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अपने स्वाभाविक शैली को नहीं बदलेंगी गार्डनर

अपना पहला डे नाइट टेस्ट खेलने के लिए हैं उत्साहित

रविवार को भारत के विरुद्ध गार्डनर ने अपने वनडे करियर का सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाया  Getty Images

पिंक बॉल से खेलते हुए ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर ऐश्ली गार्डनर अपने स्वाभाविक शैली को नहीं बदलेंगी, भले ही भारत के विरुद्ध करारा में गुरुवार से शुरू होने वाला टेस्ट उनके लिए घरेलू मैदान पर इस फ़ॉर्मेट में पहला अनुभव हो।

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24 वर्षीय गार्डनर ने 2019 ऐशेज़ के दौरान इंग्लैंड में अपना डेब्यू किया था लेकिन भारत के ख़िलाफ़ डे-नाइट टेस्ट उनके लिए ऑस्ट्रेलिया में ऐसा पहला ही अनुभव होगा। 2017 में डब्ल्यूबीबीएल में 47 गेंदों पर शतक जड़ने के बाद से उन्हें विश्व क्रिकेट के सबसे बड़े शॉट लगाने वाली बल्लेबाज़ों में गिना जाता है।

रविवार को भारत के विरुद्ध गार्डनर ने अपने वनडे करियर का सर्वश्रेष्ठ स्कोर 67 बनाए, जिसमें 10 चौके शामिल थे। उनका मानना है वह टेस्ट में अपनी नीति में कोई ख़ास बदलाव नहीं करने वाली हैं।

उन्होंने एएपी को कहा, "मुझे अपने शक्ति पर भरोसा जताना ज़रूरी है। मैं सहम कर नहीं खेलती और मुझे कोचों ने भी यही कहा है कि मैं किसी भी फ़ॉर्मैट में अपना नेचुरल गेम ही खेलूं। मुझे इस टीम में यह छूट है कि मैं अपने मर्ज़ी के हिसाब से खेलूं। अच्छी गेंदों को सम्मान देना और ख़राब गेंदों पर रन बटोरना - यह वनडे क्रिकेट से अधिक भिन्न नहीं है। हमारी टीम बहुत उत्साहित है क्योंकि हम ज़्यादा टेस्ट क्रिकेट नहीं खेल पाते।"

ऑफ़ स्पिन गेंदबाज़ गार्डनर ने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ खेलते हुए नौवें नंबर पर बल्लेबाज़ी की थी। लेकिन 86 अंतर्राष्ट्रीय मैचों का अनुभव रखने वाली इस खिलाड़ी को ऑस्ट्रेलिया टीम में हुई चोटों के चलते भारत के विरुद्ध बल्लेबाज़ी क्रम में और ऊपर मौक़ा मिल सकता है।

मंगलवार को होने वाले अभ्यास के दौरान जॉर्जिया वेयरहम को जांघ में लगी चोट और रेचल हेंस व बेथ मूनी के हैमस्ट्रिंग इंजरी का जायज़ा लिया जाएगा। हैना डार्लिंगटन अपने टेस्ट डेब्यू के लिए प्रबल दावेदार हैं और पिछले हफ़्ते वह ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेट इतिहास में खेलने वाली तीसरी एबोरिजिनल (आदिवासी) महिला बनीं।

डार्लिंगटन को उनका कैप आदिवासी खिलाड़ियों में मशहूर गार्डनर ने ही दिया था। गार्डनर ने इस पर कहा, "यह मेरे लिए गर्व की बात थी। वह (डार्लिंगटन) एक आत्मविश्वास से परिपूर्ण खिलाड़ी हैं और अपने छोटे करियर में उन्होंने यह दर्शाया है। आप उन्हें टेस्ट या टी20 में ऐसे मौक़े देंगे तो भी वह ख़ुद को साबित कर दिखाएंगी।"

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