'शायद मुझमें कुछ ख़ास है' - नूर अहमद के करियर की उड़ान की दास्तान
20 वर्षीय युवा बाएं हाथ के स्पिनर फ़िलहाल विश्व क्रिकेट के उभरते सितारों में एक हैं और कई अलग-अलग टूर्नामेंट में हिस्सा ले रहे हैं
Can Afghanistan make the final of the Asia Cup?
Or, will it be India vs Pakistan for the first time? Our Runorder crew discussesपिछले कुछ समय से नूर अहमद की ज़िंदगी एक अलग ही गति से चल रही है। हालिया समय में उन्होंने अलग-अलग लीगों में हिस्सा लिया। लगातार यात्रा करते रहे हैं और अलग-अलग टीमों का हिस्सा बन रहे हैं। अब उनका ज़्यादातर समय होटलों में बीत रहा है। क्रिकेट ने उन्हें इतना व्यस्त कर दिया कि उनके माता-पिता को अपने शहर खोस्त से काबुल शिफ़्ट होना पड़ा, ताकि अपने स्टार बेटे की ज़िंदगी के साथ तालमेल बैठा सकें।
नूर ने ESPNcricinfo से कहा, "कुछ साल पहले शायद ही किसी ने यह सोचा होगा कि मैं यहां तक पहुंच पाऊंगा। टैलेंट, मेहनत और परिवार के सपोर्ट ने मुझे यहां तक पहुंचाया है।" नूर के लिए "यहां" का मतलब - चेन्नई (IPL) से लेकर डलास (MLC), मैनचेस्टर (Hundred) से ग्क़ेबेर्हा (SA20) तक का सफर है, जहां जाने के लिए शायद उनका सूटकेस हमेशा ही तैयार रहता होगा।
नूर कहते हैं कि अब तो हालात कुछ ऐसे हैं कि वह मैदान से जितने दिन बाहर रहे हैं, उस संख्या को आराम से गिनकर बता सकते हैं। वह लगातार मैच या ट्रेनिंग का हिस्सा रहते हैं और उनका कार्यक्रम काफ़ी व्यस्त रहता है।
रविवार रात को उन्होंने पाकिस्तान और UAE के साथ शारजाह में त्रिकोणीय सीरीज़ पूरी की और 48 घंटे से भी कम में वह अबू धाबी पहुंचेंगे, जहां उन्हें एशिया कप में हांगकांग के ख़िलाफ़ पहला मैच खेलना है।
क्या वह थक गए हैं ?
वह मुस्कुराते हुए कहते हैं, "मैं अभी युवा हूं। मेरा शरीर इस तरह के दबाव को झेल सकता है। मुझे कोई परेशानी नहीं हो रही है। क्रिकेट मेरा प्यार है। मैं क्रिकेट खेले बिना रह ही नहीं सकता। एक बात यह है कि सफ़र की वजह से पिछले कुछ महीने मुश्किल रहे हैं। मुझे पर्याप्त आराम भी नहीं मिला है, लेकिन फिर भी मज़ा आ रहा है। शरीर अभी भी अच्छी स्थिति में है।"
"IPL के बाद एक हफ़्ता के लिए घर पर था। न नेट्स, न क्रिकेट। IPL के बाद वो वक़्त घर पर मिला। लेकिन मैं एक हफ़्ते से ज़्यादा क्रिकेट के बिना रह ही नहीं सकता। और तुरंत मैंने फिर से गेंदबाज़ी शुरू कर दी।"
जब नूर छोटे थे तब क्रिकेट बड़े मंच पर मिलना काफ़ी मुश्किल था। वह कहते हैं, "जब मेरा भाई पहली बार मुझे 12 साल की उम्र में अकादमी ले गया, मुझे याद है कि मुझे एक लंबी लाइन में खड़ा होना पड़ता था और 10 मिनट में सिर्फ़ एक गेंद फेंकने का समय मिलता था।"
इसके बाद एक ऐसा पल आया जिसके बाद मुझे लगा मुझमें कुछ ख़ास है। अफ़ग़ानिस्तान के बल्लेबाज़ नूर अली ज़दरान ने एक अभ्यास सत्र के दौरान मेरी गेंदबाज़ी का सामना किया और कहा, "तुम बहुत अच्छी गेंदबाज़ी कर रहे हो, जारी रखो।"
"वह बात मेरे लिए एक इशारे की तरह था कि शायद मेरे अंदर कुछ तो ख़ास है। "
धीरे-धीरे और भी नेशनल खिलाड़ी कैंप में आने लगे और नूर ने सबको गेंदबाज़ी की। वह कहते हैं, "कुछ बल्लेबाज़ों तो मैंने आउट भी किया। फिर सबने कहा, 'क्रिकेट मत छोड़ना, तुम्हारा भविष्य उज्ज्वल है।' उस तरह की बातों ने मुझे बहुत प्रोत्साहित किया।"
समस्या ये थी कि नूर पढ़ाई में भी बहुत अच्छे थे। वह कहते हैं, "मैं क्लास में हमेशा फ़र्स्ट आता था। फिर मैंने अकादमी जाना शुरू किया। यह सब मेरे भाई के कारण हुआ, वह क्रिकेट के उच्च स्तर तक नहीं जा पाए लेकिन इस खेल को बहुत प्यार करते हैं।
"जब मैंने कुछ दिन क्लास मिस की, तो शिक्षक और प्रिंसिपल मेरे पिता के पास गए और पूछा क्या हुआ, वह स्कूल क्यों नहीं आ रहा। उन्होंने कहा कि मैंने क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया है। शिक्षकों के अनुसार मुझे वापस स्कूल आना चाहिए था, मेरा भविष्य अच्छा है। मेरे पिता उनसे सहमत हो गए। मेरे भाई के लिए पिताजी को मनाना मुश्किल था, लेकिन उन्होंने उनसे थोड़ा वक़्त मांगा।"
आज नूर के पिता उनका हर मैच देखते हैं। "उन्होंने Dish TV कनेक्शन भी लगवा लिया ताकि सभी मैच देख सकें।"
क्रिकेट में आए साल भर भी नहीं हुआ था कि नूर राशिद ख़ान से प्रभावित हो गए, जो ख़ुद किशोर उम्र में दुनिया के बेहतरीन स्पिनरों में से एक बन गए थे। नूर ने उन्हें पहली बार काबुल में अंडर-16 कैंप के दौरान कोच और पूर्व कप्तान रईस अहमदज़ई के ज़रिए मुलक़ात की।
"2021 में मुझे हाथ में चोट लगी थी। इसके कारण मैं एक साल तक परेशान रहा। मैं गेंदबाज़ी कर सकता था लेकिन हमेशा दर्द में रहता था। उस चोट ने मेरी लेगब्रेक और कंट्रोल पर असर डाला। मुझे ठीक होने में एक साल लग गए।"
राशिद के साथ हुई पहली मुलाक़ात पर नूर कहते हैं, "राशिद ने जब पहली बार मेरी गेंदबाज़ी देखी तो शायद उन्हें काफ़ी अच्छा लगा।"
आजकल राशिद उनके मेंटॉर हैं और गाइड हैं। शेड्यूल की वजह से अक्सर मुलाक़ात नहीं हो पाती, लेकिन 26 साल के इस दिग्गज स्पिनर के लिए नूर के मन में बहुत सम्मान है।
नूर अपने और राशिद के रिश्ते के बारे में कहते हैं, "जब भी मेरे पास सवाल होते हैं, बात करनी होती है, या कुछ शेयर करना होता है तो राशिद मेरे लिए वह पहले इंसान होते हैं, जिनसे मैं उस बारे में बात कर सकूं। मैं कोशिश करता हूं कि गेंदबाज़ी के बारे में ज़्यादा न सोचूं, लेकिन जब भी कुछ ज़रूरी होता है, मैं उनसे साझा करता हूं।"
जब उनसे CSK के साथ उनके पहले IPL सीज़न के बारे में पूछा जाता है तो नूर की आंखें चमक उठती हैं । वे कहते हैं, "पहले मैच में मैन ऑफ़ द मैच बनना ख़ास था। लेकिन MS धोनी के साथ खेलना मेरे करियर असली हाइलाइट था।"
क्या आप विस्तार से इस बारे में बता सकते हैं?
नूर कहते हैं, " वे सब कुछ बहुत आसान बना देते हैं। आपको ज़्यादा सोचने की ज़रूरत नहीं। वे बस कहते हैं, 'स्थिति को समझो और जो ज़रूरी हो, वही करो।' उन्हें पूरी तरह भरोसा था कि मैं जो करना चाहता हूं वही करूं। कोई दबाव नहीं। बस अपनी ताक़त पर टिके रहना है।" नूर ने IPL 2025 में 24 विकेट लिए और सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ों की सूची में दूसरे स्थान पर रहे। पहले वह गुजरात टाइटंस के लिए खेलते थे, लेकिन बाद में टीम बदलने के कारण उन्हें काफ़ी फ़ायदा हुआ।
GT में नूर राशिद के साथ गेंदबाज़ी करते थे। लेकिन पिछले दो सीज़न में नूर लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे पता चलता है कि वह सिर्फ़ राशिद के शागिर्द नहीं बल्कि ख़ुद एक मैच विजेता के तौर पर उभरे हैं। ये दिखाता है कि वे कितनी तेज़ी से राशिद के शागिर्द से ख़ुद मैच-विनर बन गए। CSK में उन्हें मुख्य स्पिनर का रोल मिला और उसे वह बखू़बी निभाने में सफल रहे।
2021 का साल एक ऐसा साल था, जब नूर चोट के कारण काफ़ी ज़्यादा परेशान रहे। उस साल उन्हें हाथ में चोट लगी और उस कारण से उन्हें लगभग एक साल तक दर्द के साथ गेंदबाज़ी करनी पड़ी। इसका असर यह रहा कि उनका कंट्रोल डगमगा गया, गूगली पर भरोसा नहीं रहा और वे अक्सर अपनी गेंदबाज़ी से निराश रह रहे थे।
वे बताते हैं, "शुरुआत में मैं बहुत गूगली डालता था और लेगस्पिन कम डालता था। फिर 2021 में हाथ की चोट लगी। एक साल तक संघर्ष किया। गेंदबाज़ी कर सकता था, लेकिन हमेशा दर्द रहता था। उस चोट ने मेरी लेगब्रेक और कंट्रोल पर असर डाला। ठीक होने में एक साल लगा। मुझे फिर से लेगब्रेक पर मेहनत करनी पड़ी। लेकिन अब सब ठीक है।"
"धोनी सब कुछ आसान बना देते हैं... वे बस कहते हैं, 'स्थिति को समझो और जो ज़रूरी हो, वही करो।' उन्हें पूरी तरह भरोसा था कि मैं जो करना चाहता हूं वही करूं।"
अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट में एक बड़ी ताक़त के रूप में सामने आ रहा है। उनकी जीत की भूख लगातार बढ़ती जा रही है। नूर ने कहा, "पिछले साल हम T20 वर्ल्ड कप के सेमीफ़ाइनल में थे। इस साल हमें एशिया कप के फ़ाइनल में होना चाहिए। हम इसी माइंड सेट के साथ खेलते हैं। हमें अपने देश के लिए कोई बड़ी ट्रॉफ़ी जीतनी है।"
क्रिकेट के बाद जो भी समय मिलता है, उस दौरान नूर रियल मैड्रिड और मैनचेस्टर सिटी का मैच देखना पसंद करते हैं। वे जिस भी शहर में होते हैं, वहां के सबसे अच्छे अफ़ग़ान रेस्टोरेंट तलाशते हैं। IPL के दौरान उन्हें जब भी ऑफ़ मिलता था, तब वह डेवाल्ड ब्रेविस और मथीशा पथिराना के साथ FIFA खेलते खेलते थे। कुल मिला कर वह चाहे जितना भी व्यस्त हों, उनकी ज़िंदगी में एक लय में है और वे उसका आनंद लेते हैं।
लेकिन एक चीज़ है जिसे वे पूरा करना चाहते हैं। वे तीन साल से अपने गृहनगर नहीं गए हैं, लेकिन उनके दोस्त उन्हें अकादमियों के वीडियो भेजते हैं, जो उन्हें खु़श कर देता है। वे कहते हैं, "हमारे यहां कि कई अलग-अलग अकादमी पहले से ज़्यादा व्यस्त हैं, कई नई खुल रही हैं। मुझे लगता है अब बच्चों को खेलने का बेहतर मौक़ा मिलेगा। मैं वापस जाने के इंतज़ार में हूं। उम्मीद है जल्द ही जाऊंगा।"
फ़िलहाल, एक और टूर्नामेंट है। एक और ट्रॉफ़ी की तलाश। और अफ़ग़ानिस्तान का ये सुपरस्टार एक बार फिर उड़ान भरने को तैयार है।
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