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मनोहर का लक्ष्‍य : छक्‍के लगाना, प्रथम श्रेणी में जगह बनाना और भारत के लिए खेलना

IPL में पहले ही अपने छक्‍कों का जलवा दिखाने वाले मनोहर अब अगले स्‍तर पर पहुंचना चाहते हैं

इस समय शानदार फ़ॉर्म में हैं अभिनव मनोहर  Maharaja T20

भारत में अब अधिकतर राज्‍य संघों ने अपनी टी20 लीगों को शुरू कर दिया है, जो IPL स्‍काउट्स को भी आकर्षित कर रही हैं, क्‍योंकि इससे पहले देश में टी20 खिलाड़‍ियों का इतना बड़ा पूल नहीं था। लेकिन उनमें से कुछ ही खिलाड़ी IPL में खेलकर ग्रेजुएट होते हैं। कर्नाटक के अभिनव मनोहर उन्‍हीं में से एक हैं।

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अब टी20 बल्‍लेबाज़ के तौर पर उनका दूसरा रूप सामने आया है, वह एक एक्‍स फ़ैक्‍टर के तौर पर उभरे हैं। यह बिल्‍कुल है क‍ि कर्नाटक टी20 लीग के सभी मैच इस सीज़न बेंगलुरु के एम चिन्‍नास्‍वामी स्‍टेडियम में खेले गए हैं, जहां गेंद हवा में ही उड़ती रहती है, लेकिन मनोहर ने इस सीज़न 52 छक्‍के लगाए हैं, जबकि इसके बाद करुण नायर का नंबर है, जिन्‍होंने मात्र 27 ही छक्‍के लगाए हैं।

उनकी टीम शिवमोंगा लायंस ने छह टीमों में पांचवां स्‍थान हासिल किया लेकिन रविवार को फ़ाइनल होने से पहले वह 19.51 के स्‍ट्राइक रेट से 507 रन बनाकर शीर्ष रन बनाने वालों की सूची में नंबर एक पर थे। मनोहर ने कहा कि वह खुशकिस्‍मत हैं कि उनमें बचपन से ही छक्‍के लगाने की क्षमता है और उन्‍होंने विस्‍तार से समझाया कि कैसे वह इतनी आसानी से बाउंड्री को पार कर लेते हैं।

उन्‍होंने महाराजा ट्रॉफ़ी के इतर ESPNcricinfo से कहा, "मैंने बहुत अभ्‍यास किया है। हर सेशन जब भी मैं जाता हूं तो अभ्‍यास के समय मैं 300 गेंद खेलता हूं और स्पिनरों और तेज़ गेंदबाज़ों के ख़‍िलाफ़ 150 छक्‍के लगाता हूं। इसी का फल मुझे आज मिल रहा है।"

मनोहर को लगता है कि खुद को अधिक समर्थन देने से उन्हें अपना पावर गेम बढ़ाने में भी मदद मिली है, जो उन्होंने पहले नहीं किया था।

उन्‍होंने कहा, "जब बात छक्‍के लगाने की आती है तो मैं खुद को समर्थन करता हूं क्‍योंकि मैं जानता हूं कि मैं बाउंड्री को पार कर सकता है। पहले मैं उतना खुद का समर्थन नहीं करता था जितना अभी कर रहा हूं, लेकिन अब मुझे लगता है कि मैं थोड़ा अधिक खुद का समर्थन कर रहा हूं।"

आक्रामक इरादे के अलावा मनोहर ने पिछले तीन से चार महीनों में कुछ तक़नीकी पहलुओं पर भी काम किया। उन्होंने कहा कि "सीज़न में आने के लिए उनके पास कोई लक्ष्य नहीं था" और उन्होंने हाल ही में जो काम किया है उसे लागू करने से संतुष्ट हैं।

उन्‍होंने कहा, "मैं बस यहां आना चाहता था और अभ्‍यास करना चाहता था क्‍योंकि अभ्‍यास के लिए यह सर्वश्रेष्‍ठ जगह है। मेरे दो बल्‍लेबाज़ी कोच हैं गुजरात टाइटंस से मिथुन मन्‍हास और बेंगलुरु में सुधिंद्र शिंदे। शिंदे ने मेरी यहां पर मदद की है क्‍योंकि मैं सप्‍ताह में एक बार उनके पास जाता हूं और हम बल्‍लेबाज़ी पर काम करते हैं।"

"उन्‍हें मेरी महाराजा ट्रॉफ़ी में सफलता का आधा श्रेय लेना चाहिए, क्‍योंकि उन्‍होंने हर समय मेरी मदद की है। और उम्‍मीद है यह बस कुछ बड़ा आने से पहले शुरुआत है।"

मनोहर ने आराम रहना सीख लिया है, उस समय भी जब विपक्षी टीम के खिलाड़ी लगातार उनके कान में बोलते हैं और घरेलू क्रिकेट में देर से शुरुआत करने के बाद भी वह आसानी से क्रिकेट गेंद को बाउंड्री के पार भेजते हैं।

मनोहर ने कहा, "बल्‍लेबाज़ी पर जाने से पहले मैं अधिक गंभीर होने के बारे में नहीं सोचता क्‍योंकि अगर मैं गंभीर ज़ोन में चला गया कि दूसरा बल्‍लेबाज़ क्‍या कर रहा है या विकेट कैसा खेल रहा है, तो यह सब बातें मेरे दिमाग़ से खेलेंगी।"

मनोहर के बल्‍लेबाज़ी पर जाने से पहले यह रूटीन है कि वह ड्रे‍सिंग रूम में कई जोक्‍स का हिस्‍सा होते हैं, जिससे उन्‍हें शांत रहने का मौक़ा मिलता है। बल्‍लेबाज़ी पर जाने से पहले अभ्यास के रूप में वह केवल "कंधों को खोलने के लिए गेंद को इधर-उधर मारना" पसंद करते हैं।

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मनोहर का घरेलू डेब्यू 2021-22 में सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी (SMAT) में कर्नाटक के लिए हुआ। वह पहले से ही 27 वर्ष के थे, जब कुछ क्रिकेटर अपनी शक्तियों के चरम पर होते हैं।

लेकिन मनोहर ने तुरंत खोए हुए समय की भरपाई करने की सोची। टी20 डेब्यू पर, प्रारंभिक क्वार्टर फ़ाइनल में सौराष्ट्र के ख़‍िलाफ़ उन्होंने केवल 49 गेंदों पर नाबाद 70 रन बनाए। उस पारी में छह छक्के शामिल थे और यह 146 रनों के सफल लक्ष्य का पीछा करते हुए पारी थी। वह तब आए जब स्‍कोर 34 रन पर तीन विकेट था और जल्‍दी ही कर्नाटक का स्‍कोर 60 रनों पर 4 विकेट हो गया, इसके बाद 3 विकेट पर 34 रन बनाकर आउट हो गए और दसवें ओवर में जब कर्नाटक का स्कोर 4 विकेट पर 60 रन हो गया, तब उन्होंने लक्ष्य का पीछा करना संभाला।

अपने पहले टी20 टूर्नामेंट में मनोहर ने कर्नाटक को फ़ाइनल तक पहुंचाने में चार पारियों में 54 की औसत और 150 की स्ट्राइक रेट से 162 रन बनाए।

फरवरी 2022 में, IPL की बड़ी नीलामी में कोलकाता नाइटराइडर्स और दिल्‍ली कैपिटल्‍स ने उनके लिए कड़ा संघर्ष किया, लेकिन मनोहर को 2.6 करोड़ में गुजरात टाइंटस ने ख़रीदा जो उनके आधार मूल्‍स से 13 गुणा अधिक थी।

IPL की चकाचौंध के अपने पहले अनुभव को याद करते हुए मनोहर ने कहा कि हार्दिक पंड्या, डेविड मिलर और राशिद ख़ान के साथ खेलना सपने सच होने जैसा था। उस सीज़न में उन्होंने अपने 16 मैचों में से केवल आठ खेले और मंच पर धूम मचाने में क़ामयाब नहीं हुए, भले ही उन्होंने गुजरात टाइटंस की ख़‍िताबी जीत पर खुशी जताई।

उन्‍होंने कहा, "यह कुछ ऐसा था जिसका कम ही लोगों को अवसर मिलता है। मुझे फ़ाइनल में खेलने का मौक़ा नहीं मिला, लेकिन यह सही है। इतने बड़े स्‍टार्स के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करना बड़ा एहसास था।"

हालांकि IPL में मनोहर की शुरुआत शांत रही, लेकिन 2022 और 2023 संस्करणों में उन्होंने चार बार एक साथ बल्लेबाज़ी करते हुए हार्दिक के साथ तीन अर्धशतकीय साझेदारियां कीं। मनोहर ने हर बार महत्वपूर्ण योगदान दिया और मैदान के अंदर और बाहर दोनों जगह अपने कप्तान के साथ बिताए समय का आनंद लिया।

मनोहर ने कहा, "हार्दिक बहुत अच्‍छे इंसान है, वह काफ़ी मददगार हैं। आपको जो भी चाहिए आप उनके पास कभी भी जा सकते हो। वह उनमें से हैं जिनके अंदर केवल पॉज़‍िट‍िव एनर्जी होती है।"

कमज़ोर IPL 2022 के बावजूद मनोहर की पावर-हिटिंग क्षमता का मतलब था कि गुजरात टाइटंस ने उन्हें 2023 में फ़ीनिशर के रूप में इस्तेमाल करना जारी रखा, जब उन्होंने छह में से चार मौक़ों पर नंबर 6 पर बल्लेबाज़ी की। इसके बाद मनोहर को 2024 में केवल दो गेम मिले, हालांकि गुजरात टाइटंस हार्दिक के बिना थी, लेकिन फिर भी उन्‍होंने तीन सीज़न में अपने 19 मैचों से कुछ सीख ली।

IPL अनुभवों पर पूछने पर उन्‍होंने कहा, "मैंने अपना थोड़ा अधिक समर्थन किया और एक अच्‍छा माइंडसेट रखा। मैंने अपनी भावनाओं को खुद पर हावी नहीं होने दिया। यही कुछ ऐसा है जिसके बारे में आपको नहीं पता कि कैसे करना होता है।"

लेकिन मनोहर ने मौके़ मिलने पर रन बनाना जारी रखा। 2022 में महाराजा ट्रॉफ़ी में उन्होंने 70.40 की औसत और 175.12 की स्ट्राइक रेट से 352 रन बनाए और मैंगलोर यूनाइटेड के लिए सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी के रूप में उभरे। फ़ॉर्म का वह प्रदर्शन 2022-23 में SMAT में जारी रहा, जब मनोहर ने सभी आठ मैच खेले और पंजाब के खिलाफ क्वार्टर फ़रइनल में पांच चौकों और इतने ही छक्कों के साथ नाबाद 62 रन बनाए।

महाराजा ट्रॉफ़ी की नीलामी में भी मनोहर सबसे ज्‍़यादा कमाई करने वाले खिलाड़ी थे, उन्हें शिवमोगा ने 15 लाख रुपये में ख़रीदा था। 258 रनों के साथ वह शिवमोग्गा के दूसरे सबसे ज्‍़यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बन गए।

लेकिन अब इससे भी बड़ा कुछ सामने आ रहा है। यह 2025 के लिए बड़ी IPL नीलामी है और मनोहर को न केवल गुजरात टाइटंस के साथ बने रहने की उम्मीद है बल्कि उन्हें अधिक खेल का समय मिलने की भी उम्मीद है।

उन्होंने कहा, "मैं जहां भी जाता हूं, मुझे उम्मीद है कि मुझे ज्‍़यादा से ज्‍़यादा खेल खेलने का मौक़ा मिलेगा और मैं खुद को बेहतरीन तरीके़ से अभिव्यक्त कर सकूंगा। मुझे लगता है कि इस साल मैंने अपने खेल में सुधार किया है और मैं उम्मीद कर रहा हूं कि महाराजा में जो मेरा फ़ॉर्म है उसे मैं IPL में भी बरक़रार रखूंगा।"

हालांकि, यह निकट भविष्य के लिए उनके लक्ष्यों में से केवल एक है। उनकी अगली इच्छा कर्नाटक की लिस्ट ए टीम में स्थायी स्थान पाने की है, उन्होंने दिसंबर 2021 में अपने पदार्पण के बाद से सिर्फ़ सात मैच खेले हैं। इसके अलावा उनका इरादा प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलने का भी है, जिसमें उन्होंने अभी तक भाग नहीं लिया है।

उन्होंने कहा, "मैं उम्मीद कर रहा हूं कि चयनकर्ता मुझे थोड़ा और समर्थन देंगे और देखेंगे कि मैं न केवल टी20 के लिए तैयार हूं, बल्कि मेरे पास वनडे और चार दिवसीय मैच खेलने का कौशल भी है। मैं अपने खेल को लंबे प्रारूप में खेलने के लिए तैयार कर रहा हूं, मानसिकता के हिसाब से भी। इसलिए मैं उम्मीद कर रहा हूं कि इस साल मुझे तीनों प्रारूपों में रन मिलेंगे। और अगर मुझे पर्याप्त रन मिलता है, तो मैं मुझे यकीन है कि मैं वहां अच्छा प्रदर्शन करूंगा।"

हालांकि, अंतिम सपना भारत की जर्सी पहनना है। उन्होंने इसके लिए एक रास्ता भी निकाल लिया है।

मनोहर ने श्रीलंका के ख़‍िलाफ़ भारत के लिए पदार्पण करने वाले रियान पराग का उदाहरण देते हुए कहा, "मैं अपने देश का प्रतिनिधित्व करना पसंद करूंगा। IPL में एक या दो अच्छे सीज़न होने से ध्यान आकर्षित करने और इस साल भारत की टीम में जगह बनाने का एक तरीक़ा है।"

Abhinav ManoharIndia

हिमांशु अग्रवाल ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं।