बुमराह: टेस्ट में सफलता के लिए चाहिए बहुत सारा धैर्य
साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ कोलकाता टेस्ट की पहली पारी में भारतीय तेज़ गेंदबाज़ ने खोला है पंजा
ESPNcricinfo स्टाफ़
14-Nov-2025 • 3 hrs ago
भारत और साउथ अफ़्रीका के बीच कोलकाता में खेले जा रहे पहले टेस्ट का पहला दिन जसप्रीत बुमराह के नाम रहा। बुमराह ने शानदार गेंदबाज़ी करते हुए पंजा खोला और मेहमान टीम की पारी को 159 पर समेटने में अहम भूमिका निभाई। पांच विकेट लेने के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस में उन्होंने जिस साफ़गोई और गहराई से टेस्ट क्रिकेट की बारीकियों को समझाया, वह बताता है कि क्यों वह सिर्फ़ विकेट लेने वाले गेंदबाज़ नहीं, बल्कि खेल की समझ रखने वाले कलाकार हैं। बुमराह ने सबसे पहले उस मूल मंत्र पर बात की, जो उनकी सफलता की नींव है- धैर्य।
उन्होंने कहा, "टेस्ट क्रिकेट में धैर्य बहुत ज़्यादा रखना पड़ता है। टेस्ट में सफलता चाहिए तो धैर्य काफ़ी रखना होगा। विकेट हार्ड है, आउटफ़ील्ड तेज़ है। अगर आप विकेट के लिये बहुत उत्सुक हो गए या मैजिक डिलीवरी डालने की कोशिश करने लगे, तो रन बहुत तेज़ी से बनेंगे। आपको अपनी उत्सुकता कंट्रोल करके दबाव बनाना होता है। हर गेंद कुछ नहीं करेगी, लेकिन अगर आप लगातार सही एरिया में गेंद डालोगे तो विकेट मिलेंगे। यही टेस्ट क्रिकेट हैं जिसमें हर जगह आपका धैर्य परखा जाता है। कभी चार-पांच ओवर में छह-सात विकेट मिल जाते हैं, पर ज्यादातर समय बस अच्छी गेंदबाज़ी करते रहना पड़ता है। कभी ऐसा भी होता है कि अच्छी गेंदबाज़ी पर भी आपको सफलता नहीं मिलती। हालांकि, आप वो करते जाओ तो करियर में बड़े दिन भी आएंगे। मैं फिलहाल वही कर रहा हूं, ये विकेट पूरी तरह डेड नहीं है।"
बुमराह को लेकर अक्सर ये सवाल उठते रहते हैं कि वह नेशनल टीम से काफ़ी ब्रेक लेते हैं और हमेशा टीम के लिए उपलब्ध नहीं रहते हैं। हालांकि, बुमराह ने इस सवाल का काफ़ी अच्छी तरह जवाब दिया और आलोचकों को इशारों-इशारों में ही जवाब दिया।
उन्होंने कहा, "ये मेरा सवाल नहीं है तो मैं इसका जवाब नहीं देना चाहूंगा। हालांकि, मैं हर प्रारूप में अपना बेस्ट देने की कोशिश करता हूं। मैं अपनी बॉडी का ध्यान रखता हूं, जितना खेल सकता हूं खेलता हूं। मैंने इसी तरह अपने करियर को देखा है। मैं भविष्य में भी ऐसा ही करते रहने की कोशिश करूंगा। सवाल-जवाब का खेल जिसे खेलना है वो खेलें, मुझे बस टीम के लिये योगदान देना है, सीखते रहना है और नए तरीके ढूंढते रहना है।"
भारत में टेस्ट क्रिकेट या प्रथम श्रेणी क्रिकेट में स्पिनर्स से काफ़ी उम्मीदें रहती हैं। अक्सर यही देखा भी जाता है कि इन मैचों में स्पिनर्स अपना जलवा बिखेरते हैं और गुच्छों में विकेट निकालते हैं। हालांकि, बुमराह ऐसे तेज़ गेंदबाज़ हैं जो अपने प्रदर्शन से लगातार ख़ुद को स्पिनर्स के सामने तारीफ़ के काबिल बनाए रखते हैं। जब उनसे भारत में तेज़ गेंदबाज़ होने के नाते इस प्रदर्शन के मायने पूछे गए, तो उनके चेहरे पर संतोष साफ़ था।
उन्होंने कहा, "भारत में जब आप टेस्ट खेलते हैं तो आमतौर पर आपको पता होता है कि स्पिनर्स बहुत विकेट लेते हैं। तो जब आप छोटे-छोटे स्पेल में आकर प्रभाव डालते हो, प्रेशर बनाते हो, तो बहुत अच्छा लगता है क्योंकि हमें पता है कि हमारे पास कितने सारे स्पिनर्स हैं। छोटे स्पेल में आकर आप दबाव बनाना चाहते हैं और जब आप प्रभाव छोड़ने में कामयाब रहते हैं तो यह काफ़ी अच्छा लगता है। दोनों सिरों से दबाव बनता है और आप अपना असर दिखाते हो। मैं बहुत खुश हूं और उम्मीद है कि टेस्ट मैच में अभी और काम करना बाक़ी है।"
मैच के पहले दिन गेंद में बहुत अधिक टर्न तो नहीं दिखा, लेकिन अनियमित उछाल ने जरूर सबका ध्यान खींचा। नई गेंद से ही देखने को मिला था कि कुछ गेंदें काफ़ी नीची रहीं और कुछ ने सामान्य से अधिक उछाल लिया। साउथ अफ़्रीका के बल्लेबाज़ी कोच एश्वेल प्रिंस इस अनियमित उछाल से नाखुश दिखाई दिए और उन्होंने इसकी आलोचना भी की है।
इसके बारे में पूछे जाने पर बुमराह ने कहा, "ऐसा हो सकता है, लेकिन ये टेस्ट क्रिकेट की चुनौती है। अलग-अलग परिस्थितियों में चुनौतियां अलग होती हैं। साउथ अफ़्रीका में हमारा टेस्ट पांच सेशन में समाप्त हो गया था। विकेट कैसा होना चाहिए इसको लेकर कोई आसान जवाब नहीं है। हम इंग्लैंड जाते हैं तो माहौल अलग होता है। ऑस्ट्रेलिया में अलग चुनौती रहती है। हमें तालमेल बैठाना होता है। एक टीम के रूप में हम चीज़ों पर सवाल नहीं उठाते। हम स्किल वाले लोग हैं इसीलिए देश की टीम में हैं। हमें तालमेल बैठाने का रास्ता निकालना होता है क्योंकि प्रोफेशनल क्रिकेट इसी तरह चलती है। टेस्ट की यही खूबसूरती है कि आपकी स्किल टेस्ट की जाती है।"
