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ऋद्धिमान साहा रणजी ट्रॉफ़ी नॉकआउट में खेलने को तैयार नहीं : सीएबी

विकेटकीपर बल्लेबाज़ ने एक वरिष्ठ प्रशासक की टिप्पणी से आहत होकर मांगी एनओसी

साहा और कैब के बीच विवाद खत्‍म होने का नाम नहीं ले रहा  BCCI

बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) के साथ अनबन के बाद​ ऋद्धिमान साहा बंगाल के लिए रणजी ट्रॉफ़ी में खेलते नहीं दिखेंगे। अगर ये मुद्दे बने रहते हैं तो 37 वर्षीय क्रिकेटर ने अपने घरेलू करियर को किसी दूसरे राज्य में स्थानांतरित करने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) मांगा है।

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यह सब फ़रवरी में शुरू हुआ था, जब सीएबी के संयुक्त सचिव देबारत्ता दास ने कहा था कि रणजी ट्रॉफ़ी मैचों में नहीं खेलने के लिए साहा के पास ढेरों बहाने हैं।

साहा की पत्नी रोमी ने कहा वह इस बयान से आहत हुए हैं और कैब के सचिव अविषेक डालमिया ने उनसे संपर्क करके कहा है कि दास का यह बयान निजी है और बोर्ड अपने वरिष्ठ खिलाड़ियों के बारे में ऐसा नहीं सोचता है।

फिर भी यह देखते हुए कि उनका नाम सार्वजनिक तरीके से घसीटा गया, साहा चाहते थे कि इस मुद्दे को फिर से बंगाल के लिए खेलने से पहले सुलझाया जाए। डालमिया मान गए और दोनों ने फैसला किया कि वे आईपीएल की समाप्ति के बाद इस पर विचार करेंगे। तब 16 मई को नॉकआउट के लिए बंगाल की टीम की घोषणा होती है और साहा इसमें अपना नाम देखकर चौंक जाते हैं।

ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो को पता चला है कि उन्होंने डालमिया के साथ इस सप्ताह एक और बातचीत की है जहां उन्होंने दास की टिप्पणियों के बारे में अपना रुख़ दोहराया और कहा है कि अगर यह केस सुलझाया नहीं जाता है तो वह सीएबी से एनओसी मांगेंगे।

अब इन सब का असर यह हुआ है कि साहा छह जून से झारखंड के ख़िलाफ़ होने वाले क्वार्टर फ़ाइनल में बंगाल टीम का ​हिस्सा नहीं होंगे।

गुरुवार को जारी सीएबीकी प्रेस विज्ञप्ति में डालमिया ने कहा, "बंगाल क्रिकेट संघ चाहता था कि ऋद्धिमान साहा इस महत्वपूर्ण मोड़ पर बंगाल के लिए खेलें, ख़ासकर जब बंगाल ग्रुप स्टेज के अंत में देश की शीर्ष रैंक वाली टीम बनने के बाद रणजी ट्रॉफ़ी जीतने के लिए नॉकआउट चरण में लड़ रहा होगा। मैंने यही बात साहा को बताई और उनसे मांग की कि वह अपने फ़ैसले को बदल लें। हालांकि, साहा ने अब हमें बताया है कि वह रणजी नॉकआउट नहीं खेलने वाले हैं।"

दास का यह कमेंट तब आया था जब साहा ने रणजी ट्रॉफ़ी 2022 की शुरुआत में निजी कारणों से नहीं खेलने का निर्णय किया था। यही वह समय था जब उन्हें भारत की टेस्ट टीम से बाहर किया गया था।

22 फ़रवरी को दास ने संघबाद प्रतिदिन से कहा था, "मुझे बताओ, साहा को क्यों बंगाल के लिए रणजी ट्रॉफ़ी नहीं खेलना चाहिए? वह भारतीय टीम में नहीं हैं, तो क्यों उन्हें बंगाल के लिए नहीं खेलना चाहिए? ऐसे में हमने यह महसूस किया है कि वह बंगाल के लिए अपनी कोई ज़िम्मेदारी नहीं समझते हैं।"

"पहले भी कई मौक़ों पर उन्होंने बंगाल के लिए खेलने से मना किया था। जब हमने उनसे बात की तो उनके पास ढेरों बहाने थे और वह मैच नहीं खेले। कभी उनके शरीर थका हुआ होता है, कभी उनकी पैर में दर्द होता है।"

साहा अभी आईपीएल में गुजरात टाइटंस का हिस्सा हैं, जिन्हें 29 मई को फ़ाइनल खेलना है। ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो के भेजे मैसेज का अभी तक डालमिया ने जवाब नहीं दिया है।

Wriddhiman SahaIndiaBengalRanji Trophy

नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo में न्‍यूज एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।