स्निको में भ्रम के बाद आउट दिए गए स्मिथ, टफ़ेल ने बताया सही निर्णय
जेमी स्मिथ ने बड़े स्क्रीन पर ग्राफ़िक में हरकत देखते ही पवेलियन की ओर चलना शुरू कर दिया, लेकिन जैसे ही फ़ुटेज में दिखा कि स्पाइक गेंद के बल्ले से निकल जाने के बाद नज़र आया, वह रुक गए

पूर्व अंतरराष्ट्रीय अंपायर साइमन टफ़ेल ने इंग्लैंड के जेमी स्मिथ को पहले ऐशेज़ टेस्ट के दूसरे दिन पर्थ में रिव्यू पर आउट दिए जाने के फ़ैसले का बचाव किया है।
स्मिथ 15 रन के स्कोर पर ब्रेंडन डॉगेट की बैक ऑफ़ लेंथ गेंद को पुल करने की कोशिश में फंस गए थे और ऑन-फ़ील्ड अंपायर नितिन मेनन ने उन्हें नॉट-आउट दिया था। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव स्मिथ ने यह फ़ैसला ट्रैविस हेड (शॉर्ट लेग पर) और विकेटकीपर एलेक्स केरी के कहने पर रिव्यू किया और लंबी प्रक्रिया के बाद TV अंपायर शरफ़ुद्दौला ने फ़ैसला बदल दिया।
इंग्लैंड के विकेटकीपर स्मिथ मैदान से बाहर जाने ही वाले थे, क्योंकि उन्हें बड़े स्क्रीन पर RTS (रियल टाइम स्निकोमीटर) ग्राफ़िक में हल्की-सी हलचल दिखाई दी, लेकिन जब फुटेज को स्लो किया गया और यह दिखा कि स्पाइक गेंद के बल्ले से आगे निकलने के एक फ़्रेम बाद दिख रहा है, तो वह रुक गए।
लेकिन चार मिनट की लंबी समीक्षा के बाद, शरफ़ुद्दौला ने फ़ैसला बदल दिया। उन्होंने कहा, "जब गेंद बल्ले से आगे निकल रही है, उसी वक्त स्पाइक दिख रहा है। मैं संतुष्ट हूं कि गेंद बल्ले से लगी है। मेरा फ़ैसला है कि नितिन आपको अपना फ़ैसला नॉट-आउट से आउट में बदलना होगा। गेंद पास होते ही स्पष्ट स्पाइक दिखती है।"
मैदान में मौजूद हज़ारों इंग्लिश फैंस ने इस फ़ैसले पर हूटिंग की और चिल्लाए--"वही पुराने ऑस्ट्रेलियाई, हमेशा बेईमानी।" लेकिन टफ़ेल ने चैनल 7 पर कहा कि फ़ैसला सही था और उन्होंने दुनियाभर में उपयोग होने वाली दो अलग-अलग "एज-डिटेक्शन टेक्नॉलॉजी" का अंतर समझाया।
टफ़ेल ने कहा, "यही मुश्किल होती है जब दुनियाभर में दो तरह की एज-डिटेक्शन टेक्नॉलॉजी इस्तेमाल होती है। ज़्यादातर जगह हॉकआई अल्ट्रा-ऐज़ इस्तेमाल होती है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया उन कुछ देशों में है जहां रियल टाइम स्निको का उपयोग होता है।
"इतना लंबा समय लेने का मतलब है कि मामला साफ़ नहीं था। लेकिन जब स्मिथ चल दिए, शायद उसी ने अंपायर को यक़ीन दिलाया। यह अब तक का सबसे लंबा DRS फ़ैसला था जो मैंने देखा है।"मार्क वॉ
"RTS के साथ प्रोटोकॉल यह है कि अगर स्पाइक गेंद के बल्ले के पास से गुजरने के एक फ़्रेम बाद आता है, तो उसे निर्णायक माना जाता है और यहां ठीक वही हुआ। दुर्भाग्य यह रहा कि वह (TV अंपायर) फ़ैसला जल्दी नहीं ले पाए। ट्रक में मौजूद लोग उन्हें बार-बार दिखा रहे थे, फ्रेम रोककर, स्लो करके लेकिन मेरे हिसाब से फ़ैसला बिल्कुल सही था। एक फ़्रेम बाद स्पाइक = बल्लेबाज़ आउट।"
यह फ़ैसला पिछले साल बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में हुए कई विवादित DRS कॉल्स की याद दिलाता है।
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ मार्क वॉ ने काइयो स्पोर्ट्स पर कहा कि स्मिथ का ड्रेसिंग रूम की ओर बढ़ना शायद फ़ैसला बदलने में असर डाल गया।
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है स्मिथ ने खुद ही भांडाफोड़ कर दिया। अगर वो अपनी जगह खड़े रहते तो अंपायर इतने आश्वस्त नहीं होते। इतना लंबा समय लेने का मतलब है कि मामला साफ़ नहीं था। लेकिन जब स्मिथ चल दिए, शायद उसी ने अंपायर को यक़ीन दिलाया। यह अब तक का सबसे लंबा DRS फ़ैसला था जो मैंने देखा है।"
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