिलाड़ियों को विकसीत करना चाहते हैं जो कि आठवें नंबर पर बल्लेबाज़ी कर टीम के लिए योगदान दे सके। आप इसी तरह टीम में संतुलन खोज सकते हैं क्योंकि दो वर्ष बाद हमें साउथ अफ़्रीका में खेलना है जहां तीन विशेषज्ञ तेज़ गेंदबाज़ों की ज़रूरत होगी।"
"और अगर वह एक गेंदबाज़ी ऑलराउंडर के रूप में विकसीत होना जारी रखते हैं तो इससे हमें काफ़ी मदद मिलेगी। ज़ाहिर तौर पर जसप्रीत बुमराह वापस आएंगे और इस सीरीज़ में हमने हर्षित, अर्शदीप (सिंह) और प्रसिद्ध (कृष्णा) की ओर से जैसा प्रदर्शन देखा वो वाकई लाजवाब है। विशेषकर वनडे में इन तीनों को पास खेलने का अधिक अनुभव नहीं है लेकिन इसके बावजूद इन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया। ऐसे में हमें अगर हर्षित जैसा विकल्प मिलता है जो नंबर आठ पर बल्लेबाज़ी कर सके तो ऐसी स्थिति में हमारे पास टीम का अच्छा संतुलन होगा। देखते हैं, आगे क्या होता है। अभी काफ़ी समय बाक़ी है।"
भारत लाल गेंद और सफ़ेद गेंद दोनों ही प्रारूपों में वॉशिंगटन सुंदर का भी अलग-अलग भूमिकाओं में इस्तेमाल करता रहा है। गंभीर ने इस पहलू पर भी अपने विचार रखे: "मैं हमेशा से यह मानते आया हूं कि सफ़ेद गेंद क्रिकेट में बल्लेबाज़ी क्रम को ज़रूरत से ज़्यादा तरजीह दी जाती है। सलामी जोड़ी को छोड़ दें तो बल्लेबाज़ी क्रम को ज़रूरत से ज़्यादा तरजीह दी जाती है। हां लेकिन टेस्ट क्रिकेट में आपके पास एक निश्चित बल्लेबाज़ी क्रम होना चाहिए। लेकिन हां, आप उस व्यक्ति के बारे में बात कर रहे हैं जिसने मैनचेस्टर में शतक जड़ा, ओवल में अर्धशतक लगाया और टेस्ट क्रिकेट में जिसकी 40 से ऊपर की औसत है।"
"कभी-कभी आपको टीम का संतुलन भी देखना होता है और वॉशी ने चाहे वह नंबर तीन हो, पांच, सात या आठ हो हर स्थान पर बल्लेबाज़ी की है और शानदार प्रदर्शन किया है। वह हमेशा टीम के लिए बेहतर प्रदर्शन करना चाहते हैं। हमने उन्हें मैनचेस्टर में नंबर पांच पर बल्लेबाज़ी के लिए कहा और उन्होंने शतक लगाया। फिर अगले टेस्ट में उन्हें नंबर आठ पर बल्लेबाज़ी के लिए कहा और उन्होंने अर्धशतक लगाया। ईडन गार्डेन्स में उन्होंने नंबर तीन पर बल्लेबाज़ी की और गुवाहाटी में एक बार फिर उन्होंने नंबर आठ पर बल्लेबाज़ी की। तो मुझे लगता है कि हमें ऐसे खिलाड़ियों की ज़रूरत है जो टीम के लिए हमेशा अपना सबकुछ देने के लिए तैयार रहते हों। मुझे विश्वास है कि वह ऐसा करते रहेंगे और हमें उन्हें विकसीत करना जारी रखना होगा क्योंकि वह भारतीय क्रिकेट का सुनहरा भविष्य हैं।"