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चैंपियंस ट्रॉफ़ी टीम चयन में कैसे हर्षित राणा ने मोहम्मद सिराज को पीछे छोड़ा?

राणा के पास भले ही उतना अनुभव नहीं है, लेकिन इंग्लैंड के ख़िलाफ़ वनडे सीरीज़ में उन्होंने दिखाया कि वह एक बेहतर हिट-द-डेक गेंदबाज़ हैं

राणा ने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ वनडे सीरीज़ में रन तो दिए लेकिन 24.33 की औसत के साथ छह विकेट भी लिए  BCCI

उनके पहले ओवर में 11 रन गए, जबकि दूसरा ओवर मेडन था। तीसरे ओवर में फ़िल सॉल्ट ने उन पर 26 रन ठोके। इस तरह हर्षित राणा को अपने डेब्यू वनडे में एक इवेंटफ़ुल शुरुआत मिली।

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इसके बाद राणा को आक्रमण से बाहर कर दिया गया। हालांकि तीन ओवर बाद उसी छोर से उनकी फिर से वापसी हुई, तब तक सॉल्ट रनआउट हो चुके थे।

अपने दूसरे स्पेल में 6 फ़ीट 2 इंच लंबे इस तेज़ गेंदबाज़ ने 140 किमी/घंटा की रफ़्तार से हिट-द-डेक गेंदबाज़ी की। वे क्रीज़ में काफ़ी कोने पर (वाइड) गए और राउंड द विकेट एंगल के साथ बाएं हाथ के बल्लेबाज़ बेन डकेट के लिए गेंद को अंदर लेकर आए। डकेट कंधे तक आती एक गेंद को पुल करने के लिए गए, लेकिन वह कभी भी पोज़िशन में नहीं थे। राणा के साथ वनडे डेब्यू कर रहे यशस्वी जायसवाल मिडविकेट से पीछे की ओर दौड़े और एक बेहतरीन कैच लपका। यह राणा का पहला वनडे विकेट था।

इसी ओवर की आख़िरी गेंद पर राणा फिर से क्रीज़ के कोने पर गए, लेकिन इस बार एंगल ओवर द विकेट था क्योंकि सामने दाएं हाथ का बल्लेबाज़ हैरी ब्रूक था। इस बार उन्होंने ब्रूक के सीने तक आती एक शॉर्ट ऑफ़ लेंथ गेंद फेंकी और ब्रूक विकेट के पीछे कैच थमा बैठे। ओवर की शुरुआत में इंग्लैंड का स्कोर 75/1 था, जो कि ओवर के अंत तक 77/3 हो गया।

चोटिल जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति में राणा को इंग्लैंड के ख़िलाफ़ वनडे सीरीज़ में तीसरे विशेषज्ञ तेज़ गेंदबाज़ के रूप में चुना गया। इस क्रम में मोहम्मद सिराज, मुकेश कुमार और प्रसिद्ध कृष्णा जैसे गेंदबाज़ों की अनदेखी हुई, जो आज से कुछ महीने पहले तक इस चयन क्रम में राणा से कहीं आगे थे।

सिराज को बाहर करना तो सबसे अधिक अचरज भरा फ़ैसला था क्योंकि वह 2022 से 2024 के बीच 22.97 की प्रभावी औसत से भारत की तरफ़ से सर्वाधिक 71 वनडे विकेट लेने वाले गेंदबाज़ थे।

जब इंग्लैंड के ख़िलाफ़ सीरीज़ और चैंपियंस ट्रॉफ़ी के शुरुआती 15 की घोषणा हो रही थी, तब भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने कहा था कि सिराज दुर्भाग्यशाली रहें कि वह जगह नहीं बना पाए क्योंकि डेथ गेंदबाज़ी कौशल के कारण उनकी जगह पर बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ अर्शदीप सिंह को प्राथमिकता दी गई।

राणा के लिए रोहित ने तब कहा था, "हम कोई ऐसा गेंदबाज़ चाहते हैं, जो थोड़ा अलग हो। राणा ने वह क्षमता दिखाई है।"

22 साल की उम्र में राणा अभई भी सीखने की पड़ाव पर हैं। हालांकि वह एक स्पेल में मैच बदलने की क्षमता रखने वाले गेंदबाज़ दिखते हैं और ऐसा उन्होंने अपने छोटे से करियर में तीनों फ़ॉर्मैट में दिखाया है। यही कारण है कि जब बुमराह चैंपियंस ट्रॉफ़ी टीम से बाहर हुए तो राणा को जगह मिली।

राणा नई गेंद को दोनों तरफ़ स्विंग करा सकते हैं, जबकि पुरानी गेंद के साथ उनके पास घातक स्लोअर वन भी है। वहीं बीच के ओवरों में वह हिट-द-डेक गेंदबाज़ी के साथ सबसे अधिक प्रभाव छोड़ने की क्षमता रखते हैं, जैसा उन्होंने लियम लिविंगस्टन के ख़िलाफ़ वनडे सीरीज़ के दौरान लगातार किया।

राणा की शॉर्ट गेंदें दुनिया के किसी भी बल्लेबाज़ के लिए घातक हैं  AFP/Getty Images

राणा ने अपने पहले वनडे में पहले तीन ओवरों में बिना विकेट लिए 41 रन ख़र्च कर दिए थे, लेकिन पारी के आख़िर में उनका आंकड़ा सात ओवरों में 53 रन देकर तीन विकेट था। अहमदाबाद के तीसरे वनडे में भी राणा ने अपनी हिट-द-डेक गेंदबाज़ी से जॉस बटलर और हैरी ब्रूक जैसे बल्लेबाज़ों को पवेलियन भेजा।

राणा एक उपयोगी बल्लेबाज़ भी हैं और उनके नाम प्रथम श्रेणी शतक के साथ-साथ इस फ़ॉर्मेट में 34 का औसत भी है। वह लंबे छक्के भी लगा सकते हैं, जैसा कि उन्होंने अहमदाबाद में दिखाया। दुबई की प्रयोग हो चुकी पिचों पर, जहां हाल ही में ILT20 हुआ है, राणा भारत के लिए एक व्यवहारिक विकल्प हैं।

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नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo में न्यूज़ एडिटर हैं