साउथ अफ़्रीका 229 (पीटरसन 62, बवूमा 51, ठाकुर 7-61) और 243 पर 3 (एल्गर 96*, दुसें 40, अश्विन 1-26) ने भारत 202 (राहुल 50, अश्विन 46, यानसन 4-31, रबाडा 3-64, ऑलिवियेर 3-64) और 266 (रहाणे 58, एनगिडी 3-43, यानसन 3-67) को 7 विकेट से हराया।
डीन एल्गर ने नाबाद 96 रनों की पारी खेलकर साउथ अफ़्रीका को जोहैनेसबर्ग में सात विकेट से दूसरे टेस्ट में जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। इस जीत का मतलब यह भी था कि साउथ अफ़्रीका ने केपटाउन में खेले जाने वाले अंतिम टेस्ट में सीरीज़ को अभी तक बराबरी पर रखा है।
बुधवार को एल्गर ने अपना विकेट बचाने की कोशिश करते हुए अपने ग्लव्स, कंधे और शरीर पर गेंद खाई। वह बेहद ही अच्छी लय में दिखे। दूसरी ओर, लक्ष्य का पीछा करते हुए अंत में तेंबा बवूमा ने लगातार शॉट लगाकर अपनी टीम को जीत की दहलीज़ तक पहुंचा दिया था।
इससे पहले, बारिश की वजह से पहले दो सत्र पूरी तरह से धुल गए थे और स्थानीय समयानुसार दोपहर 3.45 बजे ही खेल शुरू हुआ था। दिन में कम से कम 34 ओवर फेंके जाने हैं। जिसका मतलब था कि साउथ अफ़्रीका को 27.4 ओवरों में अब 127 रनों की ज़रूरत थी।
मैच जब शुरू हुआ तो जसप्रीत बुमराह ने रासी दुसें को बाहर जाती गेंद पर छकाया, लेकिन इसके अलावा वह कुछ खास नहीं कर सके। अश्विन ने दूसरे एंड से शुरुआत की और मोहम्मद शमी के गेंदबाज़ी में उनको बदलने से पहले दो ओवर किए।
मैदान गीला होने के कारण भारतीय टीम को गेंद को सूखा रखने के लिए संघर्ष करना पड़ा। दिन के तीसरे ओवर में ही उन्होंने गेंद बदलने का अनुरोध किया लेकिन अंपायरों ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
कई अनुरोधों के बाद अंपायरों ने आख़िरकार दिन के नौवें ओवर में गेंद को बदल दिया। हालांकि, अगले ओवर में शमी ने 14 रन दिए। दुसें ने पहले उन्हें स्क्वायर लेग बाउंड्री पर फ्लिक किया और फिर अगली गेंद को स्क्वायर लेग बाउंड्री पर भेज दिया। अब शमी ने शॉर्ट लेंथ गेंद की, लेकिन यह गेंद बल्लेबाज़ ही नहीं विकेटकीपर पंत के सिर के ऊपर से गई और पांच रन मेज़बान टीम के खाते में जुड़ गए।
शार्दुल ठाकुर ने दूसरे छोर से बुमराह की जगह ली। उन्होंने पिच पर पड़ी दरारों का फ़ायदा उठाने के लिए दुसें को अच्छी लेंथ पर गेंदबाज़ी की। दुसें ने इसी ओवर में दो बाउंड्री लगाकर अपनी अहमियत को दर्शा दिया।
वहीं, अभी तक इस सीरीज़ में अच्छी लेंथ पर गेंदबाज़ी कर रहे शमी ने एल्गर को बाहर जाती गेंदों पर परेशान किया। हाालांकि बाहर जाती गेंद दुसें के बल्ले का बाहरी किनारा लेती हुई विकेट के पीछे पहुंच गई, लेकिन अब साउथ अफ़्रीका को जीत के लिए 65 रनों की दरकार थी। इस बीच, बवूमा ने जब आक्रमण किया तो दूसरी गेंद पर ही उन्हें जीवनदान मिला।
दुसें के आउट होने के बाद भी कप्तान एल्गर ने अपनी जिम्मेदारी निभाई और शमी पर चौका लगाते हुए लक्ष्य को 50 रनों से कम कर दिया। दूसरे छोर पर बवूमा भी टिक गए और इस आसान से लक्ष्य को पाने में मेज़बान टीम को ज़्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी।