श्रीलंका के पहले टेस्ट कप्तान बांडुला वर्णपुरा का निधन
विश्व कप में श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने बांह पर काली पट्टी लगाकर दी श्रद्धांजलि
ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो स्टाफ़
19-Oct-2021
श्रीलंका के पहले टेस्ट कप्तान बांडुला वर्णपुरा का सोमवार को कोलंबो के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। 68 वर्षीय वर्णपुरा पूर्व कोच और श्रीलंका क्रिकेट के प्रशासक भी रहे हैं। उन्हें शुगर की बीमारी थी, जिसके चलते वह कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे।
वर्णपुरा की याद में श्रीलंका की टीम ने नामीबिया के ख़िलाफ़ टी20 विश्व कप के अपने पहले मुक़ाबले में अपने हाथों में काली पट्टी भी लगाई। दांबुल्ला में खेलते हुए अंडर-19 टीम ने भी अपने मैच में ऐसा ही किया।
वर्णपुरा ने 1975 और 1982 के बीच श्रीलंका के लिए 12 वनडे और चार टेस्ट मैच खेले। उन्होंने चारों टेस्ट और कुल आठ वनडे में अपने देश की कप्तानी की। 1982 में श्रीलंका के इतिहास में वह पहले टेस्ट कप्तान भी बने और दूसरी पारी में बतौर सलामी बल्लेबाज़ 38 रन उनका सर्वाधिक स्कोर भी रहा।
Deeply saddened by the passing away of Bandula Warnapura. He did immense service to Sri Lankan and Asian cricket as a player and an administrator. It was such a joy to chat to him on everything cricket. A good and gentle man. We will miss him. Our thoughts are with his loved ones
— Kumar Sangakkara (@KumarSanga2) October 18, 2021
It's Sad to hear the news of SL first test captain Bandula Warnapura's demise after a brief illness. Thoughts are with his wife and children.. He coached me at Nalanda and was a steady influence in my growth as a cricketer and a person. May you attain Nibbana Sir !!! pic.twitter.com/muIfBO14cZ
— Mahela Jayawardena (@MahelaJay) October 18, 2021
1975 विश्व कप में वेस्टइंडीज़ के विरुद्ध उन्होंने अपना पहला वनडे खेला था और उसी प्रतियोगिता में डेनिस लिली और जेफ़ थॉमसन की जोड़ी के ख़िलाफ़ उन्होंने 39 गेंदों पर 31 रन भी बनाए थे। वनडे क्रिकेट में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 77 रनों की पारी थी, जो उन्होंने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ कराची में महज़ 98 गेंदों पर 1982 में बनाया था। यह उनका अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में इकलौता अर्धशतक था। वर्णपुरा एक कारगर मध्यम गति के गेंदबाज़ भी थे और उनके नाम आठ वनडे विकेट भी हैं। वह उन चुनिंदा खिलाड़ियों में आते हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी दोनों में ओपन किया हो।
वर्णपुरा का करियर तब ख़त्म हुआ जब 1982-83 सत्र में उन्होंने साउथ अफ़्रीका में 'रेबेल' दौरे में हिस्सा लिया और श्रीलंका क्रिकेट (एसएलसी) ने उन पर प्रतिबंध लगा दिया। सालों बाद प्रतिबंध हटने के बाद ही वह प्रशासक बने। बतौर प्रशासक वह कई क्रिकेट और चयन समितियों का भाग रहे और 1990 के दशक में उन्होंने कोच की भूमिका भी निभाई।
उनके निधन पर महेला जयवर्दना, सनथ जयसूर्या और कुमार संगकारा जैसे कई पूर्व खिलाड़ियों ने शोक व्यक्त किया है।
अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सीनियर असिस्टेंट एडिटर और स्थानीय भाषा प्रमुख देबायन सेन ने किया है।