रेटिंग्स : युवा शेफ़ाली और जेमिमाह का जलवा
रेणुका और दीप्ति ने भी किया प्रभावित

एक निर्णायक मुक़ाबले में 100 रनों की दमदार जीत दर्ज करते हुए हरमनप्रीत कौर की भारतीय टीम ने बर्मिंघम में चल रहे राष्ट्रमंडल खेलों के सेमीफ़ाइनल में प्रवेश कर लिया हैं। हेली मैथ्यूज़ की बारबेडोस इस टीम इंडिया के सामने टिक नहीं पाई और प्रतियोगिता से बाहर हो गई। आइए नज़र डालते हैं कि इस मैच में भारतीय एकादश के सदस्यों को 10 में से कितने अंक मिलते हैं।
क्या सही हुआ और क्या ग़लत ?
भारत के लिए जेमिमाह रॉड्रिग्स का फ़ॉर्म में वापस आना सबसे सकारात्मक बात रही। ख़राब प्रदर्शन के चलते टीम से बाहर होने के बाद जेमिमाह ने जून में श्रीलंका के विरुद्ध भारतीय टीम में वापसी की थी। वापसी के बाद उन्होंने दो बार 30 से अधिक रनों की पारी खेली थी और अब एक क़दम आगे बढ़ाते हुए बारबेडोस के विरुद्ध उन्होंने नाबाद अर्धशतक जड़ा। इसके अलावा राष्ट्रमंडल खेलों की स्टार बन चुकी रेणुका सिंह ने अपनी कारगर गेंदबाज़ी जारी रखते हुए चार विकेट अपने नाम किए। शीर्ष क्रम के तीनों बल्लेबाज़ों को आउट करते हुए उन्होंने भारत की जीत की नींव रखी।
एक दमदार जीत में ग़लत पहलू ना के बराबर होते हैं और इस मैच में टीम इंडिया के साथ ऐसा ही कुछ देखने को मिला। लगभग सभी खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया और अपनी छाप छोड़ी। अगर किसी पक्ष में टीम को सुधार करना होगा तो वह है मध्य क्रम में विकेट बचाकर रखना। पदक की दौड़ में ऐसी ग़लती को दोहराना टीम को भारी पड़ सकता है।
प्लेयर रेटिंग्स (1 से 10, 10 सर्वाधिक)
स्मृति मांधना, 3 : पाकिस्तान के विरुद्ध नाबाद अर्धशतकीय पारी खेलने वाली स्मृति उस लय को बरक़रार नहीं रख पाई। मैच के दूसरे ही ओवर में एक फ़ुल गेंद पर वह विकेटों के सामने पाई गई।
शेफ़ाली वर्मा, 8 : शुरुआती क्षणों में अपनी अनुभवी सलामी जोड़ीदार को गंवाने के बाद शेफ़ाली ने समझदारी दिखाई और पावरप्ले में रन बटोरने की ज़िम्मेदारी अपने कंधों पर ली। आठ बाउंड्री लगाते हुए उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि भारत का रन रेट आठ के पार चला जाए। वह अर्धशतक की ओर बढ़ रही थी लेकिन तालमेल की कमी के चलते वह रन आउट हो गई। गेंद के साथ उन्हें एक ओवर डालने का मौक़ा मिला जिसमें उन्होंने केवल तीन रन दिए।
जेमिमाह रॉड्रिग्स, 9.5 : दूसरे ही ओवर में क्रीज़ पर आने के बाद जेमिमाह ने शेफ़ाली का बढ़िया साथ दिया और 71 रनों की साझेदारी निभाई। एक समय पर लगातार तीन विकेट गंवाने के बावजूद वह एक छोर पर बनी रही और अंत में बड़े शॉट लगाकर उन्होंने अपने स्ट्राइक रेट को 120 के पार पहुंचाया। हालांकि अपनी पारी में कुछ मौक़ों पर उनका स्ट्राइक रेट 100 से नीचे चला गया था जो बड़े मैचों में टीम पर भारी पड़ सकता है।
हरमनप्रीत कौर, 6 : पहली गेंद पर डक आउट होना भारतीय कप्तान को कतई पसंद नहीं आया होगा। इस निराशा को भुलाकर दूसरी पारी में उन्होंने गेंदबाज़ी में बढ़िया परिवर्तन किए। जब रेणुका अच्छी लय में थी तो नई गेंद के साथ उनसे चार ओवर लगातार करवाए गए। इसके बाद गेंदबाज़ी के दौरान हरमनप्रीत ने तीन ओवरों में मात्र सात रन दिए और एक विकेट भी झटका।
तानिया भाटिया, 4 : यास्तिका भाटिया की जगह एकादश में शामिल की गई तानिया मौक़े को भुना नहीं पाई। मध्य क्रम में दीप्ति शर्मा और पूजा वस्त्रकर जैसे आक्रामक बल्लेबाज़ों से पहले भेजे जाने के बावजूद 13 गेंदों का सामना करते हुए वह मात्र छह रन बना पाई। दूसरी पारी में दस्तानों के साथ उन्हें किसी भी विकेट में योगदान देने का मौक़ा नहीं मिला।
दीप्ति शर्मा, 8 : एक बार फिर दीप्ति ने बताया कि क्यों उन्हें इस टीम के प्रमुख ऑलराउंडर के रूप में देखा जाता है। विकेट बचाकर छोर संभालना हो या फिर अंतिम ओवरों में तेज़ गति से रन बनाना, दीप्ति ने दोनों काम बख़ूबी के साथ पूरे किए। उनके ऐसा करने से जेमिमाह पर दबाव कम हुआ और दोनों ने टीम के स्कोर को 160 के पार पहुंचाया। पावरप्ले के भीतर गेंदबाज़ी करने आते हुए दो ओवरों में उन्होंने महज़ छह रन दिए।
पूजा वस्त्रकर, 7 : इंग्लैंड रवाना होने से पहले कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद पूजा को भारत में ही रुकना पड़ा और वह इस मैच से पहले टीम के साथ जुड़ी। बल्लेबाज़ी में तो उनका मौक़ा आया नहीं लेकिन गेंद के साथ उन्होंने दो ओवर फेंके। विकेट उनके हाथ नहीं लगी लेकिन उनकी फ़िटनेस से टीम प्रबंधन ने राहत की सांस ली होगी।
स्नेह राणा, 7 : पूजा की तरह स्नेह भी बल्लेबाज़ी करने नहीं उतरी। हालांकि गेंदबाज़ी के दौरान दो ओवरों में केवल तीन की इकॉनमी से रन देते हुए उन्होंने बारबेडोस पर शिकंजा कसा। एक शिकार करते हुए उन्होंने एकादश में अपना स्थान और मज़बूत कर लिया है।
राधा यादव, 7 : ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध प्रतियोगिता के पहले मैच में निराश करने के बाद राधा ने लगातार दूसरे मैच में किफ़ायती गेंदबाज़ी की। संघर्ष कर रही विपक्षी टीम को एक झटका देकर उन्होंने वापसी की सारी संभावनाओं को ख़त्म कर दिया। इसके अलावा बैकवर्ड प्वाइंट पर उन्होंने एक आसान कैच भी लपका।
मेघना सिंह, 7.5 : अब तक इस प्रतियोगिता में संघर्ष कर रही मेघना ने अच्छी गेंदबाज़ी की और दिखाया कि क्यों उन्हें भारतीय एकादश में हमेशा चुना जाना चाहिए। नई गेंद के साथ बल्लेबाज़ों को शांत रखने के साथ-साथ मध्य ओवरों में उन्होंने एक विकेट झटका। यह उनका तीसरा ही टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच था और तीनों मैचों में उन्होंने एक-एक शिकार किया है। उनकी इकॉनमी पहले दो मैचों से काफ़ी बेहतर थी और इस वजह से उन्हें अतिरिक्त आधा अंक मिल रहा है।
रेणुका सिंह, 10 : इस सुपरस्टार तेज़ गेंदबाज़ की प्रशंसा में जितना कहा जाए उतना कम होगा। लीग चरण की शुरुआत उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष क्रम को रौंदकर की थी और लीग चरण का अंत भी उन्होंने ठीक उसी अंदाज़ में किया। विश्व क्रिकेट की दो धाकड़ बल्लेबाज़ डिएंड्रा डॉटिन और हेली मैथ्यूज़ को सस्ते में आउट कर उन्होंने भारत के सेमीफ़ाइनल में पहुंचने की राह को आसान बना दिया। अब उनके नाम इस प्रतियोगिता में सर्वाधिक नौ विकेट हैं।
अफ़्ज़ल जिवानी (@ jiwani_afzal) ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं।
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