ज़िंग बेल्स के ना होने से नितिन मेनन ने स्टीव स्मिथ को नॉट आउट दिया
अगर स्मिथ को रन आउट दे दिया जाता तो ऑस्ट्रेलियाई टीम पांचवें टेस्ट में पूरी तरह से बैकफ़ुट पर चली जाती

ऐशेज़ के पांचवें टेस्ट के दौरान भारतीय अंपायर नीतिन मेनन ने एक नज़दीकी मामले में स्टीव स्मिथ को रन आउट नहीं दिया। इसके बाद से सोशल मीडिया यूज़र्स सहित कई क्रिकेट के दिग्गज इस रन आउट को लेकर अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
स्टुअर्ट ब्रॉड ने कहा कि उन्हें अंपायर कुमार धर्मसेना ने बताया था कि यदि ऐशेज़ में ज़िंग बेल्स (लाल बत्ती वाले बेल्स) का उपयोग किया गया होता तो ओवल में दूसरे दिन स्टीव स्मिथ को आउट दे दिया गया होता। हालांकि उस नज़दीकी रन आउट के मामले में ब्रॉड इस बात से संतुष्ट थे कि स्मिथ को बेनिफ़िट ऑफ़ डाउट मिला।
हालांकि एक बात यह भी है कि स्मिथ का अगर रन आउट दे दिया जाता तो ऑस्ट्रेलिया की टीम और भी ज़्यादा मुश्किल में फंस सकती थी। उस वक़्त स्मथ सिर्फ़ 42 के निजी स्कोर पर खेल रहे थे और उस घटनाक्रम के बाद उन्होंने अपने खाते में और 29 रन जोड़े।
स्मिथ डीप मिड विकेट की तरफ़ एक गेंद को खेल कर तेज़ी से दो रन बटोरने का प्रयास कर रहे थे। इस बीच फ़ील्डर ने चपलता के साथ गेंद को पकड़ते हुए, विकेटकीपर जॉनी बेयरस्टो की तरफ़ थ्रो किया और स्मिथ ने क्रीज़ में पहुंचने के लिए डाइव लगाया। बेयरस्टो ने इस बीच गिल्लियां बिखेर दीं, हालांकि मामला इतना नज़दीकी था कि फ़ील्ड अंपायर को तीसरे अंपायर की मदद लेनी पड़ी।
वीडियो के रिप्ले में पहली नज़र में यह दिख रहा था कि स्मिथ आउट हैं और ससमय क्रीज़ के अंदर नहीं पहुंच पाए हैं। हालांकि जब रिप्ले वीडियो को बार-बार देखा गया तो पता चला कि गिल्लियां पूरी तरह से नहीं गिरी हैं।
ब्रॉड ने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो इस संदर्भ में जो भी नियम हैं, मैं उन्हें नहीं जानता। मुझे लगता है कि नॉट आउट देने के लिए अंपायर के पास पर्याप्त ग्रे एरिया (अस्पष्ट सबूत)थे। यह बेनिफ़िट ऑफ़ डाउट की तरह लग रहा था।"
कानून के तहत बेल्स को पूरी तरह से विकेट के ऊपर से हटाना होता है। नियम 29.1 कहता है: "विकेट तब ही पूरी तरह से ब्रेक होता है, जब स्टंप के ऊपर से कम से कम एक बेल को पूरी तरह से हटा दिया जाता है, या एक या उससे अधिक स्टंप जमीन से उखाड़ दिया जाता है।"
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