News

मेहदी: लोग मुझे पागल कह सकते हैं लेकिन मुझे ख़ुद पर विश्वास था

बांग्लादेश के हरफ़नमौला खिलाड़ी को पूरी उम्मीद थी कि आख़िरी के तीन बल्लेबाज़ों के साथ वह लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं

हां या ना : भारत की ओर से आख़िरी लम्हों में इतनी लचर फ़ील्डिंग शायद ही कभी दिखी होगी

हां या ना : भारत की ओर से आख़िरी लम्हों में इतनी लचर फ़ील्डिंग शायद ही कभी दिखी होगी

बांग्लादेश के ख़िलाफ़ भारत की हार से जुड़े अहम सवालों पर वसीम जाफ़र का फ़ैसला

मेहदी हसन शेरे बांग्ला स्टेडियम में भारतीय खिलाड़ियों के बीच में खड़े थे और विपक्षी टीम नंबर 11 के बल्लेबाज़ मुस्तफ़िज़ुर रहमान के आउट होने का इंतेज़ार कर रही थी। बांग्लादेश का जब नौवां विकेट गिरा तो उन्हें 51 रनों की आवश्यकता थी। उसके बाद मुस्तफ़िज़ुर बल्लेबाज़ी करने आए, जिनके बल्लेबाज़ी का औसत 6.30 है। ओवर काफ़ी बचे हुए थे लेकिन यहां मामला सिर्फ़ एक विकेट का था। इसके अलावा मैच में यह एक समय था जहां मेज़बान टीम ने सिर्फ़ आठ रनों के अंतराल में पांच गंवा दिए थे। काफ़ी सारे बांग्लादेश के समर्थक स्टेडियम छोड़ तक अपने घरों और होटलों की तरफ़ प्रस्थान करने लगे थे। कुल मिलाकर भारतीय टीम जीत के मुहाने पर खड़ी थी।

Loading ...

हालांकि लोग इस बात को भूल रहे थे कि यह 2022 का साल है, जहां मेहदी ने कई बार अपने करिश्माई प्रदर्शन से मैच का रूख़ सफलतापूर्वक पलटने का काम किया है। न्यूज़ीलैंड में वह टेस्ट जीतने वाले ऐतिहासिक टीम का हिस्सा थे। वहींं जब अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ उनकी टीम 45 के स्कोर पर छह विकेट गंवा कर संघर्ष कर रही थी , तब अफ़िफ़ हुसैन के साथ उन्होंने बेहतरीन साझेदारी की थी। सेंचुरियन में खेले गए वनडे मैच में साउथ अफ़्रीका को हराने में उन्होंने चार विकेट लेकर अहम भूमिका निभाई थी। इन सभी मैचों की कहानियों का मतलब साफ़ है कि मेहदी इससे पहले भी इसी साल कई बार दबाव वाली परिस्थितियों में थे और वह इसका सामना करना सीख चुके हैं और शायद इससे निकलना भी।

अफ़िफ़ का विकेट जब गिरा तो बांग्लादेश को 53 रनों की आवश्यकता थी। इसके बाद बल्लेबाज़ी करने के लिए आने वाले किसी भी खिलाड़ी में बल्लेबाज़ी की निपुणता नहीं थी। वह सभी गेंदबाज़ थे। हालांकि लगातार विकेटों के लगातार पतन के बीच भी मेहदी को लग रहा था कि उनकी टीम इस मैच को जीत सकती है।

मेहदी ने कहा, "हो सकता है कि लोग मुझे पागल कहें लेकिन मुझे पूरा विश्वास था कि हम जीत सकते हैं। मैंने केवल इस मैच को जीतने पर ध्यान केंद्रित किया। मैं खु़द से कहता रहा कि मैं यह कर सकता हूं। मैंने सोचा कि मैं इबादत के साथ 15 रन बनाऊंगा, हसन महमूद के साथ 20 रन और मुस्तफ़िज़ुर के साथ शेष 15-20 रन बनाऊंगा। लेकिन दो विकेट जल्दी गिर गए, जिसका मतलब था कि आख़िरी विकेट के लिए करो या मरो वाली स्थिति थी। इस कारण से मुझे सोच-समझकर जोख़िम उठाना पड़ा।"

आगे उन्होंने कहा, "जब हमें 10 या 14 रन बनाने थे तो मैं थोड़ा रिलेक्स हुआ कि अब हम आराम से लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं। हालांकि मुस्तफ़िज़ुर मुझे हमेशा कहता रहा कि 'जल्दबाज़ी मत करो। सिक्सर मारने के बारे में मत सोचो। तुम आराम से ज़मीनी शॉट खेलो, हम लक्ष्य तक पहुंच जाएंगे।' मेरे दिमाग में एक स्पष्ट प्लान था और यह पता था कि मुझे क्या करना है।"

Mehidy Hasan MirazBangladeshIndiaBangladesh vs IndiaIndia in Bangladesh

मोहम्मद इसाम ESPNcricinfo के बांग्लादेशी संवाददाता हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर राजन राज ने किया है।