आंकड़े: द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दूसरा सबसे छोटा टेस्ट
दो दिन में ख़त्म हुए ऑस्ट्रेलिया-साउथ अफ़्रीका टेस्ट के कुछ दिलचस्प आंकड़े

2 ऑस्ट्रेलिया में ऐसे दो टेस्ट मैच हुए हैं, जो दो दिन के भीतर ही समाप्त हो गए हैं। ऐसा पहला मैच 1931 में मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज़ के बीच हुआ था। ब्रिस्बेन टेस्ट गेंदों के हिसाब से भी ऑस्ट्रेलिया में हुआ दूसरा सबसे छोटा मैच है।
7 ब्रिस्बेन टेस्ट में 866 गेंदे खेली गईं। इससे पहले सात टेस्ट मैच ऐसे हुए हैं, जिसमें इससे भी कम गेंदे खेली गई और उसका नतीज़ा निकला। हालांकि इन सात में से केवल एक मैच द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हुआ है। पिछले साल भारत और इंग्लैंड के बीच हुआ अहमदाबाद टेस्ट मैच सिर्फ़ 842 गेंदों में ही समाप्त हो गया था।
25.5 ब्रिस्बेन टेस्ट में हर 25.5 गेंद पर विकेट गिरा, जो कि स्ट्राइक रेट के मामले में दूसरा सर्वश्रेष्ठ है। 1888 के इंग्लैंड-ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ केलॉर्ड्स टेस्ट में 20.8 के स्ट्राइक रेट से विकेट गिरे थे।
99 साउथ अफ़्रीका ने दूसरी पारी में 99 रन बनाए, जो टेस्ट क्रिकेट में उनके पुनर्प्रवेश (1991) के बाद ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ दूसरा न्यूनतम स्कोर है। इससे पहले 2011 के केपटाउन टेस्ट में ऑस्ट्रेलियन गेंदबाज़ों के सामने वे 96 रन पर ऑलआउट हुए थे। यह साउथ अफ़्रीका का ऑस्ट्रेलिया में चौथा न्यूनतम स्कोर है।
251 साउथ अफ़्रीका ने इस टेस्ट मैच की दोनों पारियों में कुल 251 रन बनाए, जो कि ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ उनका दूसरा न्यूनतम टोटल है। इससे पहले 1931-32 दौरे के मेलबर्न टेस्ट मैच में साउथ अफ़्रीकी टीम 36 और 45 के स्कोर पर आउट हो गई थी।
8 इस साल साउथ अफ़्रीकी टीम 200 के स्कोर से पहले आठ बार आउट हो चुकी है, जो कि एक कैलेंडर ईयर में सर्वाधिक है। 1912, 2015 और 2018 में ऐसा सात बार हुआ था।
संपत बंडारुपल्ली ESPNcricinfo में स्टैटिस्टिशियन हैं
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