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आंकड़े: सिर्फ़ दो दिन में ख़त्म होने वाला 26वां मैच बना पहला ऐशेज़ टेस्ट

हेड और स्टार्क ने भी बनाए कुछ बेहतरीन रिकॉर्ड

2- ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच चल रहापर्थ टेस्ट सिर्फ़ दो ही दिन में ख़त्म हो गया। यह अब तक हुए 2608 टेस्ट में से 26वां टेस्ट था, जो दो दिन में ख़त्म हुआ। इनमें से सात टेस्ट अकेले ऐशेज़ में हुए हैं। लेकिन पिछली बार ऐशेज़ में 104 साल पहले 1921 का नॉटिंघम टेस्ट दो दिन में ख़त्म हुआ था। कुल मिलाकर 26 दो-दिवसीय टेस्ट में से 11 इस सदी में हुए हैं।

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847 - इस मैच में कुल 847 गेंदें फेंकी गई, जो परिणाम वाले टेस्ट में नौवां सबसे कम है। यह ऐशेज़ इतिहास का गेंदों के हिसाब से तीसरा सबसे छोटा टेस्ट है। 1888 ऐशेज़ के दो टेस्ट मैचों में क्रमशः 788 और 792 गेंदें फेंकी गई थीं। ऑस्ट्रेलिया में यह दूसरा सबसे छोटा टेस्ट है। 1932 में साउथ अफ़्रीका के खिलाफ हुए मेलबर्न टेस्ट में 656 गेंदें फेंकी गई थीं।

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69 - ट्रैविस हेड ने अपना शतक पूरा करने के लिए सिर्फ़ 69 गेंदें लीं, जो ऐशेज़ इतिहास में दूसरा सबसे तेज़ और ऑस्ट्रेलिया के लिए संयुक्त रूप से तीसरा सबसे तेज़ शतक है।

हेड ने टेस्ट क्रिकेट में चौथी पारी का सबसे तेज़ शतक भी बनाया और उन्होंने इस मामले में गिल्बर्ट जेसप के 1902 में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ बनाए 76 गेंदों के शतक को पीछे छोड़ा।

60- लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया के कुल रनों में हेड का योगदान 60% रहा। यह 200+ के 140 सफल चेज़ में तीसरा सबसे बड़ा योगदान है। सिर्फ गॉर्डन ग्रीनिज़ (62.57%) और मोहम्मद इलयास (62.37%) का योगदान इससे अधिक रहा है।

7.23- 200 या उससे अधिक के सफल चेज़ में ऑस्ट्रेलिया की रन गति सबसे ज़्यादा (7.23 रन प्रति ओवर) रही। उन्होंने इंग्लैंड का ही रिकॉर्ड तोड़ा। इंग्लैंड ने 2022 के ट्रेंट ब्रिज़ टेस्ट में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ 299 रनों के लक्ष्य का पीछा 5.98 की रन गति से किया था।

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103/10 - मिचेल स्टार्क ने इस टेस्ट में 103 रनों के अंतराल में 10 विकेट झटके। उन्होंने पहली पारी में अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ी की और 7/58 का आंकड़ा दर्ज किया। इसके बाद उन्होंने दूसरी पारी में भी तीन विकेट झटके।

पिछली बार किसी ऑस्ट्रेलियाई तेज़ गेंदबाज़ ने किसी ऐशेज़ टेस्ट में दस विकेट 1991 में लिए थे, जब क्रेग मक्डर्मॉट ने वाका में 157/11 के आंकड़े दर्ज किए थे। 123- स्टार्क ने अपने ये 10 विकेट पूरे करने में कुल 123 गेंदें ली और पाकिस्तान के यासिर शाह (2018 में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ 10 विकेट सिर्फ़ 125 गेंदों में) को पछाड़ा। तेज़ गेंदबाज़ों में स्टुअर्ट ब्रॉड के नाम सबसे तेज़ दस विकेट थे, जब उन्होंने 2020 में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ 133 गेंदें ली थीं।

0/1 - पर्थ की पहली तीन पारियों का शुरुआती स्कोर 0 रन पर एक विकेट था। पहली बार किसी टेस्ट में शुरुआती साझेदारी ने पहली तीन पारियों में एक भी रन नही जोड़ा।

100 - यह इंग्लैंड के ख़िलाफ़ घर में ऑस्ट्रेलिया की 100वीं टेस्ट जीत थी। किसी भी टीम ने किसी विपक्षी को एक देश में इतनी बार नही हराया है। ऑस्ट्रेलिया इस सूची में दूसरे नंबर पर भी है और उन्होंने इंग्लैंड को इंग्लैंड में 57 बार हराया है।

1639 - स्कॉट बोलंड ने ऑस्ट्रेलिया में 50 टेस्ट विकेट पूरे करने में 1639 गेंदें ली, जो किसी भी देश में एक गेंदबाज़ द्वारा सबसे तेज़ रिकॉर्ड है। उनके बाद वर्नन फिलेंडर (1383), कगिसो रबाडा (1548) और मार्को यानसन (1633) आते हैं। पहले ऑस्ट्रेलिया में यह रिकॉर्ड ब्रेट ली (2061 गेंद) के नाम था।

9 - ज़ैक क्रॉली ऐसे नौवें इंग्लिश सलामी बल्लेबाज़ बने, जो एक टेस्ट की दोनों पारियों में शून्य पर आउट हुए और पेयर बनाया। इससे पहले 1999 के जोहानसबर्ग टेस्ट में माइकल अथर्टन ने पेयर किया था। अथर्टन ही 1998 के मेलबर्न ऐशेज़ टेस्ट में पेयर करने वाले पिछले इंग्लैंड ओपनर थे।

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शुभम अग्रवाल ESPNcricinfo में स्टैस्टिशियन हैं