ग्लेन मैक्सवेल : क्या हुआ, इसे समझने में मुझे अभी समय लगेगा!
'मैं अभी बिल्कुल सुन्न हूं, उस समय बस बल्लेबाज़ी का लुत्फ़ उठा रहा था'

ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ ग्लेन मैक्सवेल ने अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ जो कर दिखाया, उसका उन्हें ख़ुद भी भरोसा नहीं हो रहा है। उन्होंने 128 गेंदों पर 201 रन बनाए और अपनी टीम को हार के जबड़े से निकालते हुए एक आश्चर्यजनक जीत दिला दी। कई विशेषज्ञ और पूर्व क्रिकेटर तो इसे वनडे क्रिकेट की सबसे महान पारी कहने लगे हैं।
इस पारी के दौरान मैक्सवेल को क्रैम्प आया और वह चल भी नहीं पा रहे थे। एक बार तो वह रिटायर हर्ट होने के क़रीब थे, जब ऐडम ज़ैम्पा पैड-हेलमेट पहनकर बल्लेबाज़ी के लिए बाउंड्री तक आ गए थे। लेकिन मैक्सवेल ने हिम्मत नहीं हारी। दर्द से कराहने के बाद वह उठे और एक ऐसी पारी खेल डाली, जिसे सोचकर लोग अभी भी दांतों तले उंगली दबा रहे हैं।
अपनी इस हैरतअंगेज पारी के बाद मैक्सवेल ने कहा, "मैं सुन्न हूं। यह बहुत मज़ेदार था और ऐसा लगा जैसे मैं और पैटी [कमिंस] वहां मौज-मस्ती कर रहे हैं। उम्मीद है कि मैं जल्द ही ठीक हो जाऊंगा और अपनी हैमस्ट्रिंग और पिंडलियों में कुछ हलचल महसूस करूंगा। इस समय यह चोट काफ़ी ताज़ा है। फ़िज़ियो ने मैच के दौरान कहा कि इसके बाद तुम्हारा सीढ़ियां चढ़ना भी मुश्किल हो जाएगा। लेकिन मैंने सोचा कि जितनी देर तक मैं रह सकता हूं, क्रीज़ पर रहूंगा। हमें हर गेंद पर बस एक रन की ज़रूरत थी, इसलिए हमारी योजना थी कि हम सिंगल-डबल के पीछे नहीं भागेंगे। अगर हर ओवर में एक बाउंड्री आती है तो भी हमारे लिए यह ठीक रहेगा। यह सब कुछ योजना के तहत हुआ ना कि मैं सिर्फ़ बल्ला चला रहा था।"
मैक्सवेल ने बताया कि जब ऑस्ट्रेलिया को सिर्फ़ 60 या 70 रन चाहिए था, तब उन्हें विश्वास होने लगा था कि वे जीत सकते हैं। उनके दिमाग़ में बस यह चल रहा था कि राशिद ख़ान अपने अंतिम ओवरों में कुछ अंतर ना पैदा कर दें। मैक्सवेल ने बताया, "हमें पता था कि राशिद को अभी तीन ओवर और करना है। हम उन्हें सावधानी से खेल दूसरे गेंदबाज़ों पर बाउंड्री मारना चाहते थे। हम उन्हें बस नकारने की कोशिश कर रहे थे ताकि जीत सुनिश्चित कर सकें।"
मैक्सवेल इस मैच में चोट के बाद आ रहे थे। गोल्फ़ कार्ट से गिरने के दौरान उन्हें चोट लगी थी और उन्होंने पिछला मुक़ाबला नहीं खेला था। हालांकि वह अब सेमीफ़ाइनल में पहुंचकर ख़ुश हैं। उन्होंने कहा, "लगातार छह जीत के साथ सेमीफ़ाइनल में पहुंचना सुखद है। पहले दो मैचों में हार के बाद लोग हमें नकारने लगे थे। लेकिन हमने सही समय पर वापसी की। आज भी हमने एक बेहतरीन विरोधी के ख़िलाफ़ अपना सर्वश्रेष्ठ खेल नहीं दिखाया, लेकिन सेमीफ़ाइनल में पहुंचने का अनुभव बेहतरीन है।"
मैक्सवेल ने मज़ाकिया अंदाज़ में अपनी बातों को ख़त्म करते हुए कहा, "मैं अब गोल्फ़ कार्ट से दूर रहूंगा।"
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