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भारत के ख़िलाफ़ ऑस्ट्रेलिया अपनी टीम में अतिरिक्त तेज़ गेंदबाज़ को कर सकता है शामिल

ट्रैविस हेड को गेंदबाज़ी में दिया जा सकता है अतिरिक्त प्रभार

जनवरी के आख़िरी सप्ताह में ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत के लिए रवाना हो सकती है  Getty Images

भारत में होने वाली टेस्ट सीरीज़ के लिए ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस एक बढ़िया संतुलन के साथ मैदान पर उतरना चाहते हैं। इसके लिए वह सभी प्रकार के विकल्प पर विचार करने के लिए राज़ी हैं। ऐसा हो सकता है कि ऑस्ट्रेलिया, भारतीय पिचों पर अपने तीन मुख्य तेज़ गेंदबाज़ों के विकल्प के साथ जाएगा।

ऑस्ट्रेलिया ने आख़िरी बार साल 2004 में भारतीय धरती पर टेस्ट सीरीज़ जीता था। उस समय उनकी टीम में ग्लेन मैक्ग्रा, जेसन गिलेस्पी और माइकल केस्प्रोविज़ की तेज़ गेंदबाज़ी तिकड़ी शामिल थी। साथ ही उनकी टीम में शेन वॉर्न के साथ कुछ पार्ट टाइम गेंदबाज़ भी शामिल थे।

इस बार भी ऑस्ट्रेलिया कुछ उसी तरह की टीम के साथ मैदान पर उतर सकता है। हालांकि फ़िलहाल ऑस्ट्रेलियाई टीम में कैमरन ग्रीन हैं जो तेज़ गेंदबाज़ी का भी विकल्प प्रदान करते हैं और बल्ले के साथ भी उनके पास अच्छी-ख़ासी क्षमता है। हालांकि उंगली में लगी चोट के कारण ग्रीन नागपुर में होने वाले पहले टेस्ट में शामिल नहीं हो पाएंगे। ऐसे में चयनकर्ताओं को यह फ़ैसला लेना होगा कि क्या वह दो तेज़ गेंदबाज़ और दो स्पिन गेंदबाज़ों के साथ मैदान पर उतर सकते हैं या फिर वह किसी और रणनीति के साथ टीम का चयन करेंगे।

नागपुर के मैदान पर 2017 के बाद से कोई टेस्ट नहीं खेला गया है। ऑस्ट्रेलिया ने इस मैदान पर 2008 में एक टेस्ट खेला था, जहां जेसन क्रेज़ा ने अपने डेब्यू मैच पर 12 विकेट लिए थे

वहीं मिचेल स्टार्क भी शायद पहले टेस्ट से पहले अपनी चोट से नहीं उबर पाएंगे। दूसरे टेस्ट में भी उनकी उपलब्धता पर संशय है। ऐसे में जॉश हेज़लवुड को ज़्यादा से ज़्यादा मौक़े दिए जाने के आसार हैं।

स्कॉट बोलंड को साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ अंतिम टेस्ट से बाहर रखा गया था और अभी तक विदेशी धरती पर उन्होंने एक भी टेस्ट नहीं खेला है। हालांकि कमिंस, हेज़लवुड और बोलंड को एक साथ मैदान पर उतारा जा सकता है। अगर पिच स्पिनरों के लिए ज़्यादा रही हो तो इस रणनीति में बदलाव किए जा सकते हैं।

तीन तेज़ गेंदबाज़ों के साथ मैदान पर उतरने के सवाल पर कमिंस ने कहा, "जब आपकी टीम में ग्रीन नंबर छह पर बल्लेबाज़ी करें और टीम में तीन तेज़ गेंदबाज़ हों तो यह बहुत अच्छी बात है। जॉश (हेज़लवुड) ने हाल ही में अपना क्लास दिखाया था। भारत में खेले जाने वाले हर मैच में हमें एक अलग सोच और रणनीति के साथ मैदान पर उतरना होगा। ऐसा हो सकता है कि हमारे टीम में तीन मुख्य तेज़ गेंदबाज़ हों और एक तेज़ गेंदबाज़ी ऑलराउंडर।"

वहीं स्पिनरों की बात करें तो सिडनी में ऐश्टन एगार को 22 ओवर में कोई विकेट नहीं मिला था। हालांकि ऐसा हो सकता है कि भारत के दौरे पर उन्हे आराम से टीम में जगह मिल जाए लेकिन मिचेल स्वेपसन और टॉड मर्फ़ी को भी चुना जा सकता है।

ऑस्ट्रेलिया के पास एक और रणनीति यह हो सकती है कि वह अपने पार्ट टाइम स्पिन गेंदबाज़ों के साथ जाए और टीम में नेथन लयन के रूप में सिर्फ़ एक ही प्रमुख स्पिन गेंदबाज़ हों। ऐसे में ट्रैविस हेड को ज़्यादा गेंदबाज़ी करनी पड़ सकती है। उनके खाते में अब तक 13.99 की औसत से सात टेस्ट विकेट हैं।

कमिंस ने कहा,"हमारे पास यह भी एक विकल्प है। टीम के पास वहां सभी संभावनाएं होंगी। हम ट्राव (ट्रैविस हेड) का साथ भी सहज़ हैं। वह नाथन की तुलना में थोड़ा सा अलग ऑफ़ स्पिन गेंदबाज़ हैं। वह थोड़ी फ़्लैट गेंदबाज़ी करते हैं। वह भारत में ज़्यादा गेंदबाज़ी कर सकते हैं।"

गेंदबाज़ी को छोड़ दें तो पीटर हैंड्सकॉम्ब को भी टीम में शामिल किया जा सकता है। उन्हें शेफ़ील्ड शील्ड में वह सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे हैं। वहां उन्होंने 81.57 की औसत से 571 रन बनाए थे।

कमिंस ने कहा, "भारत में उनके पास अच्छा मौक़ा है। वह बांग्लादेश में काफ़ी अच्छा प्रदर्शन कर चुके हैं। भारत में वह पहले भी बढ़िया खेल दिखा चुके हैं। उन्होंने शील्ड क्रिकेट में बहुत रन बनाया है। टीम हमेशा एक दाएं हाथ का बल्लेबाज़ होना अच्छा होता है, हमारे पास बहुत सारे बाएं हाथ के खिलाड़ी हैं।"

ऑस्ट्रेलियाई टीम के इस सप्ताह के अंत में घोषित होने की उम्मीद है और वे महीने के अंत में भारत रवाना होंगे।

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ऐंड्रयू मक्ग्लैशन ESPNcricinfo के डिप्टी एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर राजन राज ने किया है।