राहुल : मेरा बल्लेबाज़ी क्रम तय हो गया है, लेकिन मैं इसे आप लोगों को नहीं बताऊंगा
पिछले मैच में ओपनिंग किए राहुल ने कहा कि वह अपना पहला पिंक बॉल टेस्ट खेलने के लिए उत्साहित हैं
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#Runorder में एडिलेड टेस्ट के लिए भारतीय बैटिंग ऑर्डर पर चर्चा ESPNcricinfo हिंदी टीम के साथएडिलेड पिंक बॉल डे-नाईट टेस्ट से 48 घंटे पहले भारत ने निर्णय ले लिया है कि उनका बल्लेबाज़ी क्रम क्या होगा, ख़ासकर उनके ओपनर्स कौन होंगे। हालांकि इस बल्लेबाज़ी क्रम का खुलासा उन्होंने मीडिया के सामने नहीं किया है।
पिछले मैच में ओपनर रहे केएल राहुल ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, "मुझे मेरा बल्लेबाज़ी क्रम बता दिया गया है, लेकिन यह भी कहा गया है कि इसे आप लोगों (मीडिया) से साझा ना करें। हमें इसके लिए टेस्ट के पहले दिन का इंतज़ार करना होगा या फिर कल जब कप्तान रोहित शर्मा यहां प्रेस कॉन्फ़्रेंस के लिए आएंगे, तो शायद आप लोगों को बताएंगे।"
हालांकि भारतीय टीम के पिछले अभ्यास मैच और अब तक हुए अभ्यास सत्रों से यह संकेत मिले हैं कि पिछले पांच सालों से भारतीय टीम के नियमित ओपनर रहें रोहित बल्लेबाज़ी क्रम में नीचे आ सकते हैं। उनहोंने कैनबरा में प्रधानमंत्री एकादश के ख़िलाफ़ अभ्यास मैच में नंबर चार पर बल्लेबाज़ी की थी। हालांकि तब विराट कोहली बल्लेबाज़ी के लिए नहीं आए थे। यह दिखाता है कि भारतीय टीम राहुल और यशस्वी जायसवाल के ओपनिंग करने से ख़ुश है।
भारत ने एडिलेड पहुंचने के बाद नेट्स में अभी तक दो सत्र बिताए हैं और दिन-रात्रि के क्रिकेट व पिंक बॉल के आदी हो रहे हैं। राहुल ने बताया कि जब गुलाबी गेंद, गेंदबाज़ के हाथ से छूट रही है तो उसे तुरंत देखना थोड़ा मुश्किल हो रहा है। वहीं टीम के तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद सिराज ने बताया कि पिंक बॉल को ग्रिप करना भी थोड़ा अलग और अजीब है।
भारतीय टीम के सिर्फ़ आठ खिलाड़ियों ने अभी तक डे-नाईट टेस्ट खेला है। उसमें से भी सिर्फ़ कोहली, जसप्रीत बुमराह और आर अश्विन को इसे ऑस्ट्रेलिया में खेलने का अनुभव है।
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The India batter says he is excited for his first-ever pink ball Testराहुल ने कहा, "यह लाल गेंद से थोड़ा अधिक हार्ड है। जब आप फ़ील्डिंग करते हो, तब भी लगता है कि यह आपकी हथेली पर अधिक तेज़ी से लग रहा है। यह कुछ अधिक तेज़ भी है। बल्लेबाज़ी में भी कुछ ऐसा ही है। यह बल्लेबाज़ की तरफ़ लाल गेंद से अधिक तेज़ी से आता है और लाल गेंद से अधिक सीम भी करता है। यह एक चुनौती है, लेकिन मैं इसका सामना करने के लिए उत्साहित भी हूं क्योंकि यह मेरा पहला पिंक बॉल टेस्ट है, जिसमें मेरे लिए खोने को कुछ नहीं होगा।"
"हमने पिछले कुछ दिनों में सीखा है कि गुलाबी गेंद कैसे रिएक्ट कर रही है और इसके ख़िलाफ़ खेलना कितना आसान या कठिन है। अगर आप पिछले कुछ समय के पिक बॉल टेस्ट को देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि ये टेस्ट लंबे समय तक नहीं चलते हैं और जल्दी समाप्त हो जाते हैं। इस गेंद से तेज़ गेंदबाज़ों को अधिक मदद मिलेगी और बहुत अधिक सीम मूवमेंट भी होगा। इसकी तैयारी हमने की है और पर्थ में पहले दिन भी ऐसा हुआ था, जब गेंदबाज़ों को अधिक सीम मूवमेंट मिला था। निश्चित रूप से यहां एडिलेड में भी ऐसा होगा," राहुल ने आगे कहा।
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"शुभमन गिल के लिए नंबर-5 का स्थान बेहतर होगा जहां उन्हें भी आसानी होगी"ऑस्ट्रेलिया ने अभी तक एडिलेड में हुआ हर डे-नाईट टेस्ट मैच जीता है और वे पहले बल्लेबाज़ी कर दूसरी टीम को दूसरे दिन के ट्विलाईट में गेंदबाज़ी करना पसंद करते हैं। ट्विलाईट का समय सूर्यास्त से 20 मिनट पहले से सूर्यास्त के 20 मिनट बाद तक होता है, जब बल्लेबाज़ी करना अधिक कठिन होता है। एडिलेड में सूर्यास्त वहां के स्थानीय समयानुसार रात आठ बजे होता है।
राहुल ने कहा, "एक बल्लेबाज़ के रूप में आपको सबसे पहले गेंद को गेंदबाज़ के हाथ से छूटते हुए देखना होता है। अगर आपने वहां से गेंदबाज़ को पढ़ लिया तो आप उस गेंद को खेलने के सबसे अच्छे पोज़िशन में होते हैं। इसलिए हम बल्लेबाज़ नेट्स में अधिक से अधिक गेंद खेलने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि इसके आदी हो जाएं।"
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"राहुल और जायसवाल ने जो काम किया है उसके बाद उनकी जोड़ी को नज़रअंदाज़ करना मुश्किल होगा"पिच पर छह मीटर की घास
वहीं एडिलेड के पिच क्यूरेटर डेमियन हो ने पिच पर छह मिलीमीटर का घास छोड़ा है, जो कि एडिलेड के पिछले डे-नाईट टेस्ट की तरह ही है, जब भारत 36 रनों पर ऑलआउट हुआ था। टेस्ट मैच के पहले दिन शुक्रवार को थोड़ी बारिश की आशंका है, लेकिन बाक़ी दिनों में मौसम साफ़ रहने का पूर्वानुमान है।
हो ने कहा, "सभी चीज़े पहले की ही तरह हैं। यह मैट घास की पिच है, जो सूखी और हार्ड है। यहां पर तेज़ गेंदबाज़ों को और तेज़ी मिलेगी, जबकि स्पिनर्स को भी उछाल मिलेगा। लेकिन इसके अलावा हम कुछ अच्छी साझेदारियां भी देख सकते हैं क्योंकि गेंद, बल्ले पर आएगी और शॉट लगाना आसान होगा। दोनों टीमों के पास कुछ विश्व स्तरीय गेंदबाज़ हैं, जो नए बल्लेबाज़ों को चुनौती दे सकते हैं। हमने डे-नाईट मैचों में देखा है कि नए बल्लेबाज़ों के लिए अधिक चुनौती होती है। अगर फ़्लडलाइट्स जलने पर आपके पास नई गेंद नहीं होती है, तब सेट बल्लेबाज़ों के लिए बल्लेबाज़ी करना आसान होगा, जैसा कि हमने शेफ़ील्ड शील्ड के मैचों में भी देखा है।"
अलगप्पन मुथु ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं
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