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डेब्यू टेस्ट में शानदार प्रदर्शन पर राणा: "यह आपके लिए है, पापा"

तेज़ गेंदबाज़ ने डेब्यू से एक रात पहले ठीक से नींद नहीं ली थी और भारत की कैप मिलने के बाद भावुक होकर रो पड़े थे

हर्षित: मिचेल स्टार्क और हम दोनों में हंसी मज़ाक होता रहता है

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"विराट भईया और जस्सी भईया से हमेशा मदद मिलती रहती है"

हर्षित राणा भले ही सिर्फ़ 22 साल के हैं, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर बनने का सपना वे लंबे समय से देख रहे थे। इंस्टाग्राम पर, भारत की कैप पहने अपनी तस्वीर के साथ उन्होंने लिखा, "13 साल पहले मैंने और मेरे पिता ने जो सपना देखा था, आज वह पूरा हो गया। यह आपके लिए है, पापा।"

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राणा पिछले महीने बांग्लादेश के ख़िलाफ़ T20 सीरीज़ में डेब्यू कर सकते थे, लेकिन वायरल बुख़ार के कारण उनका इंतज़ार लंबा हो गया। पर्थ में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ चल रहे टेस्ट मैच में राणा ने दिन का खेल समाप्त होने के बाद कहा, "वह समय मेरे लिए बहुत कठिन था। लेकिन जैसा कि गौतम [गंभीर] भैया कहते हैं, अपने समय का इंतज़ार करो और जब वह आए तो देश के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दो। मैं हर मैच से पहले अपने पापा से बात करता हूं और वह हमेशा कहते हैं कि जिस दिन भगवान ने तुम्हारे खेलने का समय तय किया है, उस दिन तुम खेलोगे। ज़्यादा चिंता मत करो।"

आख़िरकार वह दिन आया। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी के पहले टेस्ट में पर्थ के मैदान पर राणा ने अपने डेब्यू का सपना पूरा किया। इसके बाद वह बेहद भावुक हो गए। उन्होंने कहा, "मुझे पता था कि उस रात [मैच से पहले] ज़्यादा नींद नहीं आएगी और मैं काफ़ी देर से सोया। मैंने कोई ख़ास चीज़ नहीं की, बस अपनी नियमित दिनचर्या का पालन किया। मैच के दिन जब मैं कैप प्रेजेंटेशन में बोल रहा था, तो मैं रोने लगा। मैंने ऑस्ट्रेलिया बनाम भारत को केवल टीवी पर देखा था, और वह भी सुबह जल्दी उठकर पापा के साथ मैं यह देखा करता था। तो यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात है।"

राणा इस साल IPL जीतने वाली KKR की टीम का अहम हिस्सा थे। उन्होंने अपनी गति में विविधता से यह दिखाया कि वह सफे़द गेंद के क्रिकेट के लिए बने हैं। लेकिन भारत की टेस्ट टीम ने उनमें कुछ ख़ास देखा। संभवतः वाका (पर्थ) में भारत ए के ख़िलाफ़ मैच सिमुलेशन के दौरान उन्होंने सबको काफ़ी प्रभावित किया। उन्होंने सटीक और तेज़ स्पैल फेंककर चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा।

पर्थ में राणा ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ उसी फ़ॉर्म को दोहराया। उन्होंने पहली पारी में तीन विकेट लिए और ऑस्ट्रेलिया को 104 रनों पर समेटने में मदद की, जिससे भारत को 46 रनों की बढ़त मिली। उनका पहला विकेट ट्रैविस हेड का था, जो एक शानदार गेंद पर आया। राणा ने राउंड द विकेट गेंद फेंकी, जो अंदर की ओर आती हुई अचानक सीधी हो गई और ऑफ़ स्टंप को चूमती हुई निकल गई।

राणा ने कहा, "व्यक्तिगत रूप से मैं अपने प्रदर्शन से बहुत खु़श हूं और टीम के प्रदर्शन से और भी ज़्यादा खु़श हूं। अगर ख़ासतौर पर उस विकेट की बात करें, तो टीम में इस पर चर्चा हुई थी कि उन्हें कैसे सेट करना है और कैसे आउट करना है। योजना थी उनके स्टंप्स को निशाना बनाया जाए, और मैंने अच्छी गेंदें फेंकी, जिसके कारण मुझे वह विकेट मिला।" "जब हम यहां आते हैं और इन पिचों पर खेलते हैं, तो हमें अतिरिक्त उछाल मिलता है। हालांकि हमें यह सुनिश्चित करना होता है कि हम बहुत ज़्यादा उत्साहित न हो जाएं। हमारा ध्यान अच्छी लाइन और लेंथ पर गेंदबाज़ी करने पर था।"

राणा ने जसप्रीत बुमराह के प्रभाव पर भी बात की। उन्होंने कहा, "चाहे आप बल्लेबाज़ी की बात करें या गेंदबाज़ी की, जब कोई ऐसा शुरुआत करता है जैसा जस्सी भैय्या ने कल किया, तो यह ऐसा माहौल बनाता है कि हर कोई बहुत जोश में आ जाता है। सभी सोचते हैं कि 'अगर वह कर सकते हैं, तो हम भी करेंगे।' यह बड़ी बात थी कि जब मैं गेंदबाज़ी करने आया, तब वे तीन विकेट खो चुके थे। मैंने सोचा कि मुझे भी कुछ विकेट लेने चाहिए क्योंकि जितनी जल्दी वे आउट होंगे, हमारे लिए उतना ही अच्छा होगा।"

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