पाकिस्तान की समस्याएं हैं और वे शीर्ष पर शुरू होती हैं
कई समस्याएं और हैं जैसे क्वालिटी स्पिन और शाहीन की अनुपस्थिति में एक मज़बूत तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण

पुरुष टी20 विश्व कप से पांच सप्ताह पहले पाकिस्तान के चयनकर्ता और टीम प्रबंधन कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। कुछ ऐसी समस्याएं हैं, जो एशिया कप के दौरान सामने उभर कर आई हैं। जहां वे फ़ाइनल में तो पहुंचे लेकिन श्रीलंका से लगातार दो (एक सुपर चार में) मैच हार गए।
बाबर और रिज़वान की पहेली
हम इस बारे में पहले भी बात कर चुके हैं। बाबर आज़म और मोहम्मद रिज़वान ने पिछले साल के टी20 विश्व कप की शुरुआत के बाद से सभी टी20 मैचों में पाकिस्तान के 60% से अधिक रन बनाए हैं और पिछले दो वर्षों में यह एक बेहतरीन सलामी जोड़ी रही है। हालांकि पिछले साल टी20 विश्व कप के सेमीफ़ाइनल में मिली हार की तरह एशिया कप ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कई संभवनाएं हैं कि अगर वे अलग हो जाते हैं तो उन्हें टीम को काफ़ी फ़ायदा मिल सकता है।
रिज़वान ने एशिया कप में सबसे अधिक रन बनाए लेकिन उनका स्ट्राइक रेट सिर्फ़ 117.57 का रहा। रिज़वान का स्ट्राइक रेट तेज़ी से एक चर्चा का विषय बन रहा है। पाकिस्तान के सामने जब भी कोई बड़ा लक्ष्य होता है तो उनकी समस्याएं बढ़ जाती है।
उदाहरण के लिए एशिया कप के फ़ाइनल में रिज़वान ने पावरप्ले में 22 गेंदें खेलीं और 72.22 के स्ट्राइक रेट से रन बनाया। इफ़्तिख़ार अहमद ने भी 31 गेंदों में 32 रनों की पारी खेली और 170 रनों के लक्ष्य को और भी ज़्यादा मुश्किल बना दिया। 49 गेंदों में 55 रनों की पारी खेल कर जब रिज़वान आउट हुए तो उन्हें 23 गेंदों में 61 रनों की आवश्यकता थी।
बाबर ने इस साल सात टी20 पारियों में सिर्फ़ एक अर्धशतक बनाया है। पावरप्ले में उनके स्ट्राइक रेट भी कुछ ख़ास नहीं है। उनका रन रेट सभी पूर्ण सदस्यीय टीमों में दूसरा सबसे कम है। उन्होंने 13 मैचों में 122.27 के स्ट्राइक रेट से 401 रन बनाए हैं। इसके कारण मध्यक्रम पर काफ़ी दबाव पड़ रहा है। ऐसे में एक बदलाव के तौर पर टी20 विश्व कप से पहले पाकिस्तान अपनी बची हुई सीरीज़ मे फ़ख़र ज़मान से ओपन करवा सकता है।
मध्य क्रम का संकट और गहराया
पाकिस्तान की बल्लेबाज़ी क्रम में एक बात तो सर्वविदित है कि ऊपरी क्रम के बल्लेबाज़ लंबे समय तक क्रीज़ पर जमे रहते हैं और अधिकांश रन बनाते हैं। भले ही मध्य क्रम ने आमतौर पर अपने रन जल्दी से बनाए हैं लेकिन ऊपरी क्रम की तुलना में मध्यक्रम ने काफ़ी कम रन बनाए हैं।
स्पिन समस्या बन जाती है
अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ पाकिस्तान ने शादाब ख़ान को 5 नंबर पर प्रोमोट करने का क़दम काफ़ी हद तक राशिद ख़ान और मोहम्मद नबी से आसिफ़ अली और खु़शदिल शाह को बचाने के लिए किया था। भारत के ख़िलाफ सुपर 4 में रवि बिश्नोई डेथ ओवरों में उन्हें खुल कर रन बनाने नहीं दे रहे थे।
खु़शदिल का टी20 में नंबर 4 पर रिकॉर्ड प्रभावशाली है। उनका औसत 27 का है और स्ट्राइक रेट 146 का है। हालांकि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में उनका स्ट्राइक रेट 110 और औसत 20 का हो जाता है। उन्होंने स्पिन के ख़िलाफ़ भी संघर्ष किया है।
वास्तव में नंबर 4 पर शादाब का रिकॉर्ड अद्भुत है। 19 पारियों में उनका स्ट्राइक रेट 160 का है और 28 से अधिक का औसत है। पिछले पीएसएल में वह इस्लामाबाद यूनाइटेड के लिए विशेष रूप से काफ़ी प्रभावशाली रहे थे। उन्हें चार नंबर पर ही बल्लेबाज़ी कराई जा सकती है।
इसके अलावा हैदर अली को भी मौक़ा दिया जा सकता है। एशिया कप में उन्हें एक भी मैच में मौक़ा नहीं दिया गया। उन्होंने दिसंबर के बाद से कोई मैच नहीं खेला है। इसके अलावा टीम में शान मसूद को भी जगह दी जा सकती है, जो फ़िलहाल अपने करियर के सबसे बेहतरीन फ़ॉर्म में हैं। टी20 क्रिकेट में उन्होंने इस साल 1257 रन बनाए हैं और इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 136.88 का रहा है।
वहीं शरजील ख़ान और आज़म ख़ान फ़िलहाल सीपीएल खेल रहे हैं। वहां वे मध्यक्रम में बल्लेबाज़ी कर रहे हैं, अगर उनका प्रदर्शन बढ़िया रहा तो पाकिस्तान की टीम उन्हें अपने दल में शामिल कर सकती है।
अगर अफ़रीदी बाहर हो गए तो क्या होगा?
पाकिस्तान को अपने ऑलराउंडरों से कोई समस्या नहीं है, शादाब और मोहम्मद नवाज़ ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। लेकिन तेज़ गेंदबाज़ी विभाग में वे शाहीन अफ़रीदी के घुटने की चोट से उबरने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं।
उस चोट की प्रकृति समय के साथ ही स्पष्ट हो गई है और शाहीन को एशिया कप से बाहर होना पड़ा। संभवतः वह इंग्लैंड के ख़िलाफ़ सात टी20 से भी बाहर रहेंगे चूंकि उनका इलाज चल रहा है। यदि शाहीन की वापसी होती है तो पाकिस्तान की गेंदबाज़ी आक्रमण शाहीन, नसीम, हारिस रउफ़ के होने से बेहद ख़तरनाक हो जाएगी।
अगर शाहीन बाहर हो जाते हैं तो पाकिस्तान, मोहम्मद हसनैन या शाहनवाज़ दहानी में से किसी एक को शामिल करेगा, जैसा उन्होंने एशिया कप में किया था। यदि मोहम्मद वसीम समय पर ठीक नहीं होते हैं, तो इसका मतलब यह हो सकता है कि हसन अली टीम में बने रहेंगे, भले ही उन्होंने हाल ही में ज्यादा क्रिकेट नहीं खेला हो। बैकअप विकल्पों को अभी और देखना होगा। इंग्लैंड के ख़िलाफ़ परिणामों और खिलाड़ियों को अवसर प्रदान करने के बीच संतुलन बनाना पाकिस्तान के लिए महत्वपूर्ण होगा।
शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में एडिटोरियल फ्रीलांसर कुणाल किशोर ने किया है।
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