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अनुभवी मनोज और युवा शाहबाज़ ने बंगाल के उम्मीदों को रखा ज़िंदा

गेंदबाज़ों की मदद करने वाली पिच पर दोनों बल्लेबाज़ों ने की शानदार बल्लेबाज़ी

मनोज तिवारी और शाहबाज़ अहमद के बीच 183 रनों की साझेदारी हुई  Cricket Association of Bengal

पांच विकेट के नुकसान पर 50 रन

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मनोज तिवारी के दाहिने पैर में चोट लगी हुई है। मनोज तिवारी उस चोट के साथ मैदान पर बल्लेबाज़ी कर रहे हैं। वह तेज़ी से दौड़ नहीं पा रहे हैं लेकिन मैदान पर जमे रहना चाहते हैं। बंगाल रणजी ट्रॉफ़ी का सेमाफ़ाइनल मैच खेल रहा है और लगातार दूसरी बार रणजी ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल में पहुंचने की पूरी कवायद चल रही है। मध्यप्रदेश ने पहली पारी में 341 रन बनाए थे, इसके जवाब में बल्लेबाज़ी करने उतरी बंगाल की टीम का ऊपरी क्रम धराशाई हो गया और काफ़ी जल्दी पांच विकेट गिर गए। ऐसा लग रहा था कि मध्यप्रदेश को आसानी से बढ़त मिल जाएगी।

लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

जब बंगाल की बल्लेबाज़ी करने की बारी आई तो गिली पिच के कारण खेल देर से शुरू हुआ। मैदान पर बादल छाए हुए थे। इसके अलावा तेज़ हवा भी गेंदबाज़ों की ख़िदमत में लगी हुई थी। हालांकि अचानक से गेंद कुमार कार्तिकेय को थमा दी गई। हमने टी20 क्रिकेट में कार्तिकेय को कैरम गेंद, स्लाइडर, गुगली, तेज़ गति की स्पिन इत्यादि जैसे गेंद फेंकते हुए देखा है। हालांकि लाल गेंद के खेल में वह लगातार बाएं हाथ की स्पिन गेंदबाज़ी करते रहते हैं। पहले ही ओवर में उन्होंने दो विकेट निकाल लिए।

मैदान पर फ़ील्डिंग करते हुए 105.3 ओवर बिताने के बाद मनोज सोच रहे होंगे कि काश उन्हें थोड़ा आराम मिल जाता ताकि उनके चोटिल घुटने को थोड़ा आराम मिल सके। हालांकि अचानक से उन्हें बल्लेबाज़ी करने के लिए आना पड़ा और मैदान पर उन्हें स्लिप, शॉर्ट लेग, सिली प्वाइंट, शॉर्ट कवर और शॉर्ट मिड विकेट के खिलाड़ियों ने घेर लिया। तिवारी जब मैदान पर बल्लेबाज़ी करने आए तो उनकी टीम ने 11 के स्कोर पर तीन विकेट गंवा दिए थे और पारी का चौथा ओवर चल रहा था।

वह पिच पर आए, उसे देखा, परखा और पहली ही गेंद को पैडल स्वीप करते हुए फ़ाइन लेग सीमा रेखा से बाहर पहुंचा दिया। उसी ओवर में सारांश जैन को उन्होंने रिवर्स स्वीप करते हुए दो और चौके मारे। तिवारी की शुरुआत ने गेंदबाज़ों को अलग सोचने पर विवश कर दिया। तिवारी के इन शॉट्स ने अभिमन्यु ईश्वरण को थोड़ा हल्का महसूस कराया। हालांकि वह भी ज़्यादा देर तक नहीं टिक सके और फिर से विकेट गिरने का सिलसिला शुरू हो गया।

इसके बाद शाहबाज़ अहमद बल्लेबाज़ी करने आए। शहाबाज़ ने भले ही पहली पारी में तीन विकेट लिए हैं या फिर 2019-20 के रणजी सेशन में वह 35 विकेट लिए हों लेकिन वह पहले एक बल्लेबाज़ हैं।

चार साल पहले मनोज ने शाहबाज़ को कालीघाट क्लब के मैदान में एक लीग मैच में बल्लेबाज़ी करते हुए देखा और उन्होंने उनके आंकड़े मांगे। अगले दिन चयन बैठक में 2018-19 सत्र के लिए टीम चुनने के लिए तिवारी ने एक प्रिंटआउट लिया जिसमें क्लब क्रिकेट में शाहबाज के प्रदर्शन के आंकड़े थे। मनोज को इस बात का आभास भी नहीं होगा कि उन्हें कुछ लोगों से विरोध का सामना करना पड़ेगा क्योंकि लड़का एक "बाहरी" था।

शायद मनोज ने इसके जवाब में कहा कि अगर शाहबाज़ बाहरी है तो मैं भी बाहरी ही हूं। तिवारी ने उत्तर प्रदेश में बसे अपने पूर्वजों की तरफ़ इंगित करते हुए कहा। काफ़ी मशक्कत के बाद शाहाबज़ को टीम में जगह मिल ही गई।

आज का शाहबाज़ अधिक आत्मविश्वासी खिलाड़ी है जो अपने खेल को बेहतर ढंग से समझता है। वह अपने पदार्पण के तीन साल के भीतर ही टीम का एक महत्वपूर्ण सदस्य बन चुके हैं और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के साथ तीन आईपीएल सीज़न एक अलग ही कहानी बयां करती है।

इधर तिवारी और शाहबाज़ को एक काम करना था। वे अंतिम मान्यता प्राप्त जोड़ी थे। उन्हें एक बेहतर योजना की आवश्यकता थी ताकि वह तेज़ी से रन भी बटोर सके और विकेट भी बचा रहे। दोनों बल्लेबाज़ों ने कमज़ोंर गेंदों का इंतज़ार करना शुरू किया और उस पर रन बनाते रहे।

तिवारी ने अपना पचासा 121 गेंदों में पूरा किया और शाहबाज़ ने 108 गेंदों में अर्धशतक बनाया। दिन का खेल समाप्त होने के बाद तिवारी 84 के स्कोर पर खेल रहे थे और शाहबाज़ का निजी स्कोर 72 रनों का था। इस साझेदारी ने बंगाल को मैच में वापस आने के लिए एक उम्मीद दे दी थी।

अगले दिन जब खेल शुरु हुआ तो दोनों बल्लेबाज़ों ने अपनी पारी को फिर से अच्छे तरीक़े से आगे बढ़ाया लेकिन शतक बनाने के ठीक बाद मनोज आउट हो गए। दोनों खिलाड़ियों के बीच 183 रनों की साझेदारी हुई। इसके बाद शाहाबाज़ को कोई भी बल्लेबाज़ साथ नहीं दे पाया। शाहबाज़ ने 209 गेंदों में 116 रनों की पारी खेली और बंगाल की पूरी टीम 273 के स्कोर पर आउट हो गई।

Manoj TiwaryShahbaz AhmedM. Pradesh vs BengalRanji Trophy

शशांक किशोर ESPNcricinfo के सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर राजन राज ने किया है।