काम्बोज : मैं हरियाणा को रणजी ट्रॉफ़ी जिताना चाहता हूं
दलीप ट्रॉफ़ी में कमाल का प्रदर्शन करने वाले हरियाणा के तेज़ गेंदबाज़ हैं मक्ग्रा के मुरीद

जब हरियाणा ने अपना पहला रणजी ट्रॉफ़ी ख़िताब 1990-91 में जीता था, तब अंशुल काम्बोज का जन्म भी नहीं हुआ था। 2022 में अपने पदार्पण तक उन्हें नहीं पता था कि प्रथम श्रेणी क्रिकेट में सफल होने के लिए क्या करना होगा। दो साल बाद काम्बोज का 2023-24 सीज़न शानदार रहा, जहां अपने पहले विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी ख़िताब तक पहुंची हरियाणा की टीम के लिए वह सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ बने।
पिछले सप्ताह 23 वर्षीय काम्बोज ने दलीप ट्रॉफ़ी 2024-25 में इंडिया सी के लिए आठ विकेट लिए, एक ऐसी पिच पर जहां पर उनकी टीम ने 525 रन का स्कोर बनाया था। खु़द को "हिट द डेक" गेंदबाज़ बताने वाले काम्बोज ने सलामी बल्लेबाज़ों अभिमन्यु ईश्वरन और एन जगदीशन के बीच 129 रनों की साझेदारी के बाद इंडिया बी के बल्लेबाज़ों के लिए मुश्किलें खड़ीं की।
टेस्ट बल्लेबाज़ सरफ़राज़ ख़ान, युवा मुशीर ख़ान और T20 स्टार रिंकू सिंह उनके शिकारों में प्रमुख थे। उन्होंने 27.5 ओवर में 69 देकर 8 विकेट लिए, जो दलीप ट्रॉफ़ी इतिहास में किसी तेज़ गेंदबाज़ का दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। उन्होंने तीन बल्लेबाज़ों को बोल्ड किया, जबकि ख़ान भाईयों को पगबाधा किया।
काम्बोज ने ESPNcricinfo को बताया, "एक ऐसी पिच पर जहां पर अधिक मदद नहीं थी, मेरी योजना बहुत सरल थी: स्टंप्स में गेंद डालना, जहां पर बोल्ड और पगबाधा का मौक़ा बने। आप चीज़ों को अधिक उलझा नहीं सकते हैं। बतौर तेज़ गेंदबाज़ होने से यह कहना आसान है कि पिच से कोई मदद नहीं मिली और हम क्या कर सकते हैं। बतौर तेज़ गेंदबाज़ आपकी चुनौती यही है कि आप मौक़े बनाएं। यही मैं सीख रहा हूं।"
काम्बोज को ग्लेन मक्ग्रा के वीडियो देखना पसंद है। उन्होंने यूट्यूब पर उन्हें गेंदबाजी करते हुए देखने में जो समय बिताया, उसका मिलान मैदान पर भी करने की कोशिश की।
काम्बोज ने कहा, "मक्ग्रा को लगातार बेहतरीन सीम के साथ पिच पर गेंद पटकने के लिए जाना जाता था। यही सीखते हुए मैं बड़ा हुआ हूं। गति अपनी जगह है, लेकिन अगर आप निपुण हो जाओ और सटीक सीम से गेंद फेंको तो आप गेंद से कमाल कर सकते हो।"
काम्बोज हरियाणा के बॉक्सिंग के गढ़ करनाल से आते हैं और उन्होंने खुले मैदान से खेलना शुरू किया। 14 साल की उम्र से पहले उन्होंने खेल को गंभीरता से नहीं लिया था और एक दशक से भी कम समय में काम्बोज न केवल अपनी राज्य की टीम में आगे बढ़े हैं, बल्कि IPL में भी जगह बना चुके हैं।
उन्होंने कहा, "मेरे करियर में 2019 में टर्निंग प्वाइंट आया। मैं तब इंडिया अंडर-19 के लिए खेल चुका था। तभी मुझे पता चला कि एक पेशेवर बनने के लिए क्या करना पड़ता है। हालांकि मैं केवल एक सीरीज़ इंडिया अंडर-19 के लिए खेल सका, लेकिन मुझे पता चला कि मुझे फ़िटनेस, कौशल पहलू, कंडीशनिंग सब कुछ में सुधार करना है।"
काम्बोज ने अपना अधिकांश क्रिकेट लाहली में खेला है, जो स्विंग गेंदबाज़ों के स्वर्ग के रूप में प्रसिद्ध है। लेकिन यहीं पर उन्होंने तेज़ गेंदबाज़ी के बारे में दो चीज़ें सीखीं। वह तुरंत कहते हैं, "जब सब कुछ आपके अनुसार चल रहा हो तो बहकने का महत्व नहीं है और पिच के अनुसार लंबाई अलग-अलग करने की आवश्यकता होती है।"
इस साल की शुरुआत में काम्बोज को उनका पहला IPL करार मिला, जब मुंबई इंडियंस ने उनको नीलामी में ख़रीदा। अपने अवसर के लिए अंत तक इंतज़ार करने के बाद काम्बोज को एक यादगार दीक्षा मिली।
जब उनसे उनके IPL डेब्यू के बारे में पूछा गया तो उन्होंने हंसते हुए कहा, "मैंने इसे अपने दिमाग़ में कई बार दोहराया है।"
अपनी दूसरी गेंद पर छक्का खाने के बाद काम्बोज ने तीन गेंदों के बाद ट्रेविस हेड के ऑफ़-स्टंप को बिखेर दिया, लेकिन बाद में पता चला कि उन्होंने नो बॉल की है। अगली दो गेंदों पर हेड ने उसे सीमारेखा के पार भेज दिया।
"यह दिल दुखाने वाला था, मुझे बहुत बुरा लगा। सभी ने मुझे जल्दी से इसे भूल जाने के बारे में कहा। लेकिन मैं कैसे भूल सकता था? आप इस टूर्नामेंट में खेलने का सपना देखते हैं और जब आपका पहला विकेट नो-बॉल पर गिरता है, तो यह एक भयानक अहसास होता है।"
काम्बोज को उस समय अधिक निराशा हुई, जब उनके दूसरे ओवर में हेड का कैच टपका दिया गया। लेकिन यह पीड़ा दो गेंदों बाद परम आनंद में बदल गई, जब उन्होंने मयंक अग्रवाल को क्लीन बोल्ड कर दिया, वह भी अपनी "हिट-द-डेक डिलीवरी के साथ।"
"IPL के दो मैचों से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला कि इस स्तर पर खेलने के लिए क्या करना पड़ता है। जब आप मैदान में होते हैं, तो खेलकर जो अनुभव और सबक आप सीखते हैं, वह आपको कहीं और नहीं मिल सकता।"
यह लगभग हमेशा माना जाता है कि एक युवा खिलाड़ी आगे की राह के बारे में पूछे जाने पर भारत की तरफ़ से खेलने की महत्वाकांक्षाओं के बारे में बात करता है, लेकिन काम्बोज अलग हैं।
उन्होंने कहा, "हमने विजय हज़ारे जीत लिया है और अब रणजी ट्रॉफ़ी अगला बड़ा लक्ष्य है। हमने केवल एक बार यह ख़िताब जीता है। मैं टीम को एक और रणजी ख़िताब जीतने में मदद करना चाहता हूं। अगर मैं अपने खेल में सुधार करता रहा, तो यह हरियाणा की सफलता में योगदान देने की दिशा में एक लंबा रास्ता तय कर सकता है।"
शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं।
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