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सूर्यकुमार यादव और विराट कोहली की साझेदारी में कहीं चमक तो कहीं संघर्ष

हॉन्ग कॉन्ग के ख़िलाफ़ दोनों भारतीय बल्लेबाज़ों के अर्धशतकीय पारियों में बड़ा अंतर दिखा

हां या ना : सूर्यकुमार ने फिर साबित किया कि वह भारत के एबी डीविलियर्स हैं

हां या ना : सूर्यकुमार ने फिर साबित किया कि वह भारत के एबी डीविलियर्स हैं

हॉन्ग कॉन्ग के ख़िलाफ़ भारत की जीत से जुड़े अहम सवालों पर रॉबिन उथप्पा का फ़ैसला

हॉन्ग कॉन्ग के बाएं हाथ के स्पिनर यासिम मुर्तज़ा अपने कप्तान निज़ाकत ख़ान की ओर देखते रह गए। उनकी लगातार गेंदों पर सूर्यकुमार यादव ने स्वीप के ज़रिए चौके जड़ दिए थे। अगर पहली स्वीप डीप स्क्वेयर बाउंड्री पर जा टकराई तो दूसरी लॉन्ग लेग की दिशा में और फ़ाइन गई।

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सूर्या से पहले तक विराट कोहली और केएल राहुल लगभग ऐसी गेंदों को ऑफ़साइड की तरफ़ धकेल कर सिंगल लेने से संतुष्ट दिख रहे थे। 13वें ओवर में राहुल के आउट होने पर भारत का स्कोर था 94, और हॉन्ग कॉन्ग ने क्रिकेट के बुनियादों का सहारा लेते हुए भारत को बांध रखा था। उनको इस बात की मदद भी मिली कि राहुल और कोहली दोनों फ़ॉर्म में लौटने के प्रयास में अपनी पारी का निर्माण करने में लगे थे। ख़ासकर राहुल ने काफ़ी धीमी बल्लेबाज़ी की और पावरप्ले में एक फ़्री-हिट पर छक्का लगाने के अलावा कोई आक्रामक शॉट नहीं लगाया।

कोहली भी लय प्राप्त करने में असफल दिख रहे थे। सतह भी आसान नहीं थी और ऐसे में वह गैप में गेंद को डालकर तेज़ी से एक और दो रन चुराने की नीति अपनाते हुए दिखे। हालांकि इसके बीच भी उनकी शारीरिक भाषा और तेवर में कोई कमी नहीं आई थी, लेकिन दो ख़ूबसूरत बड़े शॉट के अलावा वह क्रीज़ पर रहते हुए डेथ ओवर्स तक ख़ुद पर नियंत्रण रखने में विश्वास रख रहे थे।

कोहली की पारी में यह संदेश था कि यह गेम किसी के लिए नहीं रुकता। तभी तो एक महान बल्लेबाज़ भी असहज महसूस कर रहे थे और एक बार तो रिवर्स पैडल करने की कोशिश में भी विफल रहे। बहरहाल उन्होंने 10वें ओवर तक बिना बाउंड्री के 18 गेंदों पर 15 ही बनाए थे। और 13वें ओवर में मिडविकेट पर उनके पहले छक्के के बाद ही सूर्या बल्लेबाज़ी करने उतरे।

कोहली की तरह सूर्या ने आंखे जमाने के लिए ज़्यादा वक़्त नहीं लिया। उन्होंने दो गेंदों में ही अपने इरादे स्पष्ट कर दिया था। इसी के चलते मुर्तज़ा भी चौंक गए। सूर्या के स्ट्रोकप्ले में पूर्वानुमान और स्वाभाविक प्रवृति का ज़बरदस्त मिश्रण नज़र आया।

कुछ शॉट पूर्वानुमान पर आधारित होते हैं। इस प्रारूप में आपको तैयारी करके मैदान पर उतरना होता है। अधिकतर शॉट ऐसे ही होते हैं लेकिन यह भी ज़रूरी है कि आप वर्तमान में रहते हुए खेलें। बाहर से देखते हुए ऐसा लगा था कि विकेट थोड़ी धीमी है। ऐसे में मेरा प्लान यही था कि आते ही तेज़ गति से रन बनाऊंगासूर्यकुमार यादव

दोनों बल्लेबाज़ों में अंतर साफ़ था। जहां कोहली लंबी पारी खेलने की प्रतिबद्धता को दिखा रहे थे तो सूर्या की बल्लेबाज़ी इतनी आसान दिखी जैसे कोई नटखट बच्चा अपने पड़ोसी के आम के पेड़ से फल गिरा कर भाग रहा हो। यह तुलना बहुत ग़लत भी नहीं, क्योंकि उनके विकेट के पीछे स्कूप और रैंप शॉट के पीछे उनके गली-मोहल्ले के क्रिकेट का अनुभव भी शामिल है। सीमेंट की 'पिच' पर रबर की गेंद पर उछाल आपको ऐसे शॉट खेलने का भरपूर मौक़ा देती है।

सूर्या ख़ुद को हर गेंद पर विभिन्न शॉट लगाने के अवसर दे रहे थे। सीमर एज़ाज़ ख़ान के विरुद्ध सूर्या शॉर्ट गेंद का अनुमान लगाकर ऑफ़ साइड में शफ़ल करके शॉर्ट फ़ाइन के ऊपर खेलने के लिए तैयार हुए। इस पर गेंदबाज़ ने नीति बदलते हुए गेंद को फ़ुल डाला तो सूर्या ने जवाब में अपने पैरों के बीच फ़ासला थोड़ा बढ़ाया और गेंद को आसानी से कीपर के ऊपर से स्कूप कर दिया।

इतने शॉट खेलने के बावजूद आप देखेंगे कि सूर्या अपनी स्टांस की नींव हमेशा स्थिर रखते हैं। इससे उनके पास सारे विकल्प खुले रहते हैं और इसके आगे तो उनका लाजवाब हाथों और आंखों के बीच तालमेल उनका साथ देता है। कुछ इसी तरह उन्होंने लगातार छक्कों के साथ पचासा पूरा किया। डीप बैकवर्ड प्वाइंट के क्षेत्र में लगाए शॉट मानो कवर बाउंड्री पर फ़ील्डर की खिल्ली उड़ा रहीं हों।

अपने शॉट चयन पर सूर्या ने मैच प्रेज़ेंटेशन में कहा, "कुछ शॉट पूर्वानुमान पर आधारित होते हैं। इस प्रारूप में आपको तैयारी करके मैदान पर उतरना होता है। अधिकतर शॉट ऐसे ही होते हैं लेकिन यह भी ज़रूरी है कि आप वर्तमान में रहते हुए खेलें। बाहर से देखते हुए ऐसा लगा था कि विकेट थोड़ी धीमी है। ऐसे में मेरा प्लान यही था कि आते ही तेज़ गति से रन बनाऊंगा और ख़ुद को स्वछंद अंदाज़ में व्यक्त करूंगा। इस गेम में लचीला होना ज़रूरी है। मैं किसी भी क्रम पर बल्लेबाज़ी करने को तैयार हूं।"

उनके कप्तान रोहित शर्मा ने माना कि उनके पास "इस पारी के वर्णन के लिए पर्याप्त शब्द नहीं" हैं, क्योंकि इसमें रचनात्मकता, कलाइयों का उपयोग और मानसिक स्पष्टता का अद्भुत संगम था। जब सूर्या बल्लेबाज़ी करने उतरे तब कोहली 33 पर थे, लेकिन आख़िर में कोहली के 59 की पारी के सामने सूर्या ने उनसे नौ रन अधिक बनाए और 18 गेंदें कम खेली। ज़ाहिर सी बात थी कि पारी समाप्ति पर मैदान से बाहर जाते हुए कोहली झुके और अपने साथी को आगे चलने को बोले।

इस पर सूर्या ने कहा, "उनका यह अंदाज़ बड़ा लुभावना था। मुझे समझ नहीं आया कि वह मेरे पीछे क्यों चल रहे थे। मैंने सुझाव दिया कि हम साथ ही बाहर निकलते हैं। वह इतने अनुभवी खिलाड़ी हैं और उनके साथ बल्लेबाज़ी करने में बड़ा मज़ा आया। मैंने मैच के बाद भी उनसे यही बात की। हमने बातें की कि ऐसी परिस्थितियों में क्या किया जा सकता है। ऐसे में अनुभव का होना बहुत मददगार साबित होता है।"

Yasim MurtazaNizakat KhanSuryakumar YadavVirat KohliIndiaIndia vs Hong KongMen's T20 Asia Cup

शशांक किशोर ESPNcricinfo के सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सहायक एडिटर और स्थानीय भाषा लीड देबायन सेन ने किया है।