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चोट से जूझ रहे मार्क वुड हुए ऐशेज़ से बाहर, लौटेंगे इंग्लैंड

मैंथ्यू फ़िशर लेंगे उनकी जगह, बाएं घुटने में चोट के दोबारा उभरने से परेशान हैं वुड

ESPNcricinfo स्टाफ़
09-Dec-2025 • 1 hr ago
Mark Wood grimaces as Australia fly out of the traps, Australia vs England, 1st Test, The Ashes, Perth Stadium, November 22, 2025

मार्क वुड इस सप्ताह के अंत में स्वदेश लौटेंगे  •  Getty Images

इंग्लैंड के तेज़ गेंदबाज़ मार्क वुड पर्थ में पहले ऐशेज़ टेस्ट के दौरान लगी बाएं घुटने की चोट के दोबारा उभरने के बाद ऐशेज़ सीरीज़ के बाक़ी बचे मुक़ाबलों से बाहर हो गए हैं। मैथ्यू फ़िशर को उनका सब्सिट्यूट घोषित किया गया है।
छह फ़ुट दो इंच लंबे फ़िशर ने अपना इकलौता टेस्ट 2022 में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ खेला था। वह पहले से ही इंग्लैंड लायंस टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया में मौजूद हैं और इस सप्ताह सीनियर टीम से जुड़ जाएंगे। एडिलेड में होने वाला तीसरा टेस्ट 17 दिसंबर से शुरू होगा।
वुड जनवरी में 36 वर्ष के हो जाएंगे और मेलबर्न व सिडनी में होने वाले अंतिम दो टेस्ट के लिए उपलब्ध रहने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उम्र अब उन पर असर डालने लगी है। ECB के एक बयान में कहा गया, "वुड इस सप्ताह के अंत में स्वदेश लौटेंगे और अपने रिहैब और रिकवरी के लिए ECB की मेडिकल टीम के साथ मिलकर काम करेंगे।"
वुड ने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा, "ऐशेज़ के बाक़ी मुक़ाबलों से बाहर होकर बेहद दुखी हूं। सर्ज़री और वापसी के लिए सात महीनों की लंबी, कड़ी मेहनत और रिहैब के बाद भी मेरा घुटना साथ नहीं दे पाया। हममें से किसी को इसकी उम्मीद नहीं थी। मैं यहां बड़ा असर डालने की पूरी उम्मीद के साथ आया था। मुझे बेहद निराशा है कि और इंजे़क्शन और गहन चिकित्सकीय इलाज के बावजूद मेरे घुटने की सूजन की स्थिति हमारी आशंका से भी ज्यादा ख़राब है।
"मुझे बहुत अफ़सोस है कि मैं उम्मीद के मुताबिक़ प्रदर्शन नहीं कर पाया, लेकिन मेरी कोशिश में कोई कमी नहीं थी। आगे जो भी हो, मैं दोबारा वापसी के लिए अपनी पूरी ताक़त लगाता रहूंगा। पिछले कुछ महीने बेहद कठिन रहे हैं, लेकिन मैं फिर से पूरी तरह कोशिश करने के लिए दृढ़ संकल्पित हूं। मुझे अब भी विश्वास है कि हम हालात पलट सकते हैं। कभी हार मत मानो, चलो बढ़ो, इंग्लैंड।"
वुड ने फ़रवरी में इंग्लैंड के चैंपियंस ट्रॉफ़ी अभियान के दौरान मैदान से लंगड़ाते हुए बाहर जाने के बाद अपने बाएं घुटने की सर्जरी कराई थी। पर्थ में सीरीज़ का पहला मुक़ाबला 15 महीनों में उनका पहला टेस्ट मैच था। उन्होंने उस मैच में 11 ओवर गेंदबाजी की, लेकिन कोई विकेट नहीं ले सके और घुटने में दर्द की शिक़ायत के बाद उन्हें विशेषज्ञ के पास भेजा गया। वह ब्रिस्बेन में हुए दूसरे टेस्ट में नहीं खेले, जिसे ऑस्ट्रेलिया ने आठ विकेट से जीतकर सीरीज में 2-0 की बढ़त बना ली।