आकाश दीप: मैं हर मैच यही सोचकर खेलता था कि ये मेरी ज़िंदगी का आख़िरी मैच है
बंगाल के तेज़ गेंदबाज़ के लिए बुमराह की टिप्स काम आई

रांची टेस्ट के पहले दिन डेब्यू करते हुए बंगाल के तेज़ गेंदबाज़ आकाश दीप ने तीन विकेट लिए। उन्हें ये तीनों विकेट पहले सत्र में नई गेंद से मिले, जिसके कारण इंग्लैंड की टीम लंच तक मुश्किल में लग रही थी।
आकाश के लिए यह सफ़र कतई भी आसान नहीं था। बिहार के सासाराम ज़िले के एक छोटे से गांव बड्डी से आने वाले आकाश ने बहुत ही देर से प्रोफ़ेशनल क्रिकेट खेलना शुरू किया और उन्हें इसके लिए अपना परिवार और राज्य छोड़कर बंगाल जाना पड़ा। 2019 में प्रथम श्रेणी डेब्यू करने वाले आकाश को टेस्ट क्रिकेटर बनने के लिए पांच साल लग गए। अपने इस सफ़र के बारे में आकाश ने दिन के खेल के बाद ब्रॉडकास्टर से कहा, "मुझे मालूम नहीं है कि मैंने क्या किया और मैं कहां तक आ गया हूं। मैं हर मैच यही सोचकर खेलता था कि ये मेरे ज़िंदगी का आख़िरी मैच होने वाला है। गेंदबाज़ी एक प्रोसेस है, उस प्रोसेस के तहत जो चीज़ें अच्छी होती थी, वो चीज़ मैं अगले मैचों में दोहराने की कोशिश करता था। उसी चीज़ को दोहराते-दोहराते मैं यहां तक पहुंचा।"
क्या मैच से पहले वह नर्वस थे? इस सवाल के जवाब में आकाश ने कहा, "मैं नर्वस नहीं था क्योंकि लगातार राहुल भाई और दूसरे कोचों से बात हो रही थी। मैं लगातार रणजी ट्रॉफ़ी और इंडिया ए के लिए खेल ही आ रहा था, तो ऐसा कुछ नहीं लगा कि ये मेरे लिए नया है। मैं बस उसी प्रोसेस से बॉल डालने की कोशिश कर रहा था।"
आकाश ने 70 रन देकर तीन विकेट लिए। सबसे पहले उन्होंने पिछले मैच के शतकवीर बेन डकेट (11) को विकेट के पीछे लपकवाया, जो उनकी राउंड द विकेट से बाहर निकलती गेंद को समझ नहीं पाया और बल्ला अड़ा दिया। दो गेंद बाद ऑली पोप (0) भी आकाश की अंदर आती गुड लेंथ गेंद पर पगबाधा होकर पवेलियन में थे। अगले ही ओवर में आकाश ने अंदर आती गेंद से ज़ैक क्रॉली का स्टंप उड़ाया, जो कि 42 गेंदों में 42 रन बनाकर ख़तरनाक दिख रहे थे।
आकाश को ये तीनों विकेट लेंथ या बैक ऑफ़ लेंथ गेंदों पर मिले। आकाश ने इसका श्रेय भारतीय कोचों और जसप्रीत बुमराह को दिया। उन्होंने बताया, "भारत के घरेलू मैचों में हम आगे गेंदबाज़ी करने की कोशिश करते हैं, हमारा लेंथ ऊपर रहता है। लेकिन यहां पर मुझे कोच और (जसप्रीत) बुमराह भाई ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में लेंथ को थोड़ा पीछे रखना होता है क्योंकि बल्लेबाज़ ख़ुद गेंद को खेलने आता है। मेरे दिमाग़ में बस यही योजना था कि इसी लाइन और लेंथ पर गेंद डालना है।"
आकाश दीप को अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय विकेट दिन के उनके दूसरे ओवर में ही मिल गया था, लेकिन इंग्लैंड के ओपनर ज़ैक क्रॉली को किया गया वह गेंद नो बॉल निकला। उस समय क्रॉली सिर्फ़ चार रन बनाकर खेल रहे थे। क्रॉली ने इसके बाद हाथ खोलने शुरू किए और आकाश की ही गेंद पर 12वें ओवर में आउट होने से पहले 42 रन बना डाले, जिसमें छह चौके और एक छक्का शामिल था।
आकाश ने कहा, "उस समय मुझे बहुत बुरा लग रहा था। बुरा इसलिए नहीं लग रहा था कि यह मेरा पहला अंतर्राष्ट्रीय विकेट होता, बल्कि बुरा इसलिए लग रहा था कि इसके बाद वह बहुत आक्रामक होकर खेलने लगे और मुझे लगने लगा कि यह नो बॉल कहीं टीम का नुक़सान ना कर जाए। अच्छा हुआ कि वह थोड़ी देर बाद आउट हो गए।"
पहले सत्र में तीन विकेट लेने के बाद आकाश को बाक़ी दो सत्रों में बहुत मार भी मिली और उन्होंने तीन बार नो बॉल भी फेंका। हालांकि इससे आकाश ज़्यादा निराश नहीं हैं और उनका मानना है कि वह कल फिर से एक सटीक लाइन-लेंथ पकड़कर विकेट हासिल कर सकते हैं।
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