कानितकर: अभिमन्यु मानसिक रूप से मज़बूत, उन्हें पता है कि उन्हें अपना क्रिकेट कैसे खेलना है
इंग्लैंड के लगभग ढाई महीने के लंबे दौरे पर सिर्फ़ आठ दिन ही मैदान पर बिताने वाले ईश्वरन एक बार फिर से भारत ए का प्रतिनिधित्व करने को तैयार हैं

पहले भारत ए और फिर भारत के साथ लगभग ढाई महीने के लंबे इंग्लैंड दौरे में सिर्फ़ सिर्फ़ आठ दिन मैदान पर बिताने के बाद अभिमन्यु ईश्वरन फिर से भारत ए के सेटअप में आ चुके हैं। उनकी अगली चुनौती ऑस्ट्रेलिया ए की टीम है, जो 2 चार-दिवसीय और 3 एक-दिवसीय मैच खेलने के लिए भारत दौरे पर आई है।
किसी भी खिलाड़ी के लिए इतने लंबे समय तक बेंच पर बैठना और मौक़े ना मिलना, बेहद कठिन और निराशाजनक समय हो सकता है। अभिमन्यु के लिए भी इंग्लैंड दौरा निश्चित रूप से ऐसा रहा होगा, जैसा कि उनके पिता आर पी ईश्वरन ने हाल ही में एक यूट्यूब पॉडकास्ट के दौरान बताया भी था। उनके अनुसार इंग्लैंड के ख़िलाफ़ पांचवें और आख़िरी टेस्ट में जब ईश्वरन को आख़िरी मौक़ा भी नहीं मिला, तो वह थोड़ा टूट गए थे।
हालांकि भारत ए टीम के कोच ऋषिकेश कानितकर का मानना है कि अभिमन्यु एक अनुभवी खिलाड़ी हैं और वह इन सब चीज़ों से निपटना बख़ूबी जानते हैं। पहले अनाधिकृत टेस्ट से पहले हुए प्रेस कॉन्फ़्रेंस में पत्रकारों से बात करते हुए कानितकर ने कहा, "अभिमन्यु एक अनुभवी खिलाड़ी हैं। वह बंगाल की कप्तानी भी कर चुके हैं और ऊपर का क्रिकेट काफ़ी खेल चुके हैं। तो उन्हें बहुत ज़्यादा बोलने की ज़रूरत नहीं पड़ती हैं क्योंकि वह जानते हैं कि क्रिकेट कैसे खेला जाता है।"
अभिमन्यु 2021 में कोरोना से प्रभावित इंग्लैंड दौरे पर पहली बार भारतीय टेस्ट दल का हिस्सा बने थे। चार साल बाद 2025 में जब भारतीय टीम फिर से इंग्लिश समर के लिए इंग्लैंड दौरे पर गई, तब भी वह दल में शामिल हुए। इन दो इंग्लैंड दौरों के बीच उन्होंने भारतीय टीम के साथ बांग्लादेश (2022), साउथ अफ़्रीका (2023-24), ऑस्ट्रेलिया (2024-25) का भी दौरा किया और लगातार भारत ए सीरीज़, ईरानी ट्रॉफ़ी, दलीप ट्रॉफ़ी और रणजी ट्रॉफ़ी में रन बनाते रहे, लेकिन भारतीय टेस्ट कैप उन्हें कभी भी नसीब नहीं हुआ।
इंग्लैंड के लंबे और थकाऊ दौरे से फिर से ए सेट अप में आने के बाद टीम प्रबंधन का ईश्वरन से क्या चर्चा हुई?
इस सवाल के जवाब में कानितकर कहते हैं, "उनसे बातचीत करना कोई बहुत बड़ी चुनौती नहीं थी, क्योंकि वह पहले से ही तैयार हैं। उन्हें पता है कि अगर मौक़ा नहीं मिलता है, तो क्या करना है। एक अच्छी बात यह भी है कि वह बहुत मोटिवेटेड रहते हैं कि वह ख़ुद को चुनौती दें, ख़ुद को पुश करें, अच्छा प्रदर्शन करें और अगर ऊपर खेलने का मौक़ा मिलता है, तो वहां भी ऐसा करें। वह मानसिक रूप से बहुत मज़बूत और तैयार हैं, अच्छा खेल भी रहे हैं।"
"उनकी बल्लेबाज़ी बहुत अच्छी है और वह अच्छे फ़ॉर्म व लय में हैं। वह एक बहुत ही ज़्यादा अच्छे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने कई बार बेहतरीन प्रदर्शन किया है। तो मुझे लगता है कि वह नई चुनौती के लिए तैयार हैं। जिस तरह से वह बल्लेबाज़ी और अपने क्रिकेट को मैनेज कर रहे हैं, वह बहुत अच्छे माइंडसेट में हैं।"
अभिमन्यु जुलाई 2018 में पहली बार भारत ए टीम में आए थे। तब से वह भारत ए के लिए कुल 15 सीरीज़ और 30 मैच खेल चुके हैं, जिसमें उन्होंने 48 पारियों में लगभग 40 की औसत से छह शतकों और सात अर्धशतकों के साथ 1865 रन बनाए हैं। वह इस सदी में (सन् 2000 से) भारत ए की तरफ़ से सबसे ज़्यादा मैच खेलने और सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं।
ख़ैर, अभिमन्यु अपने पसंदीदा मैदानों में से एक लखनऊ के इकाना स्टेडियम की पिच पर फिर से भारत ए की पारी की शुरूआत करने को तैयार हैं। उन्होंने यहां तीन प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं और तीनों में शतक लगाए हैं। उनका औसत यहां 117.75 का रहा है और उनके नाम यहां पांच पारियों में कुल 679 रन दर्ज है।
पिछले साल उन्होंने लखनऊ में मुंबई के ख़िलाफ़ ईरानी ट्रॉफ़ी मैच में शेष भारत के लिए खेलते हुए 191 रनों की शानदार पारी खेली थी और 10 दिन बाद जब वह बंगाल के लिए इसी मैदान पर रणजी ट्रॉफ़ी मैच खेलने उतरे, तो फिर से नाबाद 127 रन बना डाले। इसके बाद उन्हें बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी के लिए भारतीय दल में जगह मिली थी।
अभिमन्यु की नज़र एक बार फिर से एक शांत लेकिन धमाकेदार पारी खेलकर आगामी घरेलू सीज़न के लिए भारतीय टेस्ट टीम में जगह बनाने की होगी।
दया सागर ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं।dayasagar95
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