बीसीसीआई दो चरणों में रणजी ट्रॉफ़ी कराने पर कर रहा है विचार
पहला चरण फ़रवरी से मार्च में खेला जा सकता है और फिर जून-जुलाई में हो सकता है दूसरा चरण

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने गुरुवार को कहा कि बोर्ड इस प्रयास में है कि रणजी ट्रॉफ़ी को दो चरणों में कराया जाए। इससे पहले भारत में कोविड-19 के बढ़ते मामलों की वजह से देश के इस सबसे प्रतिष्ठित प्रथम श्रेणी प्रतियोगिता को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया था।
38 प्रथम श्रेणी मैचों वाली इस प्रतियोगिता की शुरुआत 13 जनवरी को होने वाली थी लेकिन कोविड-19 की तीसरी लहर की वजह से इसे स्थगित करना पड़ा।
बीसीसीआई इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की शुरुआत 27 मार्च से करने की योजना बना रहा है। लिहाज़ा रणजी ट्रॉफ़ी के एक चरण में कराए जाने की संभावना बेहद कम है, लेकिन कई राज्यों की गुज़ारिश के बाद बोर्ड ने इसको लेकर बैठक की।
प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया (पीटीआई) के साथ बातचीत करते हुए धूमल ने कहा, "रणजी ट्राफ़ी कैसे और कब कराई जाए इसको लेकर हम प्रयासरत हैं, जिस समय इसे स्थगित किया गया था तब देश में कोविड-19 के मामले तेज़ी से बढ़ रहे थे लेकिन अब इनमें कमी देखी जा रही है। हम ये पता लगा रहे हैं कि क्या अगले महीने इसे शुरू किया जा सकता है या नहीं।"
इस बैठक में बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह भी उपस्थित थे।
अब तक की बातों से ऐसा माना जा रहा है कि फ़रवरी से मार्च के बीच रणजी ट्राफ़ी का पहला चरण हो सकता है और फिर दूसरा और आख़िरी चरण जून-जुलाई में कराया जा सकता है। हालांकि उस समय देश के कई हिस्सों में मानसून आ जाता है और कई भाग उस समय तेज़ गर्मी की चपेट में रहते हैं।
धूमल ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा, "हम इन तमाम चीजों पर बात कर रहे हैं और ये भी देख रहे हैं कि उस समय मौसम कितना प्रभावित कर सकता है साथ ही मैदान और खिलाड़ियों की उपलब्धता पर भी नज़र है। हम प्रतियोगिता को कराने की पूरी कोशिश में लगे हैं और यही वजह है कि हम हर एक संभावना को तलाश रहे हैं साथ ही ये भी कोशिश है कि खिलाड़ियों को किसी प्रकार की दिक़्क़त न हो।"
कोरोना महामारी ने पिछले साल भी क्रिकेट को काफ़ी प्रभावित किया था और बीसीसीआई ने विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी और सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी ही आयोजित कराई थी। हालांकि इसके एवज़ में बीसीसीआई ने खिलाड़ियों को मुआवज़े के तौर पर मैच फ़ीस का 50 प्रतिशत भुगतान किया था ताकि प्रथम श्रेणी खिलाड़ियों को आर्थिक नुक़सान न हो।
अगर इस साल भी रणजी ट्राफ़ी नहीं होती है तो इससे बीसीसीआई को भारत ए टीम चुनने में भी परेशानी होगी क्योंकि भारत ए का चयन रणजी ट्रॉफ़ी के प्रदर्शन के आधार पर ही किया जाता है।
अनुवाद ESPNCricinfo हिंदी के मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट सैयद हुसैन (@imsyedhussain) ने किया है।
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