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कुलदीप: हमें पता था कि हम उन्हें कम स्कोर पर रोक सकते थे

कुलदीप के साथ गेंदबाज़ी करके वरूण को KKR के दिनों की याद आई

वरुण चक्रवर्ती ने पाकिस्तान की शानदार ओपनिंग साझेदारी को तोड़ा था  AFP/Getty Images

भारत ने दुबई में एशिया कप फ़ाइनल में पाकिस्तान को हराकर रिकॉर्ड नौवीं बार यह ख़िताब जीता। कुलदीप यादव, वरूण चक्रवर्ती और तिलक वर्मा ने पांच विकेट की इस जीत में अहम भूमिका निभाई। मैच के बाद कुछ भारतीय खिलाड़ियों ने होस्ट ब्रॉडकास्टर से बात की।

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वरुण: "हां, मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। उस वक्त मैं विकेट लेने के लिए ही जा रहा था क्योंकि फ़ख़र [ज़मान] और साहिबज़ादा फ़रहान अच्छा खेल रहे थे। हां, मैंने कुछ योजनाएं बनाई थी और वे योजनाएं सफल रहीं। जिस तरह से कुलदीप ने पारी को ख़त्म किया, इससे मुझे KKR के दिनों की याद आ गई, जब हम साथ खेलते थे। वह स्टार हैं और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्पिनरों में से एक हैं।

"अगर आप पिछले कुछ मैचों का ट्रेंड देखें तो पहले दस ओवर में अगर विकेट न गिरे तो बल्लेबाज़ बहुत आक्रामक होकर खेलते हैं। हमें पता था कि अगर हम सही जगह और सही लाइन लेंथ पर गेंद डालें तो हम उन्हें रोक सकते हैं। मैं हरि (टीम के सहयोगी स्टाफ़) का ज़िक्र करना चाहूँगा। उन्होंने पर्दे के पीछे बहुत मेहनत की है और उन्हें भी पूरा क्रेडिट मिलना चाहिए।"

कुलदीप: "बीच के ओवरों में गेंदबाज़ी करना बहुत अहम है। मेरे, वरूण और अक्षर, सबकी अलग भूमिका है। उन्होंने अच्छी शुरुआत की थी और 10-11 ओवर तक 100 पर 1 थे। हमें पता था कि अगर हमें 10 ओवर के बाद दो विकेट मिल जाएं, तो नए बल्लेबाज़ों के लिए रन बनाना आसान नहीं होगा। जब मैं चौथा ओवर डाल रहा था, तब भी मेरा लक्ष्य विकेट निकालना था।

"मैच से पहले हरि ने हमें कुछ स्क्रीनशॉट भेजे थे कि बल्लेबाज़ों को किस लेंथ पर गेंद डालनी है। उसके लिए बहुत धन्यवाद हरि को। और तिलक की पारी तो मास्टरक्लास थी, वो आज कमाल थे।"

सैमसन: "हां, मैंने दबाव का लुत्फ़ उठाया। मैंने ज़्यादा भारत-पाकिस्तान मैच नहीं खेले हैं, लेकिन आज दबाव साफ़ महसूस हो रहा था। पावरप्ले में तीन विकेट गिर गए थे, तो मुझे अपने अनुभव का इस्तेमाल करना था, धैर्य रखना था और बस गेंदों को देखकर रिएक्ट करना था। मैंने वही किया और सब अच्छा हुआ। मेरी तिलक के साथ अच्छी साझेदारी हुई और मैंने आज खेल का ख़ूब आनंद लिया।

"ऐसे मैचों में हालात और परिस्थितियों का सम्मान करना होता है। यही हमने सीखा है। IPL के सालों का तजुर्बा और क्रिकेट ने हमें यही सिखाया है। मुझे बस मैदान में जाकर सही टाइमिंग करनी थी और वही मेरे लिए कारगर रहा। रोमांचक मैच बहुत अच्छे होते हैं। तब आपका कैरेक्टर टेस्ट होता है और आप अपनी मानसिक ताक़त भी टेस्ट कर सकते हैं। विश्व कप से पहले यह अवेयरनेस बहुत अच्छी है। यह मैच बहुत अहम था। इस तरह के नॉकआउट मैच, बड़े टूर्नामेंट के लिए हमें तैयार करते हैं और यहां सबने महत्वपूर्ण योगदान दिया।"

शुभमन गिल: "पूरा टूर्नामेंट हम अपराजित रहे। अभिषेक शर्मा के साथ खेलना भी शानदार रहा। हम लगभग सारा क्रिकेट साथ खेले हैं, तो हम एक-दूसरे को अच्छे से जानते हैं। उसके साथ बल्लेबाज़ी करना शानदार है। जिस तरह वो खेलता है, नॉन-स्ट्राइकर पर दबाव कम कर देता है। इस टूर्नामेंट में वह बेहतरीन रहा।

"हमारे बीच बातचीत यही थी कि जितना हो सके, खेल को गहराई तक ले जाएं। लक्ष्य बड़ा नहीं था लेकिन शुरुआत में दबाव झेलना ज़रूरी था। तीन विकेट गिरने के बाद आसान नहीं होता, लेकिन संजू और तिलक की साझेदारी और फिर दुबे के छक्के बहुत अहम थे।

"अंत में तीन ओवर में 30 रन का लक्ष्य था। पैनिक ज़्यादा नहीं था, लेकिन मैच दोनों तरफ़ जा सकता था। ख़ासकर इस तरह की धीमी पिचों पर, जहां बाउंड्री बड़ी हैं और आपको छक्के मारने के लिए अच्छे से कनेक्ट करना होता है। और जैसा कि मैंने कहा, दोनों ने पहले दबाव झेला और फिर सही गेंदों को बाहर भेजा।"

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