कितने गेंदबाज़ों ने तीनों फ़ॉर्मेट में 100-100 विकेट लिए हैं?

नक़ाबा पीटर एकमात्र गेंदबाज़ हैं, ज़िन्होंने एक वनडे में तीन बल्लेबाज़ों को कॉट एंड बोल्ड कराया © Getty Images

साउथ अफ़्रीका के हालिया वनडे में चार पाकिस्तानी बल्लेबाज़ कॉट एंड बोल्ड हुए, ज़िनमें से तीन नक़ाबा पीटर के थे। क्या यह किसी रिकॉर्ड के बराबर या नया रिकॉर्ड था? साउथ अफ़्रीका से मेंडेल बाकर ने पूछा

आप ज़िस मैच की बात कर रहे हैं, वह पिछले सप्ताह फ़ैसलाबाद में खेले गए दूसरे वनडे की है, ज़ब पाकिस्तान की पारी के दौरान चार बल्लेबाज़ कॉट एंड बोल्ड हुए थे। यह एक वनडे रिकॉर्ड की बराबरी थी। इससे पहले जनवरी 1999 में इंग्लैंड की पारी में भी ऐसा हुआ था, जब ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ एडिलेड में ब्रेंडन ज़ूलियन और शेन वार्न ने दो-दो विकेट इस तरह लिए थे।

पिछले सप्ताह साउथ अफ़्रीकी लेग स्पिनर नक़ाबा पीटर ने तीन बल्लेबाज़ों को कॉट एंड बोल्ड किया, ज़ो वनडे इतिहास में पहली बार हुआ है। इससे पहले 11 बार किसी वनडे पारी में, तीन कॉट एंड बोल्ड हुए हैं, लेकिन कभी भी एक ही गेंदबाज़ ने तीनों नहीं लिए थे।

ज़सप्रीत बुमराह ने T20I में 99 विकेट लिए हैं। कितने गेंदबाज़ों ने तीनों फ़ॉर्मेट में 100 या उससे ज़्यादा विकेट लिए हैं? कनाडा से परितोष गुप्ता ने पूछा
आप सही हैं कि ज़सप्रीत बुमराह के पास इस समय T20I में 99 विकेट हैं, साथ ही उनके पास टेस्ट में 226 और वनडे में 149 विकेट हैं। उन्हें T20I में सिर्फ़ एक और विकेट चाहिए ताकि वह तीनों फ़ॉर्मेट में 100 विकेट पूरे करने वाले सिर्फ पांचवें गेंदबाज़ बन ज़ाएं। इससे पहले यह उपलब्धि हासिल करने वाले गेंदबाज़ हैं- टिम साउदी (टेस्ट 391, वनडे 221, T20I 164), शाकिब अल हसन (246, 317, 149), शाहीन शाह अफ़रीदी (121, 132, 122) और लसित मलिंगा (101, 338, 107)।

एक और मौज़ूदा खिलाड़ी ज़ेसन होल्डर भी इस उपलब्धि के क़रीब हैं। न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ वेस्टइंडीज़ की T20 सीरीज़ के आख़िरी मैच से पहले उनके पास टेस्ट में 162, वनडे में 159 और T20I में 97 विकेट हैं। ज़िम्बाब्वे के सिकंदर रज़ा के पास भी T20I में 99 विकेट हैं, लेकिन उनके टेस्ट (40) और वनडे (94) विकेट कम हैं।

अपने आख़िरी 25 टेस्ट में सबसे अच्छा बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी औसत किनका है? भारत से राममोहन रॉय ने पूछा
आख़िरी 25 टेस्ट में सबसे ज़्यादा औसत वाले बल्लेबाज़ का नाम ज़ानकर हैरानी नहीं होग। डॉन ब्रैडमैन ने अपने आख़िरी 25 टेस्ट में 15 शतक सहित 3468 रन बनाए और उनका औसत 105.09 का रहा। इसके बाद न्यूज़ीलैंड के केन विलियमसन हैं, जिन्होंने अपने पिछले 25 टेस्ट में 66.67 की औसत से रन बनाए हैं। अगर उनका औसत घटता है, तो दूसरा स्थान फिर कुमार संगकारा (64.05) को मिलेगा। जिन्होंने 50 या उससे ज़्यादा टेस्ट खेले हैं, उनमें एंडी फ्लावर (63.83), शिवनारायण चंदरपाल (60.91) और क्लाइव लॉयड (60.14) भी शामिल हैं।

गेंदबाज़ों में सबसे आगे मौज़ूदा खिलाड़ी ज़सप्रीत बुमराह हैं, ज़िन्होंने अपने पिछले 25 टेस्ट में 17.63 की औसत से 120 विकेट लिए हैं। अन्य गेंदबाज़ों में एलेक बेडसर (18.68) और कर्टली एम्ब्रोज़ (18.78) भी 20 से कम औसत पर रहे हैं, ज़बकि ज़ॉश हेज़लवुड ने अपने पिछले 25 टेस्ट में 20.35 की औसत से ठीक 100 विकेट लिए हैं।

बरमूडा ने सिर्फ़ 2007 वनडे विश्व कप खेला था और वह रॉबिन उथप्पा का शानदार कैच लेने वाले ड्वेन लिवरॉक के कारण याद किया ज़ाता है © Getty Images

1968 के ओवल टेस्ट में जॉन इन्वेरैरिटी आख़िरी बल्लेबाज़ के रूप में आउट हुए थे, जबकि उन्होंने पारी की शुरुआत की थी। ऐसा कितनी बार हुआ है कि कोई सलामी बल्लेबाज़ दसवें विकेट के रूप में आउट हुआ हो? इंग्लैंड से रॉबर्ट वॉट्स ने पूछा
जब जॉन इन्वेरैरिटी अगस्त 1968 में ओवल टेस्ट में आख़िरी विकेट के रूप में आउट हुए, तब यह केवल पांचवीं बार हुआ था कि कोई सलामी बल्लेबाज़ किसी टेस्ट की पारी में दसवें विकेट के रूप में आउट हुआ हो। पहली बार यह जनवरी 1904 में हुआ था, जब ऑस्ट्रेलिया के विक्टर ट्रंपर मेलबर्न में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ आख़िरी बल्लेबाज़ बने थे। इसके बाद यह 44 साल तक नहीं हुआ, ज़ब तक कि लेन हटन 1948 में ओवल पर आख़िरी बल्लेबाज़ के रूप में आउट नहीं हुए। तब इंग्लैंड की पूरी टीम 52 पर सिमट गई थी।

हाल के वर्षों में यह थोड़ा ज़्यादा हुआ है, लेकिन अब तक कुल 29 बार ही ऐसा हुआ है। इनमें से तीन बार वेस्टइंडीज़ के डेसमंड हेंस शामिल रहे हैं, जो एकमात्र बल्लेबाज़ हैं, जो दोनों पारियों में आख़िरी बल्लेबाज़ के रूप में आउट हुए। ऐसा न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ डुनेडिन में फ़रवरी 1980 में हुआ था। उन्होंने यह कारनामा नवंबर 1987 में भारत के ख़िलाफ़ दिल्ली में भी किया था। किसी और बल्लेबाज़ ने यह दो बार नहीं किया है।

लॉर्ड्स टेस्ट (ज़ून 2021) में न्यूज़ीलैंड के डेब्यू खिलाड़ी डेवन कॉन्वे ने भी ऐसा किया था।

क्या कुछ ऐसी टीमें भी हैं, ज़िन्होंने सिर्फ़ एक विश्व कप खेला है? इंग्लैंड से हैरिसन मिलर ने पूछा

तीन टीमों ने केवल एक बार पुरुषों के 50-ओवर विश्व कप में हिस्सा लिया है। ईस्ट अफ़्रीका की टीम ने पहला विश्व कप (1975) खेला था, जबकि नामीबिया ने 2003 में और बरमूडा ने 2007 का विश्व कप खेला था।

तीन देशों ने सिर्फ़ एक बार T20 विश्व कप खेला है। केन्या ने पहली बार 2007 में खेला था, जबकि 2024 के टूर्नामेंट में पहली बार कनाडा और युगांडा ने हिस्सा लिया। बरमूडा और युगांडा (और ईस्ट अफ़्रीका) ने दोनो फ़ॉर्मेट में सिर्फ एक-एक विश्व कप खेला है।

महिला क्रिकेट में स्कॉटलैंड और थाईलैंड ने एक-एक बार T20 विश्व कप खेला है (और कभी 50-ओवर वर्ल्ड कप नहीं खेला), ज़बकि जमैका, त्रिनिदाद एंड टोबैगो और यंग इंग्लैंड ने 1973 के पहले वनडे विश्व कप में हिस्सा लिया था।

ऊपर दिए गए कुछ उत्तरों में ESPNcricinfo की स्टैट्स टीम के शिवा जयरमन ने मदद की है।

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स्टीवन लिंच Wisden on the Ashes के संपादक हैं

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