पंत: 'कभी-कभी समझदारी से खेलना ज़रूरी होता है'
पंत ने रोहित शर्मा के ऊपर लिए गए फ़ैसले और अपनी पारी के बारे में बात की
हां या ना: रोहित शर्मा अब दोबारा सफ़ेद जर्सी में नज़र नहीं आएंगे
सिडनी टेस्ट के पहले दिन से जुड़े अहम सवालों पर संजय मांजरेकर का फ़ैसलाबॉर्डर गावस्कर ट्रॉफ़ी के दौरान ऋषभ पंत का फ़ॉर्म कुछ ख़ास नहीं रहा है। इसके अलावा उनके शॉट चयन के कारण पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कार काफ़ी गुस्सा भी हुए थे। मौजूदा टेस्ट सीरीज़ के दौरान पंत ने 37, 1, 21, 28, 9, 28, 30 का स्कोर बनाया है। भारतीय टीम और उसके बाहर पंत को लेकर लगातार यह धारणा बन रही है कि पंत अपने स्वाभाविक खेल पर काबू रखने में सफल नहीं हो पा रहे हैं।
हालांकि पांचवें टेस्ट के दौरान पंत ने यह दिखाया कि वह अपनी स्वभाविक शैली में बदलाव करते हुए भी बल्लेबाज़ी कर सकते हैं। पंत ने पांचवें टेस्ट की पहली पारी के दौरान कुल 98 गेंदों का सामना किया, जहां उन्होंने सिर्फ़ चार ही गेंदों को सीमा रेखा के बाहर पहुंचाया। सिडनी में भारत शुरुआती झटको के बाद दबाव में था और ऐसे में पंत ने काफ़ी रक्षात्मक तरीक़े से बल्लेबाज़ी की, जहां कई गेंदें उनकी शरीर पर लग रही थीं।
पहले दिन का खेल ख़त्म होने के बाद पंत ने कहा, " मैं आज उस मानसिक स्थिति में नहीं था, जहां मैं गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ आक्रमण करूं। पिच गेंदबाज़ों के लिए मददगार थी। साथ ही हमारी टीम जिस स्थिति में थी, वहां से हमारे पास ज़्यादा विकल्प नहीं थे। उस समय मुझे ऐसा लगा कि मैं रक्षात्मक क्रिकेट खेल सकता हूं। आक्रामक क्रिकेट खेलने का भी एक समय होता है लेकिन उसका एक अपना अलग समय होता है। और आपको यह अंदर से महसूस करना होता है कि अब आप आक्रामक क्रिकेट खेलोगे। मैं पहले से तय नहीं कर सकता कि मैं आज इस तरह खेलूंगा। खेल की मांग के अनुसार ही अपने खेल आगे बढ़ाया जाना चाहिए।"
मेलबर्न में भारतीय टीम को मिली हार के बाद गौतम गंभीर ने कहा था कि टीम में यह मानसिकता होनी चाहिए कि अपने स्वाभाविक खेल की जगह पर सबसे पहली प्राथमिकता टीम को देनी चाहिए, जहां सभी खिलाड़ी सबसे पहले यह फ़ैसला लें कि उनका स्वभाविक खेल टीम को नुक़सान पहुंचा रहा है या फ़ायदा कर रहा है। चार दिन पहले रोहित शर्मा ने भी कहा था कि पंत को ख़ुद यह फ़ैसला लेना होगा कि टीम के लिए क्या सही और क्या ग़लत है।
पंत ने कहा, "मुझे लगता है कि इस शैली के साथ खेलना थोड़ा कठिन ज़रूर है लेकिन ज़्यादा कठिन नहीं है। शुरुआत में यह काफ़ी कठिन हो सकता है, क्योंकि जब आपको वह गेंद दिखती है जिसे आप मार सकते हैं, तो वहां आप ख़ुद को नियंत्रित करते हुए, किसी और रणनीति के साथ खेलते हैं। इस पारी में भी मुझे कुछ वैसे मौक़े मिले थे, जहां मैं बड़े शॉट्स लगा सकता था, लेकिन कभी-कभी आपको सुरक्षित क्रिकेट खेलनी होती है। ख़ासकर जिस तरह [SCG] पिच व्यवहार कर रही थी, उस हिसाब से मेरे लिए उसी तरह से खेलना सही था। हमें पता था कि अगर हमने यहां एक और विकेट खो दिया, तो हम जल्दी-जल्दी दो-तीन विकेट और खो सकते हैं। पिछले मैच में करने के लिए ज़्यादा कुछ नहीं था क्योंकि जो लक्ष्य था, उसके हिसाब से मुझे वैसे ही खेलना पड़ा [रक्षात्मक रूप से], इसलिए मैं अपने खेल से काफ़ी संतुष्ट हूं।"
हालांकि पंत अपने स्वभाविक खेल को पूरी तरह से छोड़ने के मूड में नहीं हैं। उन्होंने कहा "मुझे लगता है कि आप हमेशा वैसे ही खेलना चाहते हैं जैसा आपने पहले खेला है। लेकिन अंत में आपको खु़द को लगातार विकसित करते रहना होता है। मुझे लगता है कि क्रिकेट खेलने का सिर्फ़ एक तरीक़ा नहीं है, लेकिन जो चीज़ स्वाभाविक रूप से आती है, वह हमेशा बेहतर होती है। लेकिन आपको आक्रामक और रक्षात्मक क्रिकेट के बीच एक संतुलन की आवश्यकता होती है। मैं यही करने की कोशिश कर रहा हूं।"
रोहित के बारे में मैंनेजमेंट ने फ़ैसला लिया - पंत
सिडनी टेस्ट में भारतीय टीम ने कप्तान रोहित शर्मा को प्लेइंग XI में शामिल नहीं किया। रोहित पिछले कुछ मैचों से काफ़ी ख़राब फ़ॉर्म में चल रहे हैं। पंत ने कहा, "यह एक बहुत ही भावुक करने वाला फ़ैसला था। वह काफ़ी समय से भारतीय टीम के कप्तान हैं। हम उन्हें टीम के नेतृत्वकर्ता के रूप में देखते हैं। कुछ फ़ैसले ऐसे होते हैं, जिसमें आप शामिल नहीं होते। यह पूरी तरह से मैनेजमेंट का फ़ैसला था। मैं उस बीतचीत का हिस्सा नहीं था। इसी कारण से उस बारे में मैं कुछ भी नहीं बता सकता।" रोहित के गैरमौजूदगी में बुमराह ने टीम की कमाल संभाली। बुमराह ने टीम को एक चीज़ साफ़ तरीक़े से बताया। पंत ने कहा, " हमें यह कहा गया कि पहले जो हो गया है, उसके बारे में बिल्कुल भी नहीं सोचना है। मैदान पर हमेशा सकारात्मक रहा जाए और मैदान पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया जाए।
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