बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी में नया रोमांच - बुमराह बनाम कॉन्स्टास
सिडनी में पहले दिन के खेल ख़त्म होने के दौरान बुमराह और कॉन्स्टास के बीच काफ़ी बहस हुई
जसप्रीत बुमराह बनाम सैम कॉन्स्टास - बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी में यह एक नया ट्रेंड बन चुका है। मेलबर्न में भी इनदोनों खिलाड़ियों के बीच अच्छा संघर्ष देखने को मिला था और सिडनी में भी कुछ ऐसा ही हुआ। हालांकि दोनों घटनाओं के बीच एक फर्क यह था कि मेलबर्न में दोनों खिलाड़ियों के बीच गेंद और बल्ले के साथ संघर्ष देखने को मिला। वहीं सिडनी में बुमराह और कॉन्स्टास एकदूसरे साथ बहस करते हुए दिखे।
ऑस्ट्रेलिया की पारी दिन का खेल ख़त्म होने में केवल 15 मिनट पहले शुरू हुई, और पहले ही गेंद पर कॉन्स्टास क्रीज़ से बाहर निकले और बुमराह को मिडविकेट की दिशा में बाउंड्री लगाई। यहां से मामला गर्म होना लाज़मी था। हालांकि शब्दों के आदान-प्रदान के लिए किसी मौक़े का इंतेज़ार था, और उस आवश्यकता को ख़्वाजा ने पूरा कर दिया।
तीसरे ओवर की पांचवीं गेंद पर बुमराह पूरी तरह से गेंद फेंकने के लिए तैयार थे लेकिन उस्मान ख़्वाजा अपने क्रीज़ से हट गए। एकबार के लिए ऐसा लगा कि ख़्वाजा ने ऐसा इसलिए किया ताकि थोड़ी देरी हो सके और भारत एक और ओवर न कर सके।
इस चीज़ पर बुमराह ने आपत्ति जताई और उसके जवाब में कॉन्स्टास ने पीछे मुड़ कर बुमराह को कुछ कहा। बात यहां तक आ गई कि अंपायर को बीच में आना पड़ा। इसके बाद पांचवीं गेंद ऑफ़ स्टंप के बाहर से निकल जाती है, जिस पर ख़्वाजा कोई शॉट नहीं लगाते। इसकी अगली और ओवर की आख़िरी गेंद पर बुमराह ख़्वाजा को स्लिप में कैच आउट करा देते हैं, जिसके बाद बुमराह और भारत के अन्य खिलाड़ी कॉन्स्टास के सामने जाकर पूरे जोश के साथ जश्न मनाते हैं।
ऋषभ पंत ने इस घटना के बारे में कहा, " मुझे लगता है कि वे थोड़ा समय बर्बाद करना चाहते थे। बुमराह इससे निराश थे और उसी के कारण वह घटना हुई। उनके बीच जो बातचीत हुई मैंने नहीं सुना लेकिन वो लोग नहीं चाहते थे कि हम एक और ओवर करें।"
बो वेबस्टर ने ऑस्ट्रेलियाई पारी की शुरुआत के बारे में कहा, "यह दिलचस्प था। मैं रूम में हेडी [ट्रैविस हेड] के पास बैठा था और टीवी पर देख रहा था। पहली गेंद पर उसने [कॉन्स्टास] क्रीज़ से बाहर बढ़कर मिडविकेट के ऊपर से शॉट खेला। यह कोई चौंकाने वाली बात नहीं थी। वही इसी तरह से खेलते हैं।"
"सैमी बहुत आत्मविश्वासी युवा है। यही आजकल के युवा करते हैं। वे आक्रामक हो जाते हैं और खु़द को इसी तरह से मैच में सामने लाते हैं। उनके कौशल और प्रतिभा को देखते हुए लगता है कि कल का दिन उनके लिए काफ़ी अच्छा होगा और वह काफ़ी रन बनाएंगें।"
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