साउथ अफ़्रीका 229 और 118 पर 2 (एल्गर 46*, मारक्रम 31, अश्विन 1-14) को भारत 202 और 266 (रहाणे 58, एनगिडी 3-43, यानसन 3-67) पर जीत दर्ज करने के लिए 122 रनों की आवश्यकता
साउथ अफ़्रीका के शीर्ष क्रम द्वारा मज़बूत प्रदर्शन ने उन्हें भारत के ख़िलाफ़ सीरीज़ को बराबर करने की स्थिति में ला दिया है। मेज़बान टीम ने 240 रनों का पीछा करते हुए चौथे दिन की खेल समाप्ति तक दो विकेट पर 118 रन बना लिए हैं और अभी भी उन्हें 122 रनों की ज़रूरत है। भारतीय टीम दूसरी पारी में 266 रन ही बना सकी। चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे ने अर्धशतक लगाए और शतकीय साझेदारी निभाई लेकिन एक समय पर टीम 184 पर छह विकेट और 228 पर आठ विकेट गंवाकर मुश्किल में थी।
उसके बाद 240 रनों का पीछा करने उतरी साउथ अफ़्रीका ने डन मारक्रम और कीगन पीटरसन का विकेट खो दिया, लेकिन अब तक की उनकी प्रत्येक साझेदारी पर्याप्त रही है। मारक्रम और डीन एल्गर ने पुजारा-रहाणे की साझेदारी से एक क़दम आगे बढ़ते हुए आक्रामक शुरुआत की और दस ओवर में 47 रन बनाए। इसके बाद एल्गर और पीटरसन ने 46 रन जोड़े, जबकि एल्गर और रासी वान दर दुसें ने इस साझेदारी में 12.4 ओवर में 25 रन जोड़े।
एल्गर ने क्रीज़ पर डटे रहने वाली अपनी सामान्य पारी खेली। उन्होंने शरीर पर गेंद खाई, बल्ले के किनारों पर गेंद लगी, गेंद ने अतिरिक्त उछाल ली, लेकिन वह हमेशा की तरह क्रीज़ पर जमे रहे। ओपनिंग साझेदारी टूटने के बाद जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी उस जगह गेंद को नहीं डाल पा रहे थे जहां पर वह करना चाहते थे। भारत के गेंदबाज़ बल्लेबाज़ों से सवाल पूछते रहे, लेकिन तीसरे दिन की समाप्ति तक साउथ अफ़्रीका का शीर्ष क्रम संभलने में क़ामयाब रहा।
मेज़बान टीम ने जहां दिन का अंत बढ़त के साथ किया, वहीं बुधवार सुबह पुजारा और रहाणे ने अपनी पुरानी फ़ॉर्म को भुलाते हुए एक अच्छी साझेदारी की। वे सक्रिय थे और रनों की तलाश में थे। पुजारा ने दिन के दूसरे ओवर में लुंगी एनगिडी की गेंद पर लॉन्ग-ऑन बाउंड्री पर ड्राइव करके जल्दी ही अपना इरादा साफ़ कर दिया था। इसके बाद, उन्होंने एक चौका लगाया। यह उस तरह की गेंद थी जिसे पुजारा आमतौर पर छोड़ने के लिए देखते थे। तीन ओवर बाद, रहाणे को मार्को यानसन ने एक शॉर्ट गेंद की और उन्होंने इस पर एक शानदार छक्का लगा दिया।
जिस समय साउथ अफ़्रीका के गेंदबाज़ सपाट दिख रहे थे, कगिसो रबाडा ने पहले ड्रिंक्स ब्रेक के बाद अपनी बेहतरीन लय पाई। उन्होंने मुश्किल लेंथ से बाहर की ओर गेंद निकाली। यह गेंद बाहर की ओर इतनी निकली की रहाणे के बल्ले का बाहरी किनारा लेने में सफल हुई। इसके बाद, रबाडा ने एक अंदर आती गेंद पर पुजारा को पगबाधा किया।
इसके बाद रबाडा ने पहली दो गेंदों पर ऋषभ पंत के इर्द-गिर्द अपना जाल बुना। वह पहले बाहर जाती फ़ुल गेंद पर बचे और इसके बाद शरीर पर आती गेंद उनके ग्लव पर लगी लेकिन स्लिप से दूर रह गई। अगली गेंद पर पंत ने रबाडा पर आगे निकलकर आक्रमण करने का प्रयास किया लेकिन गेंद बल्ले का बाहरी किनारा लेती हुई कीपर तक पहुंच गई।
भारत का स्कोर लंच तक 188 रनों पर छह विकेट था, लेकिन शार्दुल ने इसके बाद अपने हाथ खोले। उन्होंने बल्ले के ऊपरी किनारे से छक्का पाया और भारत जल्द ही 200 रनों तक पहुंच गया। इसके बाद हनुमा विहारी ने क़दम आगे बढ़ाए और भारतीय टीम को आगे ले गए। लेकिन निचले क्रम से साथ नहीं मिलने के कारण पूरी टीम 266 रनों पर सिमट गई।