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जसप्रीत बुमराह आए और इंग्लैंड को धराशायी करके चले गए

बुमराह का जादुई स्पेल और एक घंटे के अंदर इंग्लैंड के हाथों से मैच फिसल गया

चलिए आज मैं आपको एक कहानी सुनाता हूं।
यह उस पिच से शुरू होती है जो इतनी सपाट और फ़्लैट हो चुकी है कि पूर्व खिलाड़ियों का मानना है कि शायद 368 रनों का लक्ष्य पार किया जा सकता है। इस खेल के इतिहास में केवल नौ बार इससे बड़ा लक्ष्य हासिल किया गया है, लेकिन 5 और 6 सितंबर को इस पिच को देखते हुए उम्मीद लगाई जा रही थी कि शायद यह 10वां मौक़ा हो सकता है। पिच इतनी फ़्लैट थी कि मोईन अली के अनुसार पुछल्ले बल्लेबाज़ भी मेज़बान टीम के अच्छे तेज़ गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ स्ट्रेट ड्राइव लगा रहे थे।
मौसम भी गर्म है। आसमान साफ़ और बारिश का कोई नामों निशान नहीं है। लेकिन इंग्लैंड के मौसम का सही अनुमान लगाना लगभग नामुमकिन है। शेन वॉर्न ने इस पर अपनी टिप्पणी देते हुए कहा था कि इंग्लैंड में नौ महीने मौसम ख़राब रहता है और बचे हुए तीन महीनों में ठंड पड़ती है। हालांकि सोमवार को ऐसा लग रहा था कि इस सीरीज़ में अनगिनत मौक़ों पर बाधा डालने वाली बारिश से बदला लेने के लिए सूर्य ओवल के मैदान पर और अधिक प्रकाश डाल रहा था।
अब एंट्री होती है हमारी कहानी के हीरो जसप्रीत बुमराह की। फ़िल्मों के हीरो की तरह वह लंबे-चौड़े नहीं है। पुराने ज़माने के तेज़ गेंदबाज़ों की तरह वह हट्टे-कट्टे भी नहीं हैं। और तो और उनके गेंदबाज़ी के अंदाज़ से आपको लग सकता है कि वह थोड़े आलसी भी है। अब कौन सा तेज़ गेंदबाज़ अपने रन-अप में पहले 10-12 कदम चलता है, फिर लय पकड़ता है और आकर 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से गेंदबाज़ी करता है?
बाएं हाथ में गेंद पकड़कर वह पहले दाएं हाथ में पहने कड़े को पीछे करते हैं और फिर बाएं हाथ से दाएं हाथ को गेंद पकड़ाते हैं। पीठ थोड़ी झुकी हुई लेकिन नज़र अपने शिकार (बल्लेबाज़) पर। जिस तरह वह गेंदबाज़ी से पहले खड़े होते हैं, आपको उनमें मुथैया मुरलीधरन की झलकियां दिखाई देती हैं। रन-अप की शुरुआत करने वाले 10-12 लंबे कदम अब छोटे होने लगते है और वह चलते-चलते यूं ही दौड़ने लगते हैं। मज़े की बात तो यह है कि बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज़ नौमान अली का रन-अप बुमराह के रन-अप से लंबा है। बुमराह का रन-अप देखकर तो मुझे उस बच्चे की याद आती है जो आधी रात को चोरी-छिपे घर से बाहर निकलने के लिए आहिस्ता-आहिस्ता अपने कदम बढ़ाता है। जैसी ही उसे अपने परिवार के किसी सदस्य के जागने की आवाज़ आती है, तो वह तेज़ी से भागकर अपने कमरे में छुप जाता हैं।
ऐसा ही है हमारा हीरो। उसके विचित्र रन-अप को देखकर उसे कम आंकने की ग़लती मत करना। वह किसी भी समय बड़े से बड़े बल्लेबाज़ों को अपने जाल में फंसा सकता है। चौथे टेस्ट मैच के पांचवें दिन इंग्लैंड ठीक-ठाक खेल दिखा रहा था। अभी भी उस रिकॉर्ड रन-चेज़ की उम्मीदें जगी हुई थी। भारत ने सटीक लेंथ पर गेंदबाज़ी की और लगातार स्टंप्स पर प्रहार किया। आश्चर्य की बात यह थी कि टीम इंडिया लेग साइड पर फ़ील्डरों की झड़ी लगाकर उस जादुई चीज़ की तलाश कर रही थी, जो इस पूरी सीरीज़ में कही देखने को नहीं मिली थी - रिवर्स स्विंग। कोई नहीं जानता कि आख़िरी बार किस सीरीज़ में रिवर्स स्विंग के दर्शन हुए थे। शायद सैंड-पेपर वाली सीरीज़ में आख़िरी बार यह मायावी चीज़ देखने को मिली थी और उसके बाद किसी महान जादूगर की तरह हवा में गायब हो गई। लेकिन लंच से पहले मोहम्मद सिराज के दो ओवरों में हमें यह रिवर्स स्विंग धुंधली-धुंधली नज़र आ रही थी।
बुमराह की गेंदबाज़ी में आप शायद उनके रन-अप को ही बड़ी आसानी से पढ़ सकते हैं। अगर उनका रन-अप विचित्र है तो एक्शन विचित्रता का भंडार है। उनका बायां हाथ एकदम सीधा रहता है, लगता है जैसे वह आपको सैल्यूट करने जा रहे हों और दाहिना हाथ बिल्कुल मुड़ा हुआ। विशेषज्ञ इसे हाइपर-एक्सटेंशन कहते हैं।
विचित्रता वाले इस एक्शन के बावजूद भी वह गेंद के साथ ऐसा कमाल कर जाते हैं, जो अच्छे-अच्छे गेंदबाज़ ना कर पाए। जैसा कि उन्होंने लंच के बाद अपने पहले ओवर में किया। हसीब हमीद के ऑफ़ स्टंप के बाहर से गेंद को लेट स्विंग मिली। वह इतनी बढ़िया गेंद थी कि बल्लेबाज़ के साथ-साथ विकेटों के पीछे ऋषभ पंत भी चकमा खा गए।
उस गेंद के बाद अचानक से सभी विशेषज्ञों के बीच बातें शुरू हो गई - रिवर्स स्विंग? गेंद रिवर्स हुई ना? मैंने रिवर्स स्विंग देखी, आप ने?
कुछ समय बाद सेट बल्लेबाज़ हमीद पवेलियन लौट चुके थे। रवींद्र जाडेजा ने सभी को चुप कराते हुए दिखाया कि क्यों उन्हें इस टीम के प्रमुख स्पिनर के आगे प्लेइंग इलेवन में खेलने का मौक़ा दिया जा रहा है। ख़ैर ये तो पुरानी बातें हैं। आगे जो होने वाला था वह इंग्लैंड की टीम और उनके समर्थकों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं था। गेंद हरक़त करने लगी थी और बुमराह आग बरसा रहे थे। ऑली पोप और जो रूट क्रीज़ पर थे, लेकिन बुमराह की हर गेंद के बाद उन्हें थोड़ी परेशानी हो रही थी।
चलिए कहानी को रोककर वसीम जाफ़र की एक सीख को याद करते हैं। पहली बार बुमराह का सामना करने के बाद जाफ़र ने कहा था कि बल्लेबाज़ उनकी जितनी ज़्यादा गेंदें खेलते जाएंगे, उन्हें लाइन और लेंथ को पढ़ने में उतनी आसानी होगी वरना आपके समझने से पहले ही वह आपको आउट कर देंगे। जाफ़र क्रिकेट के जाने-माने चतुर व्यक्ति हैं। लेकिन उनकी इस सीख के विपरीत हमने देखा है कि बल्लेबाज़ों के लिए बुमराह की गेंदबाज़ी से परिचित होना और उसे समझना बाएं हाथ का खेल तो नहीं है।
बुमराह के इस ओवर में आपको समझ आएगा कि समझ-समझ के बुमराह को समझना एक ऐसी समझ है जो हर किसी को समझ आने वाली बात नहीं हैं। पोप इंग्लिश बैटिंग की अगली उम्मीद हैं। वह अच्छे बल्लेबाज़ हैं और उन्होंने अपने करियर में बुमराह के ख़िलाफ़ 104 गेंदों का सामना किया है। उन्होंने उनकी गेंदबाज़ी के कई वीडियो भी देखे होंगे। पांचवें दिन भी उन्होंने छह गेंदों का सामना किया और वह जानते थे कि बुमराह उन्हें फ़ुल और विकेट-टू-विकेट गेंदबाज़ी कर रहे हैं। कॉमेंट्री बॉक्स में माइक ऐथरटन भी यह बात जानते थे और साथ ही मैदान पर मौजूद सभी दर्शक भी।
लेकिन जनाब बुमराह को समझना इतना आसान है क्या? ओवर की पांचवीं गेंद फुल थी और वह सीम के साथ तेज़ी से अंदर आ रही थी। वह यॉर्कर लेंथ नहीं थी लेकिन वह अपनी मंज़िल (स्टंप्स) की ओर जाने के इरादे से ही आई थी। पोप ने सीधे बल्ले से खेलने का प्रयास किया लेकिन जब तक बल्ला नीचे आता तब तक गेंद निकल चुकी थी और स्टंप्स बिखर गए थे।
पोप के आउट होने के बाद क्रीज़ पर आए जॉनी बेयरस्टो। दूसरे छोर पर रूट उन्हें समझा रहे थे कि पिच क्या हरक़त कर रही है। बेयरस्टो ख़ुद इतना क्रिकेट खेल चुके हैं कि उन्हें बड़े मौक़ों पर खेलने की आदत हैं। आख़िर 2019 में विश्व कप विजेता रह चुके हैं वह। उन्हें यह भी पता था कि बुमराह विकेटों पर आक्रमण कर रहे हैं।
चार गेंद, बस चार गेंदों में मैच का रुख़ पलटने वाला था, खेल बदलने वाला था और सभी के जज़्बात भी। लेट स्विंग, फुल गेंद और फिर एक बार बल्ला नीचे लाने में थोड़ी सी देरी। नतीजा? बेयरस्टो क्लीन बोल्ड। मैं सच कह रहा हूं बुमराह तोप का गोला नहीं बल्कि क्रिकेट की गेंदें फेंक रहे थे।
इंग्लैंड 100/0 की स्थिति से 146/5 पर जा पहुंचा था। थोड़ी देर बाद वह आंकड़ा 210 ऑलआउट होने वाला था। कड़क धूप अभी भी खिली हुई थी। पिच अभी भी सपाट थी। बस उस पर जसप्रीत बुमराह ने अपना जलवा बिखेरा था।
कहानी समाप्त हुई!

उस्मान समिउद्दीन ESPNcricinfo में सीनियर एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।