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आकाश दीप: अगला मैच मेरी ज़िंदगी का सबसे अहम होगा

इंग्लैंड के ख़िलाफ़ टेस्ट डेब्यू करने वाले तेज़ गेंदबाज़ आकाश दीप डेंगू के बाद दलीप ट्रॉफ़ी से वापसी कर रहे हैं

आकाश दीप रांची टेस्ट में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ अपनी पहली टेस्ट विकेट लेते हुए  BCCI

बेंगलुरु की एक सुखद दोपहर में कड़े अभ्यास सत्र के दौरान पसीना बहाने के बाद, भारत के तेज गेंदबाज आकाश दीप रावलपिंडी में चल रहे पाकिस्तान-बांग्लादेश टेस्ट का स्कोर देखने के लिए अपने फ़ोन पर स्क्रॉल कर रहे हैं।

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आकाश को पता है कि वह इस महीने के अंत में घरेलू मैदान पर बांग्लादेश के ख़िलाफ़ होने वाले टेस्ट मैच में शामिल हो सकते हैं और वह देखना चाहते हैं कि उनके बल्लेबाजों ने कैसा प्रदर्शन किया है। हालांकि अभ्यास के दौरान कभी आकाश ये सब नहीं करते, वह रात में सोने से पहले ही बाक़ी चीज़ों पर ध्यान देते हैं। दिन में वह मैदान पर अभ्यास करते हैं, जिम और कंडीशनिंग कार्य करते हैं और अपनी गेंदबाज़ी को और असरदार बनाने की मेहनत में ही व्यस्त रहते हैं।

ESPNcricinfo के साथ बातचीत में आकाश ने बताया कि उन्होंने काफ़ी अर्से से क्रिकेट नहीं खेला है, क्योंकि उन्हें डेंगू हो गया था और अब रिकवर कर रहे हैं।

आकाश ने कहा, "मैंने जून में खेली गई बंगाल T20 लीग के बाद से कोई भी प्रतिस्पर्धी क्रिकेट नहीं खेला है। मैं तीन हफ़्तों के लिए पूरी तरह बिस्तर पर था क्योंकि मैं बीमार हो गया था। ठीक होने के बाद जब मैं मैदान पर आया हूं तो मुझे एहसास हो रहा है कि लय में लौटने के लिए शरीर को थोड़ा समय लगेगा। आप जितनी मर्ज़ी क्यों न जिम कर लें, लेकिन जब तक आप गेंदबाज़ी नहीं करेंगे आपकी बोलिंग मांसपेशियां नहीं खुलेंगी।"

आकाश की नज़र बांग्लादेश के ख़िलाफ़ होने वाली घरेलू टेस्ट सीरीज़ पर है, लेकिन वह जानते हैं कि उससे पहले 5 सितंबर से शुरू होने वाली दलीप ट्राफ़ी अहम है। आकाश को इसी साल इग्लैंड के ख़िलाफ़ रांची टेस्ट में भारत की डेब्यू कैप हासिल हुई थी।

27 वर्षीय आकाश प्रथम श्रेणी क्रिकेट ज़्यादा सालों से नहीं खेल रहे हैं, उन्होंने अब तक केवल चार सीज़न ही खेला है। इतने समय में ही उनकी एक ख़ास पहचान बन गई है कि वह एक स्किडी गेंदबाज़ हैं जो गेंद को दोनों ही तरफ़ स्विंग कराने की क़ाबिलियत रखते हैं।

आकाश को पहली बार बंगाल के कप्तान मनोज तिवारी ने 2018 में एक क्लब क्रिकेट में गेंदबाज़ी करते देखा था। आकाश कहते हैं कि तिवारी देखकर चौंक गए थे, ख़ास तौर से उनकी दोनों तरफ़ गेंद को लहराने की क्षमता ने तिवारी को काफ़ी प्रभावित किया था। लेकिन साथ ही साथ वह काफ़ी हताश भी थे क्योंकि उनका कहना था कि "चार अच्छी गेंदों के साथ-साथ दो मारने वाली गेंद डालना मेरी आदत थी।"

आकाश ने बताया कि उसी समय मोहम्मद शमी जो तब भारतीय टीम से बाहर चल रहे थे, उन्होंने उन्हें कुछ महत्वपूर्ण टिप्स दिए।

आकाश ने कहा, "उन्होंने फ़िटनेस को लेकर बात की और बताया कि कैसे उन्होंने अपनी फ़िटनेस में सुधार लाया, ख़ास तौर से जब चोट के बाद वापसी करने पर। इस बातचीत ने मुझे एक दिशा दिखाई, पहले मैं 130 किमी प्रति घंटा के आस पास गेंद डालता था। लेकिन फिर मैंने उनकी दी गई सलाह पर अमल किया और धीरे-धीरे मेरी फ़िटनेस भी अच्छी हो गई और मैं बिना थके लंबे स्पेल भी डालने लगा था।"

लंबे स्पेल में गेंदबाज़ी करने के अलावा आकाश ने लगातार अच्छा प्रदर्शन करने पर ध्यान केंद्रित किया है। इसे हासिल करने की कोशिश करने के लिए उन्होंने जो किया है, उसके बारे में उनकी व्याख्या ही उनके अपने खेल और ताक़त के बारे में विकसित की गई समझ बताती है।

"लाल गेंद में मैं अनुशासन और निरंतरता पर ध्यान देता आया हूं। मतलब कि आप कितने देर तक एक ही लेंथ, लाइन और टप्पे पर गेंद डाल सकते हैं। कभी-कभी जब विकेट से कोई मदद नहीं मिलती तो आप थक जाते हैं। मेरा फ़ोकस रहता है लंबे स्पेल में गेंदबाज़ी करने के लिए अपनी सहनशक्ति बढ़ाने और उन स्पेल में गेंदबाज़ी करते समय निरंतरता बनाए रखने पर। क्योंकि आपको बल्लेबाज़ों पर दबाव बनाए रखने की ज़रूरत है न कि दबाव में आकर रन लीक करने की। एक तेज़ गेंदबाज़ होने के नाते, मैं लगातार अलग-अलग कोच से बात करता रहता हूं। टेस्ट में विकेट निकालने के लिए आपको मौक़ा बनाना होता है। क्रिकेट का फ़ॉर्मूला कभी नहीं बदलता फिर चाहे वह क्लब क्रिकेट हो या टेस्ट - और वह है एक अच्छी गेंद जिसके लिए मैं 5-7 मीटर टप्पे पर लगातार गेंद डालता रहता हूं।"आकाश दीप, भारतीय तेज़ गेंदबाज़

इन गुणों के कारण उन्हें टेस्ट क्रिकेट में अपने पहले ही घंटे में तीन विकेट मिले। बेन डकेट, ऑली पोप और ज़ैक क्रॉली - ये सभी विकेट उन्होंने पिच से मूवमेंट हासिल करते हुए अपने नाम किए।

हमारे साथ बात करते हुए आकाश यहां तक पहुंचने के बारे में सोचते हुए थोड़ा भावुक भी हो गए। उनकी टेस्ट कैप तक का सफ़र मुश्किलों से भरा रहा है। 2015 में, उन्होंने दो महीने के अंतराल में अपने पिता और भाई को खो दिया। तब उन्होंने गंभीरता से क्रिकेट खेलने पर विचार किया।

आकाश ने कहा, "बहुत कुच बदल गया लेकिन मैं अपने पिता का शुक्रगुज़ार हूं। काश वह मुझे टेस्ट खेलते हुए देख पाते। जब भी मैं मायूस होता हूं या मुझे किसी के सहारे की ज़रूरत होती है तो मैं उन्हीं के बारे में सोचता हूं और इससे मुझे ताक़त मिलती है।"

राहुल द्रविड़ के हाथों आकाश दीप को मिली थी टेस्ट कैप  BCCI

आकाश बिहार के ग्रामीण इलाक़ें सासाराम से आते हैं, और जब जब मार्च में उनका टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण हुआ, तो उनका पूरा इलाक़ा एक विशाल स्क्रीन पर उन्हें देखने के लिए उनके घर के बाहर खड़ा था। बस उनकी मां और बहन रांची में थीं क्योंकि बस कुछ ही घंटे पहले आकाश ने उन्हें बताया था कि मेरा टेस्ट डेब्यू होने जा रहा है और आप लोग आ जाइए। आकाश को राहुल द्रविड़ के हाथों भारत की टेस्ट कैप मिली थी।

"हमारे गांव में बचपन से बड़े होने तक जब भी हम क्रिकेट की बात किया करते थे तो बड़े-बुज़ुर्ग डांटने लगते थे। सभी कहते थे कि इससे पेट नहीं भरेगा। क्योंकि मेरे गांव से कभी कोई इस स्तर तक पहुंचा ही नहीं था कि उन्हें ये बड़ी उपलब्धि लगे। न ही कोई खेल का इतिहास, न ही कोई अच्छा क्रिकेट ग्राउंड या माहौल। लेकिन जब मैं टेस्ट डेब्यू के बाद अपने घर लौटा तो चीज़ें बदल गई थीं, बच्चे क्रिकेट खेल रहे थे और उनके अभिभावक उन्हें प्रोत्साहित कर रहे थे। अगर मेरी वजह से मेरे इलाक़े में लोगों में जागरुकता आ रही है तो इससे बेहतर मेरे लिए और क्या हो सकता है?"आकाश दीप, भारतीय तेज़ गेंदबाज़

आगे का सोचते हुए और देखते हुए, आकाश में दृढ़ संकल्प है जिसे समझना मुश्किल नहीं है। उन्होंने अपनी प्राथमिकताएं तय कर ली हैं और यह स्पष्ट है कि लापरवाही के लिए कोई जगह नहीं है।

उन्होंने कहा, "मुझे जिस भी स्तर पर मौक़ा मिला, मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। लेकिन मैं ये भी मानता हूं कि मैंने अब तक ज़्यादा कुछ हासिल नहीं किया है। सीखने की कोई उम्र नहीं होती, जिस दिन मैंने सोच लिया कि मैंने सबकुछ हासिल कर लिया है उसी दिन मेरी भूख मर जाएगी। मेरी मानसिकता एकदम साधारण है, अगला जो भी मैच मैं खेलूंगा वह मेरी ज़िंदगी का सबसे अहम मैच होगा।"

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शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब-एडिटर हैं।