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कोविड के डर से इंग्लैंड और भारत के बीच पांचवां टेस्ट रद्द

ईसीबी ने बयान में कहा, "टीम में ज्यादा केस सामने आने के डर से भारत खेलने को तैयार नहीं था।"

मैदान पहुंचे प्रशंसकों के लिए भी यह बुरा दिन रहा  •  Getty Images

मैदान पहुंचे प्रशंसकों के लिए भी यह बुरा दिन रहा  •  Getty Images

भारतीय टीम में कोविड केस बढ़ने के कारण इंग्लैंड और भारत के बीच शुक्रवार से मैनचेस्टर में खेले जाने वाला पांचवां और आख़िरी टेस्ट रद्द कर दिया गया है।
इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने बयान में कहा, "टीम में ज्यादा केस सामने आने के डर से भारत खेलने को तैयार नहीं था। हम अपने फैंस और पार्टनरों से माफी चाहते हैं, जिन्हें निराशा हाथ लगी है।"
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और ईसीबी ने मिलकर लिया है। भारतीय टीम ने पांच टेस्ट की सीरीज़ में 2-1 से बढ़त बनाई हुई थी। बता दें कि गुरुवार को ही भारतीय टीम के असिस्टेंट फ़िज़ियो योगेश परमार कोरोना पॉज़िटिव पाए गए थे। शुक्रवार को पहले सामने आया था कि मैच होगा या नहीं इस पर कोई फ़ैसला शनिवार को लिया जाएगा, लेकिन थोड़ी ही देर बाद मैच के रद्द होने की बात सामने आई।
ईएसपीएनक्रिकइंफो को यह पता चला है कि एक से ज़्यादा भारतीय खिलाड़ी ने बीसीसीआई से मैदान पर उतरने को लेकर चिंता जाहिर की थी। हालांकि, गुरुवार की सुबह ही भारतीय टीम के सभी खिलाड़ियों का ताज़ा कोरोना टेस्ट हुआ था, जिसकी रिपोर्ट शुक्रवार सुबह तक आएगी।
यह सामने आया है कि खिलाड़ी और दोनों ही बोर्ड को यह डर था कि मैच के बीच में कोई केस सामने नहीं आ जाए और इसके बाद बीसीसीआई ने ईसीबी से कहा कि भारत को पांचवें टेस्ट के लिए अंतिम 11 देने में दिक्कत आ रही है। यह टेस्ट 10 से 14 सितंबर के बीच मैनचेस्टर में खेला जाना था।
पिछले दो दिनों से भारतीय कैंप में एक तरह की उलझन थी। यहां तक की बीसीसीआई भी ईसीबी के साथ में मिलकर चर्चा कर रहा था कि सीरीज़ को जारी रखा जाए या रद्द कर दिया जाए। गुरुवार की रात तक जो भी बातचीत हुई उसमें भारतीय टीम के दल को यह पता नहीं था कि बीसीसीआई क्या फ़ैसला लेगा। हालांकि यह पता चला है कि बीसीसीआई ने खिलाड़ियों को अपने बैग पैक करके संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के लिए उड़ान भरने के लिए तैयार रहने को कह दिया था, जहां 15 सितंबर को भारत और इंग्लैंड टीम के खिलाड़ियों को एक ही चार्टर फ़्लाइट से जाना था।
इसके बाद शुक्रवार सुबह, टॉस होने के कुछ घंटे पहले भारतीय कैंप को उनके वाट्सएप ग्रुप पर एक मैसेज मिलता है। पहला मैसेज था, "मैच रद्द हो गया है। यह ज़रूरी है कि आप सभी अपने कमरों में रहें। इसके 10 मिनट बाद एक और मैसेज आया, "हम आपके कमरे में अभी ब्रेकफ़ास्ट नहीं दे सकते हैं, अगर आप रेस्तरां में जाकर खाना चाहें, तो जा सकते हैं।"
यह पहला मौक़ा नहीं है जब भारतीय कैंप में इस तरह के मिलेजुले मैसेज भेजे गए। गुरुवार को जब पूरी भारतीय टीम का आरटी-पीसीआर टेस्ट निगेटिव आया, तो यह सामने आया कि बीसीसीआई के साथ बैठक के लिए सारे खिलाड़ी एक कमरे में वर्चुअल बातचीत के लिए जुटे।
यह ड्रामा तब खुल गया जब बुधवार को ओल्ड ट्रैफ़र्ड में पहले दिन की ट्रेनिंग से लौटते वक्त परमार में कोविड-19 लक्षण उभर गए। बीसीसीआई की मेडिकल टीम ने तुरंत सभी खिलाड़ियों को उनके कमरों में भेज दिया। यह इसीलिए क्योंकि पिछले सप्ताह में परमार काफ़ी खिलाड़ियों के संपर्क में आए थे। चौथे टेस्ट के बीच में परमार ही टीम के पास एकमात्र फ़िजियो बचे थे, क्योंकि टेस्ट के तीसरे दिन की शाम प्रमुख कोच रवि शास्त्री कोविड पॉज़िटिव पाए गए थे और प्रमुख फ़िज़ियो नितिन पटेल को उनका नज़दीकी संपर्क होने के कारण आइसोलेट कर दिया गया था।
पटेल के साथ ही गेंदबाज़ी कोच भरत अरुण और क्षेत्ररक्षण कोच आर श्रीधर को भी शास्त्री का नज़दीकी संपर्क पाया गया। हालांकि, यह पकड़ पाना बहुत मुश्किल हो गया कि परमार किनके संपर्क में आए थे, क्योंकि उन्होंने उस दौरान कई खिलाड़ियों का इलाज किया था, जिसमें रोहित शर्मा, चेतेश्वर पुजारा, रवींद्र जाडेजा, मोहम्मद सिराज, मोहम्मद शमी, इशांत शर्मा शामिल थे। ये सभी खिलाड़ी बाद में कई अन्य खिलाड़ियों के साथ मिले जुले। ऐसे में नज़दीकी संपर्क का पता लगा पाना मुश्किल हो गया।
बीसीसीआई के साथ बातचीत में खिलाड़ियों ने इस स्थिति से उनके परिवार पर असर पड़ने की भी चिंता जताई थी। कोहली, रोहित, रहाणे, पुजारा, जसप्रीत बुमराह, इशांत, उमेश जैसे ज़्यादातर खिलाड़ी अपने परिवार के साथ यात्रा कर रहे हैं।
बीसीसीआई के लिए सबसे बड़ी चिंता यह थी कि वह इसका असर आईपीएल पर नहीं पड़ने देना चाहती, जो अगले नौ दिनों में शुरू हो रहा है। इसको ध्यान में रखते हुए बीसीसीआई ने आख़िरी टेस्ट को रद्द करने के बारे में चर्चा की, लेकिन ईसीबी ने यह साफ़ कर दिया था कि अगर वह खेलने से मना करते हैं तो इसे उनकी हार के तौर पर अंकित किया जाएगा। बीसीसीआई इंग्लैंड को ऐसे सीरीज़ बराबर करने नहीं देना चाहती थी। इसके अलावा अगर यह मैच नहीं खेला जाता है तो बीसीसीआई को मैदान और होस्ट ब्रॉडकास्टर के नुक्सान की भरपाई करनी होगी। इसके चलते उन्हें लगभग 300 करोड़ रुपये चुकाने पड़ सकते है।
हालांकि, विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) की प्लेयिंग कंडीशन यह इजाज़त देती है कि टीम में कोविड-19 केस आने के बाद मैच ना खेलने के प्रस्ताव को स्वीकारा जा सकता है, और टेस्ट को रद्द करार किया जाएगा, ना की फ़ोरफ़िट। अब क्योंकि डब्ल्यूटीसी का अंक सिस्टम प्वाइंट्स प्रतिशत पर निर्धारित है तो पांच की जगह चार टेस्ट की सीरीज़ होने से किसी टीम के कुल अंकों पर फ़र्क नहीं पड़ेगा।
जहां तक सीरीज़ परिणाम की बात है तो आईसीसी मैच रेफ़री क्रिस ब्रॉड इसका फ़ैसला करेंगे। यह उस बात पर निर्भर करता है कि ईसीबी भारत के प्रस्ताव को मानता है या नहीं। यदि ईसीबी यह मान लेता है तो भारत यह सीरीज़ 2-1 से जीत जाएगा, लेकिन अगर नहीं तो यह मामला आईसीसी की विवाद समाधान समिति के पास जाएगा। मौजूदा समय में सीरीज़ के कुल 48 अंकों में से भारत के पास 26 अंक और इंग्लैंड के पास 14 अंक है।

नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo में न्यूज एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है। @nikss26