बिना देरी किए जेमिमाह ने दिखाई क्या होती है क्लास
चोट के बाद वापसी करते हुए भारतीय बल्लेबाज़ ने खेली 76 रन की करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी

ऐसे तो कोई भी खिलाड़ी कभी भी चोटिल होना नहीं चाहता लेकिन वे कभी भी ऐसे समय पर चोटिल हरगिज़ नहीं होना चाहेंगे जब वे अच्छी फ़ॉर्म से गुज़र रहे हों।
भारतीय बैटर जेमिमाह रोड्रिग्स पूरे घरेलू सीज़न में अच्छी लय में थीं, कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान हथेली पर चोट लगने और इंग्लैड दौरे से बाहर होने से पहले उन्होंने महिला टी20 चैलेंज और राष्ट्रीय मंडल खेलों में फ़ॉर्म में नज़र आ रही थीं।
जेमिमाह बेंगलुरु के राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में पुनर्वास की प्रक्रिया से गुज़रीं और उन्होंने छह हफ़्तों तक बल्ले को स्पर्श तक नहीं किया। उनके लिए अपने सबसे प्रिय चीज़ से दूर रहना और अन्य लोगों को बल्लेबाज़ी करते देखना बेहद कठिन था। लेकिन उन्होंने अपनी फ़िटनेस कड़ी मेहनत की और चोट से उबरने के बाद धीमी और टर्न लेती पिचों पर खेलना शुरू कर दिया ताकि सिलेट में खेलने के लिए मिलने वाली पिचों से परिचित हो सकें। बांग्लादेश के लिए उड़ान भरने से पहले अपने पिता, जो कि उनके कोच भी हैं, के साथ उन्होंने नवी मुंबई में ऐसी पिचों पर अभ्यास किया जो कि धीमी और नीची रह रही थीं और यह मेहनत आख़िरकार रंग लाई।
श्रीलंका के ख़िलाफ़ अपनी वापसी वाले मुक़ाबले में 53 गेंदों पर 76 रनों की पारी खेलकर जेमिमाह ने अपनी क्षमता की एक और मिसाल पेश की। पारी के तीसरे ओवर में ही उनकी बल्लेबाज़ी की बारी आ गई, स्पिनर सुगंधिका कुमारी और ओशादि रनासिंघे किसी भी तरह से बैटरों को छूट देने के मूड में नहीं थीं। जेमिमाह को अपना समय भी लेना था और गेंदबाज़ों को अपने ऊपर हावी भी नहीं होने देना था। सुगंधिका के विरुद्ध कुछ दिलकश कवर ड्राइव खेलकर उन्होंने लय प्राप्त कर ली।
जेमिमाह एक पावर हिटर नहीं हैं लेकिन वह विकेटों के बीच तेज़ी से दौड़कर और गैप निकालकर आसानी से समन्वय स्थापित कर लेती हैं। उन्होंने श्रीलंका के स्पिनर्स के विरुद्ध पारंपरिक और स्लॉग स्वीप खेले। हालांकि स्ट्राइक रेट के लिहाज़ से उनकी पारी में कवर ड्राइव अधिक परिणाम उन्मुख सिद्ध हुआ। उन्होंने कवर ड्राइव के ज़रिए 11 गेंदों में 18 रन बटोरे।
6 से 16 ओवर के बीच में जेमिमाह ने 35 गेंदों का सामना करते हुए 57 रन बनाए आज इस दौरान उन्होंने सिर्फ़ आठ डॉट गेंदें खेली। इस दौरान भारतीय टीम ने 83 रन बनाए। जेमिमाह और हरमनप्रीत कौर की 92 रनों की साझेदारी टूटने के बाद भारतीय टीम के स्कोर बोर्ड पर चार विकेट पर 35 रन ही जुड़ पाए। भला हो जेमिमाह का जिन्होंने अपनी अंतिम 15 गेंदों पर 26 रन बनाए। भारतीय टीम अपनी आख़िरी 14 गेंदों पर 16 रन ही स्कोर बोर्ड पर जोड़ पाई।
श्रीलंका के विरुद्ध 59 के औसत से रन और नौ टी20 में श्रीलंका के विरुद्ध तीसरा अर्धशतक बनाने वालीं जेमिमाह ने सिलेट की गर्मी और श्रीलंका के दमदार स्पिन आक्रमण पर जल्दी ही काबू पा लिया। जेमिमाह ने अपनी पारी पर बात करते हुए कहा, "मैं मुंबई की शुक्रगुज़ार हूं(हंसते हुए), क्योंकि वहां भी वैसी ही गर्मी है। विकेट काफ़ी ट्रिकी थी, यह नीचे रह रही थी। शुरू में गेंद घूम नहीं रही थी लेकिन बाद में घूमने भी लगी।
उन्हें पता था कि वे बेहद अच्छी लय में थीं लेकिन उन्हें यह भी पता के कहां पर सुधार की ज़रूरत है। ब्रॉडकास्टर पर पारी के ब्रेक के दौरान उन्होंने कहा, "मुझे इस बात की खुशी है कि यह मेरे करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी थी लेकिन अगर मैं आउट नहीं होती तो इससे और अधिक बेहतर कर सकती थी क्योंकि मैं गेंद को बहुत अच्छे से टाइम कर पा रही थी।
एस सुदर्शन ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में फ्रीलांस जर्नलिस्ट नवनीत झा ने किया है।
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