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जाफ़र: भारतीय टीम में फ़िलहाल ऐसा कोई नहीं जो पुजारा वाली भूमिका निभा सके

संजय मांजरेकर का भी मानना है कि पुजारा की कमी भारतीय टीम को बहुत ज़्यादा खलेगी

चेतेश्वर पुजारा ने ऑस्ट्रेलियाई सरज़मीं पर 21 पारियों में 3 शतक के साथ 993 रन बनाए हैं  AFP/Getty Images

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी शुरू होने के पहले भारतीय प्रशसंकों के ज़ेहन में एक सवाल उठ रहा है, "इस बार कौन निभाएगा चेतेश्वर पुजारा वाली भूमिका?" दरअसल भारत का पिछले 10 सालों से बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी पर क़ब्ज़ा है और इसमें ऑस्ट्रेलिया में खेली गई पिछली दो सीरीज़ भी शामिल है। पुजारा ने इन जीतों में बड़ा किरदार निभाया है।

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अब जब पुजारा भारतीय टेस्ट दल का हिस्सा नहीं हैं तो उनकी भूमिका में कौन होगा, इसका जवाब ESPNcricinfo ने पूर्व भारतीय बल्लेबाज़ वसीम जाफ़र और संजय मांजरेकर से जानना चाहा। जाफ़र और मांजरेकर दोनों की ही नज़र में भारत को पुजारा की कमी बहुत खलेगी।

"पुजारा की कमी भारत को बेहद ज़्यादा खलेगी, पिछली दो सीरीज़ में उनका बहुत बड़ा किरदार था। वह नंबर-3 पर आते थे, गेंद को पुराना करते थे और एक मंच बनाकर देते थे। इस टीम में मुझे कोई ऐसा खिलाड़ी नहीं दिखता जो पुजारा जैसी भूमिका निभा सके। भारत के लिए ये एक बड़ी चुनौती होगी, ख़ास तौर से पर्थ की मुश्किल पिच पर पुजारा का न होना टीम इंडिया के लिए बड़ा इम्तिहान होगा।"वसीम जाफ़र, पूर्व भारतीय बल्लेबाज़

जाफ़र के अलावा मांजरेकर का भी यही मानना है कि पुजारा का दल का हिस्सा न होना टीम इंडिया के लिए चिंता का सबब होगा। हालांकि मांजरेकर का कहना है कि पुजारा वाली भूमिका अभिमन्यु ईश्वरन और विराट कोहली निभा सकते हैं।

"पुजारा की कमी ज़रूर खलेगी क्योंकि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में तीन शतक लगाए हैं। पुजारा जैसा डिफ़ेंस अभी किसी के पास नहीं है, इस टीम में अगर उन जैसा डिफ़ेंस कोई कर सकता है तो वह ईश्वरण हो सकते हैं और साथ ही कोहली में भी वैसे डिफ़ेंस की क़ाबिलियत है। सरफ़राज़ ने भी कुछ पारियों में अपने डिफ़ेंस से प्रभावित किया था, भारत को इन्हीं में से किसी विकल्प को तलाशना होगा जो पुजारा जैसा किरदार निभा सकें।"संजय मांजरेकर, पूर्व भारतीय बल्लेबाज़

पुजारा ने पहली बार 2014-15 में ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था जहां 33.50 की औसत से 201 रन बनाए थे। इसके बाद उनका अगला ऑस्ट्रेलिया दौरा (2018-19) सपने से कम नहीं था जहां पुजारा ने सात पारियों में 74.42 की औसत से 521 रन बनाए थे जिसमें तीन शतक भी शामिल था। इतना ही नहीं इस दौरे पर पुजारा ने 1258 गेंदों का सामना किया था जिसने भारत को सीरीज़ में जीत दिलाने में बेहद अहम योगदान दिया था।

पुजारा ने अपने पिछले दौरे पर 8 पारियों में 33.87 की औसत और तीन अर्धशतक के साथ रन तो 271 ही बनाए थे। लेकिन उन्होंने इस दौरान नंबर-3 पर खेलते हुए 928 गेंदों का सामना किया था जिसकी बदौलत नई गेंद पुरानी हुई और भारतीय बल्लेबाज़ों के लिए मंच तैयार हुआ। पुजारा ने अब तक ऑस्ट्रेलियाई सरज़मीं पर 21 टेस्ट पारियों में 37.37 की औसत से 993 रन बनाए हैं, इस दौरान उनके नाम तीन शतक और पांच अर्धशतक शामिल हैं और उन्होंने कुल 2657 गेंदों का सामना किया है।

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सैयद हुसैन ESPNCricinfo हिंदी में एंकर कम प्रोड्यूसर हैं।@imsyedhussain