फ़िट और तेज़ रेणुका ने सर्वश्रेष्ठ ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों के ख़िलाफ़ दिखाया अपना जलवा
उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ी क्रम की कमर ही तोड़कर रख दी थी

राष्ट्रमंडल खेलों में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ पहले मैच में भारतीय तेज़ गेंदबाज़ रेणुका सिंह ने बेहतरीन गेंदबाज़ी की और नई गेंद से ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों को परेशान किए रखा। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के पहले चारों विकेट अपने नाम किए, जिसमें अलीसा हीली, बेथ मूनी और मेग लानिंग जैसे बड़े नाम थे।
ऐसा माना जा रहा था कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों को भारतीय स्पिनर परेशान करेंगी, लेकिन रेणुका उनके लिए आउट ऑफ़ सेलिबेस निकलीं। सिर्फ़ सात मैच का अनुभव रखने वाली यह गेंदबाज़ लगातार एक टप्पे के आस-पास गेंदबाज़ी करती रही और बाक़ी का काम विकेट को करने दिया।
हीली जिस गेंद पर आउट हुईं, वह ऑफ़ स्टंप से बहुत बाहर की गेंद थी। हीली उसे आसानी से छोड़ सकती थीं या कट के लिए जा सकती थीं। वहीं मूनी ने उनकी अंदर आती गेंद की लाइन को मिस किया और क्लीन बोल्ड हो गईं। लानिंग शॉट खेलते वक़्त दोहरे दिमाग़ में थीं कि कट मारे या धीरे से गेंद को स्टीयर करें। इस बीच राधा यादव ने प्वाइंट पर उनका कैच लपका। वहीं शायद युवा तालिया मैकग्रा को पता नहीं था कि रेणुका इनस्विंग करने की एक माहिर गेंदबाज़ हैं। गेंद पड़कर तेज़ी से अंदर आई और उनके बैट-पैड को छकाकर स्टंप पर जा लगी।
रेणुका ने पिछले साल ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अपने टी20 करियर का आगाज़ किया था। हालांकि तब वह थोड़ी धीमी थीं, जिससे बल्लेबाज़ों को गेंद खेलने के लिए थोड़ा अधिक समय मिल जाता था। अब वह पहले से अधिक फ़िट और मज़बूत हुई हैं, जिससे उनकी गति में तेज़ी भी आई है।
भारत ने श्रीलंका दौरे से पहले और बाद में कॉमनवेल्थ खेलों की तैयारी के लिए 10-10 दिन का दो ट्रेनिंग कैंप लगाया था। इस कैंप में तेज़ गेंदबाज़ों को अलग-अलग ग्रुप में बांटा गया था। हर ग्रुप के लिए विशेष ट्रेनर थे, जो गेंदबाज़ों की गति, स्पेल और वर्कलोड की निगरानी कर रहे थे। इसके अलावा एक डायटिशियन भी रखा गया था जो कि गेंदबाज़ों के एक-एक ग्राम खाने का हिसाब रखता था और उसी हिसाब से उनका फ़ूड चार्ट तैयार किया जाता था। इसके अलावा प्रत्येक सत्र में वीडियो एनालिसिस का भी सेशन होता था।
रेणुका ने कहा, "मैं पिछले कुछ महीनों से अपनी फ़िटनेस पर कड़ी मेहनत कर रही हूं। तेज़ गेंदबाज़ों लिए एक अलग से फ़िटनेस कैंप लगा था, जिसमें मैंने अपनी गति पर बहुत काम किया। इससे मुझे बहुत मदद मिली। अब मैं हार्ड लेंथ को हिट करके गेंदबाज़ी कर सकती हूं, जिससे आपको पिच से भी मदद मिलती है। मैं एक स्विंग गेंदबाज़ हूं। जितना मैं गेंद को स्विंग कराऊंगी, उतना ही मेरे लिए अच्छा होगा।"
रेणुका हिमाचल प्रदेश से आती हैं, जो कि एक पहाड़ी राज्य है। 2008 तक यहां पर लड़कियों के लिए अलग से कोई एकेडमी नहीं थी। हालांकि पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर के राज्य क्रिकेट संघ में आने के बाद परिस्थितियां बदली हैं और धर्मशाला में महिलाओं के लिए एकेडमी खुली है।
15 साल की उम्र में रेणुका ने इस एकेडमी के पहले साल में प्रवेश लिया था और 17 साल की उम्र में वह हिमाचल प्रदेश की सीनियर टीम में थीं। 2021 का साल रेणुका के लिए बेहतरीन रहा। 2021 में उन्हें रेलवे में नौकरी मिली और इसी साल अक्तूबर में उन्होंने भारत के लिए टी20 डेब्यू किया। इसके बाद से वह भारतीय टीम की नियमित सदस्य हैं। उनके इस प्रदर्शन को देखने के बाद यह भी कहा जा सकता है कि वह लंबे समय तक टीम की नियमित सदस्य बनी रह सकती हैं।
शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं
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