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रो-को के लिए इंतज़ार ख़त्म, थोड़ा भावुक होना तो बनता है

सात महीने पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेले इन दोनों दिग्गजों की वापसी का फ़ैंस का इंतज़ार अब आख़िरकार ख़त्म हो रहा है

Virat Kohli और Rohit Sharma की हो रही है लंबे समय बाद वापसी  PTI

अगर आप क्रिकेट को सिर्फ़ क्रिकेट के लिए फॉलो करते हैं, तो आपने इन्हें बहुत मिस किया होगा। लेकिन अगर आप उन लोगों में से हैं जो खिलाड़ियों की छुट्टियों की तस्वीरें, ट्रेनिंग फ़ोटो या यह भरोसा ढूंढते हैं कि वे अब भी "मायने रखते हैं", तो आपकी खुराक पूरी हो चुकी होगी।

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लेकिन इस बार, चलिए सोशल मीडिया को भूल जाइए, उन प्रमोशनल "कॉन्टेंट" को भी जो बताते हैं कि वे 2027 वर्ल्ड कप की तैयारी कर रहे हैं। उन सब चीज़ों को भूल जाइए जो आपको निंदक बनाती हैं। क्योंकि यह सब उससे बड़ा है। पीआर, फैन वॉर्स और छोटी-छोटी बहसों से भी।

आख़िरी बार सात महीने पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेले और लगभग पांच महीने पहले आईपीएल में खेलने के बाद विराट कोहली और रोहित शर्मा अब वापस आ रहे हैं। वही करने जो हम उन्हें करते हुए सबसे ज़्यादा पसंद करते हैं। अपने सबसे बेहतरीन फ़ॉर्मेट में, जो अब भारत के लिए उनका इकलौता फ़ॉर्मेट है। उस टीम के ख़िलाफ़ जिसने उनकी पेशेवर ज़िंदगी में सबसे बड़ा मक़सद दिया था। उसी देश में जहां उन्होंने आख़िरी टेस्ट खेले थे। भावुक हुए बिना रह पाना मुश्किल है।

ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ ये तीन वनडे पर्थ, एडिलेड और सिडनी में हमारे लिए भी भावनाओं का तूफ़ान होंगे। दो महानतम वनडे बल्लेबाज़ों को फिर से देखने का अवसर। कोहली की सहज़, लगभग जोख़िमरहित रन बनाने की कला और रोहित की पारी के दूसरे हिस्से में विस्फोटक बल्लेबाज़ी। हालांकि अब पुरानी यादों में बह न जाएं। पिछले तीन सालों में कोहली ने अपने खेल में जोख़िम बढ़ाया है लेकिन उसी दक्षता के साथ और रोहित ने इतने आक्रामक शुरुआतें की हैं कि शायद ही अब वह अक्सर बैक हाफ़ तक पहुंचते हों।

हम उनके लुक, फ़िटनेस और बल्लेबाज़ी में बदलाव ढूंढेंगे। यह समझने के लिए कि इतने समय में वह क्या कर रहे थे। पिछले एक दशक में, कोविड को छोड़ दें तो वह इतने लंबे समय तक कभी नहीं गायब रहे। एक दशक से ज़्यादा वक्त तक हमारा और उनका समय एक-दूसरे से जुड़ा रहा है। हमने उन्हें अपने घंटे दिए, उन्होंने हमें अपने दिए।

अब वक्त ही है जो उनसे फिसल रहा है। सिर्फ़ हम नहीं, चयनकर्ता और टीम प्रबंधन भी इस बात पर नज़र रखेंगे कि क्या वे 2027 वनडे विश्व कप तक खेल सकते हैं या नहीं।

कभी ये दोनों दूसरों के लिए ऐसे फ़ैसले लिया करते थे। अब बारी उनकी है। ज़रा सोचिए, कोहली कोई ट्वीट करते हैं जो विज्ञापन नहीं होता और टीवी चैनल्स घंटेभर बहस करते हैं कि उसके पीछे क्या मतलब है और फिर पता चलता है कि वो किसी विज्ञापन का टीज़र था। यह सब गुरुवार को हुआ।

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ये दोनों नाम बहुत बड़े हैं कोहली और रोहित। "रो-को" यही टैगलाइन अब हर जगह इस सीरीज़ को बेच रही है। एक समय था जब मीडिया ने उन्हें राइवल बताकर जोड़ा था, लेकिन अब देखिए दोनों एक साथ चुने जाते है। एक को कप्तान बनाया जाता है तो दूसरे को छोड़ना संभव नहीं होता। साथ में ख़िताब जीतते हैं, साथ में संन्यास लेते हैं। उनके टेस्ट करियर एक ही सीरीज़ में समाप्त होते हैं। अब उनके "फ़ैन आर्मी" भी एकजुट हैं, टीम मैनेजमेंट के खिलाफ़।

टीम मैनेजमेंट में अब एक ऐसा खिलाड़ी भी है, जो इन दोनों से बहुत कुछ पा चुका है। कोहली, शुभमन गिल के लिए हमेशा एक पैमाना रहे हैं। गिल बचपन में उनकी उम्र में कोहली के स्कोर देख कर खुद को तौलते थे। रोहित के नए रूप एक आक्रामक ओपनर ने गिल को भी वनडे में एक शांत, जोख़िमरहित भूमिका निभाने का मौक़ा दिया।

अब वही गिल यह तय करेंगे कि क्या उनके टेस्ट पार्टनर यशस्वी जायसवाल भविष्य के लिए उनसे ज़्यादा बेहतर विकल्प हैं। सिर्फ़ इस सीरीज़ में नहीं, बल्कि आने वाले दो सालों के लिए भी। उन्हें यह भी देखना होगा कि "रो-को" टैग अब भी सही है या नहीं। ख़ासकर जब इसका फ़ायदा शायद कभी कोहली को ज़्यादा मिला हो।

हम देखेंगे, यह जाने बिना कि कौन-सी सीरीज़ इनमें से किसी एक की आख़िरी हो सकती है। हम हर चयन सूची का इंतज़ार करेंगे। फ़िलहाल, बस इन तीन पूरे वनडे का आनंद लीजिए क्योंकि हमने उन्हें मिस किया है और फिलहाल, "रो-को" नाम पर एतराज़ नहीं है।

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सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में सीनियर राइटर हैं