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दीप्ति शर्मा: मैं लगातार लंबे शॉट्स लगाने का अभ्यास कर रही हूं

दीप्ति फ़िलहाल लखनऊ वॉरियर्स की बेंगलुरु कैंप में हैं, जहां उन्होंने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो से ख़ास बातचीत की है

दीप्ति भारतीय टीम के लिए पिछले कई सालों से एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी रही हैं  BCB

इस अगस्त डब्ल्यूपीएल फ़ेंचाइज़ी यूपी वॉरियर्स ने बेंगलुरु में सात दिनों की एक कैंप रखी थी। एक महिला क्रिकेट टीम इस तरह का शिविर आयोजित करे, यह भारत में दुर्लभ है। इस तरह का आयोजन एक पेशेवर संरचना के महत्व को रेखांकित करता है, जो अवसरों को ज़मीनी स्तर तक पहुंचाता है।

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एक दशक से भी अधिक समय पहले दीप्ति शर्मा एक ऐसी युवा क्रिकेटर थीं, जो प्रोफ़ेशनल क्रिकेट में ख़ुद को स्थापित करने का प्रयास कर रहीं थीं। यह रास्ता बाधाओं से भरा हुआ था। आज दीप्ति एक अनुभवी खिलाड़ी हैं, जो अपने कौशल को निखारने के अलावा, स्काउटिंग ट्रायल में युवा प्रतिभाओं को सामने लाने में मदद करने की कोशिश कर रहीं हैं। इसी कारण से आज दीप्ति भारतीय टीम की एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं।

बेंगलुरु में लगा कैंप कई दृष्टिकोण से काफ़ी महत्वपूर्ण था। स्टार खिलाड़ियों से सजी रेलवे टीम के दबदबे वाले महिला घरेलू क्रिकेट में कोचों की ओर से ऐसी आलोचनात्मक प्रतिक्रिया दुर्लभ है। यही कारण है कि कैंप में इकट्ठे हुए युवा खिलाड़ियों के लिए यह एक बड़ा क़दम था।

मुझे एक फ़िनिशर के रूप में खेलना पसंद है क्योंकि इसमें अधिक ज़िम्मेदारी की आवश्यकता होती है और अपनी टीम के लिए एक गेम को ख़त्म करना बिल्कुल अलग एहसास है। जब आप टीम के लिए किसी गेम को खत्म करते हैं तो आपके अंदर बहुत सकारात्मकता आती है।दीप्ति शर्मा

निःसंदेह यूपी सप्ताह भर के शिविर से जितना संभव हो उतना लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं दीप्ति के लिए व्यक्तिगत रूप से यह व्यस्त कुछ महीनों से पहले खु़द को तैयार करने के लिए कड़ी मेहनत करने का एक स्वागत योग्य अवसर है, क्योंकि उन्होंने डब्ल्यूपीएल के बाद अधिक क्रिकेट नहीं खेला है।

भारतीय महिला टीम एशिया कप से अपने व्यस्त क्रिकेट कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रही है, जहां उनकी टीम को सीधे क्वार्टरफ़ाइनल में एंट्री मिली है। उनका पहला मैच 21 सितंबर को है। अगर महिला एशिया कप में भारतीय टीम के प्रदर्शन के इतिहास को देखा जाए तो कहीं न कहीं भारत के पास स्वर्ण पदक जीतने का अच्छा मौक़ा है।

इससे पहले भी भारतीय महिला टीम के पास अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में कई बार बड़ी ट्रॉफ़ी जीतने का मौक़ा मिला था लेकिन वह काफ़ी छोटी मार्जिन से चूंक गई थीं। दीप्ति ऐसे कई टूर्नामेंटों का हिस्सा रही हैं, जहां भारत जीत के काफ़ी क़रीब होने के बाद भी सफलता हासिल नहीं कर पाया था, जिसमें एमसीजी में 86,174 दर्शकों के सामने हुआ टी20 विश्व कप फ़ाइनल भी शामिल है।

स्थिति चाहे जो भी हो, अगर गेंदबाज़ी करनी हो या बल्लेबाज़ी करनी हो तो मुझे अपने सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करना पसंद है।' ये चुनौतियां मुझे अपने दिमाग को मज़बूत बनाने में मदद करती हैं। किसी भी परिस्थिति में खेलना आसान नहीं है, लेकिन अगर आपकी तैयारी मज़बूत है, तो आप किसी भी चुनौती से पार पा सकते हैं।दीप्ति शर्मा

दीप्ति ईएसपीएनक्रिकइंफो को बताती हैं, "पहले, हम कभी भी (बड़े टूर्नामेंट के फ़ाइनल के लिए) क्वालिफ़ाई नहीं कर पाते थे। अब हम क्वालिफ़ाई करते हैं, सेमीफ़ाइनल, फ़ाइनल खेलते हैं... यह आसान नहीं है। हम जितने अधिक मैच खेलेंगे, उतना अधिक अनुभव हासिल करेंगे। हम थोड़े अंतर से पिछड़ रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि हम जल्द ही इससे निदान पा लेंगे।"

दीप्ति जिस अनुभव का बात कर रही हैं। उसमें डब्ल्यूपीएल जैसे टूर्नामेंट एक अहम योगदान देते हैं। इस तरह के आयोजनों का एक लक्ष्य भारतीय टीम को उस तरह के अनभुव को प्रदान करना भी है।

दीप्ति कहती हैं, "हम इसके [डब्ल्यूपीएल] लिए लंबे समय से इंतज़ार कर रहे थे, और आख़िरकार यह शुरू हो गया। अनुभव के लिहाज़ से यह बहुत अच्छा रहा है। हमने कुछ (विदेशी) खिलाड़ियों के ख़िलाफ़ लंबे समय तक खेला है, और अब हम एक ही टीम में खेल रहे हैं। मुझे लगता है कि यह टूर्नामेंट बिल्कुल अलग स्तर पर जाएगा और आगे चलकर इसमें बहुत मज़ा आने वाला है।"

दीप्ति एक ऐसी खिलाड़ी रही हैं जिन्होंने वनडे और टी20 में 1 से 9 नंबर तक के बल्लेबाज़ी क्रम में बल्लेबाज़ी कर चुकी हैं। गेंदबाज़ी में भी उनका योगदान काफ़ी अहम रहता है।

वह कहती हैं, ''स्थिति चाहे जो भी हो, अगर गेंदबाज़ी करनी हो या बल्लेबाज़ी करनी हो तो मुझे अपने सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करना पसंद है।' ये चुनौतियां मुझे अपने दिमाग को मज़बूत बनाने में मदद करती हैं। किसी भी परिस्थिति में खेलना आसान नहीं है, लेकिन अगर आपकी तैयारी मज़बूत है, तो आप किसी भी चुनौती से पार पा सकते हैं। मैं अपना अभ्यास इस तरह से करती हूं कि मैं मानसिक रूप से मज़बूत रहूं, ताकि मेरे सामने जो कुछ भी मुश्किलें आए, वह आसान हो जाए।"

डब्ल्यूपीएल में लखनऊ के लिए दीप्ति एक ऑलराउंडर के तौर पर काफ़ी अहम खिलाड़ी हैं  BCCI

ऋषिकेश कानितकर, जो एशियन गेम्स के दौरान महिला टीम के मुख्य कोच होंगे, ने हाल ही में बताया था कि कैसे दीप्ति अपने "प्रशिक्षण स्तर को बहुत ऊंचा" रखती हैं।

दीप्ति कहती हैं, ''मैच के दौरान मेरी जो मानसिकता होती है, वही मानसिकता मैं अभ्यास के दौरान अपनाने की कोशिश करती हूं।' मैं अभ्यास सत्र के दौरान गेंदों की संख्या बढ़ाने की कोशिश कर रही हूं। अगर मैं 500 गेंदों का सामना करता थी, तो अब मैं इसे 100 से 150 तक बढ़ाने की कोशिश कर रही हूं।

''पावर-हिटिंग मेरी अभ्यास का निरंतर हिस्सा है।' मैंने भारी गेंदों के साथ अभ्यास करना शुरू कर दिया है। मैं यह सुनिश्चित करती हूं कि जब मैं गेंदबाज़ी मशीन का सामना कर रही हूं, तो मैं कदमों का इस्तेमाल करने की कोशिश करूं और ऊंचे-लंबे शॉट्स का अभ्यास करूं।

वह आगे कहती हैं, "मुझे एक फ़िनिशर के रूप में खेलना पसंद है क्योंकि इसमें अधिक ज़िम्मेदारी की आवश्यकता होती है और अपनी टीम के लिए एक गेम को ख़त्म करना बिल्कुल अलग एहसास है। जब आप टीम के लिए किसी गेम को खत्म करते हैं तो आपके अंदर बहुत सकारात्मकता आती है।"

Deepti SharmaIndia WomenIndiaAsian Games Women's Cricket Competition

आशीष पंत ESPNcricinfo के सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर राजन राज ने किया है।