ख़्वाजा : बुमराह का सामना करना सबसे कठिन काम
'इस बार बुमराह कुछ अलग दिखे, उनके पास अलग-अलग बल्लेबाज़ों के लिए अलग-अलग योजनाएं थीं'

इस बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी से पहले जसप्रीत बुमराह ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज़ उस्मान ख़्वाजा को सात टेस्ट पारियों में एक भी बार आउट नहीं कर पाए थे। तब ख़्वाजा ने कहा था कि बुमराह को आप जितनी अधिक बार खेलेंगे, उन्हें खेलना आसान होता जाएगा।
लेकिन इस सीरीज़ के दौरान बुमराह ने ख़्वाजा को आठ में से छह पारियों में आउट किया। अब ख़्वाजा ने स्वीकार किया है कि वह बुमराह को ठीक ढंग से नहीं पढ़ पाए।
ख़्वाजा ने ABC स्पोर्ट से बात करते हुए कहा, "ईमानदारी से कहूं तो पूरे सीरीज़ के दौरान मैं उनको पढ़ नहीं पाया। यह बहुत कठिन काम लग रहा था। लोग मुझसे पूछ रहे यह कि 'क्या चल रहा है?', लेकिन मुझे ख़ुद समझ नहीं आ रहा था।"
बुमराह ने पांच मैचों की नौ पारियों में 13.06 की औसत से सर्वाधिक 32 विकेट लिए और प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ बने। पीठ में अकड़न के कारण बुमराह सिडनी टेस्ट की आख़िरी पारी में गेंदबाज़ी नहीं कर सके और ख़्वाजा ने कहा कि बुमराह के बिना ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ अधिक आत्मविश्वास महसूस कर रहे थे।
उन्होंने कहा, "आप नहीं चाहते कि कोई भी खिलाड़ी चोटिल हो। यह दुर्भाग्यपूर्ण था कि वह चोटिल हुए, लेकिन इसके लिए ईश्वर का शुक्रिया। उस विकेट पर बुमराह का सामना करना एक बुरे सपने की तरह होता और सभी ने इसको महसूस किया। जब हमने देखा कि बुमराह दूसरी पारी में गेंदबाज़ी के लिए नहीं आ रहे हैं, तभी हमें लग गया था कि हमारे लिए अब बड़ा मौक़ा है।"
ख़्वाजा ने कहा कि उन्होंने अब तक जितने गेंदबाज़ों का सामना किया है, बुमराह उनमें सबसे कठिन हैं।
उन्होंने कहा, "वह 2018 में जब पहली बार ऑस्ट्रेलिया आए थे, तब भी बहुत अच्छे गेंदबाज़ थे। लेकिन इस बार वह कुछ अलग दिखे। उनके पास अलग-अलग बल्लेबाज़ों के लिए अलग-अलग योजनाएं थीं। मुझे हमेशा लगता है कि कोई गेंदबाज़ कितना भी अच्छा क्यों ना हो, रन बनाने के मौक़े ज़रूर देता है।
"लेकिन इस बार ऐसा लगा कि मैं उनके ख़िलाफ़ रन बना ही नहीं सकता। मुझे कभी भी किसी गेंदबाज़ पर रन बनाने में इतनी मुश्किलें नहीं आईं। उनका सामना करते वक़्त हमेशा ऐसा लग रहा था कि जल्द ही विकेट वाली गेंद आने वाली है।"
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