स्मिथ और बाउचर के आचरण की होगी अधिकारिक जांच
फ़िलहाल के लिए दोनों अपने पद पर बने रहेंगे

सोशल जस्टिस एंड नेशन बिल्डिंग (एसजेएन) रिपोर्ट के सामने आने के बाद अब क्रिकेट साउथ अफ़्रीका (सीएसए) अपने क्रिकेट निदेशक ग्रैम स्मिथ और पुरुष टीम के प्रमुख कोच मार्क बाउचर के आचरण की औपचारिक जांच शुरू करेगा। इस जांच की शुरुआत अगले साल होगी और इसमें स्वतंत्र कानूनी सलाहकारों की मदद ली जाएगी। फ़िलहाल के लिए स्मिथ और बाउचर अपने पद पर बने रहेंगे।
पिछले बुधवार को सार्वजनिक की गई एसजेएन रिपोर्ट में यह पता चला कि स्मिथ, बाउचर, एबी डीविलियर्स सहित कई लोगों ने नस्ल के आधार पर पक्षपात और भेदभाव किया था। हालांकि लोकपाल डुमिसा नत्सेबेज़ा एक निश्चित निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाए और उन्होंने एक कानूनी प्रक्रिया शुरू करने की सिफ़ारिश की। सीएसए उन सभी सदस्यों की जांच करेगा जो इस प्रकार के आचरण में शामिल थे, जिसमें से स्मिथ और बाउचर सबसे बड़े नाम हैं।
सोमवार सुबह जारी किए गए बयान में सीएसए ने कहा, "बोर्ड ने उन सभी कर्मचारियों और ठेकेदारों से औपचारिक तौर पर पूछताछ करने का फ़ैसला किया है, जिन पर नस्लीय भेदभाव करने के आरोप लगे हैं। बोर्ड ने अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए नस्लवाद और भेदभाव के आरोपों को अत्यंत गंभीरता के साथ लिया है और वह राष्ट्रीय श्रम कानून और संविधान के संदर्भ में निष्पक्षता के साथ उनकी जांच करेगा।"
एसजेएन में आरोपित लोगों के गवाही के अलावा इस जांच में शामिल व्यक्तियों को अपना पक्ष सबके सामने रखने का मौक़ा मिलेगा। स्मिथ और बाउचर ने लोकपाल को लिखित हलफ़नामा दिया था, लेकिन इस बार उन्हें उनके सामने हाज़िर होना पड़ सकता है।
सीएसए बोर्ड के अध्यक्ष लॉसन नायडू ने कहा, "हमें उम्मीद है कि इस प्रक्रिया से दोषी पाए गए पक्षों को सुनवाई का उचित मौक़ा मिलेगा ताकि इस समस्या के जड़ तक पहुंचा जा सके और निष्कर्ष निकाला जा सके।"
बोर्ड इस रिपोर्ट के आधार पर आने वाले नए साल में क्रिकेट में बदलाव के क़दमों और कार्यों की घोषणा भी करेगा। एसजेएन की सिफ़ारिशों में यह सुझाव था कि दौरे पर जाने वाले रिज़र्व खिलाड़ियों को पर्याप्त मुआवज़ा दिया जाना चाहिए। साथ ही यह भी सुझाव दिया गया कि महिलाओं को मिलने वाले वेतन को बढ़ाया जाना चाहिए और ज़मीनी स्तर पर खेल को विकसित करने पर काम किया जाना चाहिए। इसके अलावा भविष्य में भेदभाव के मामलों से निपटने के लिए गुमनाम शिकायत सेवा की स्थापना और एक स्थायी लोकपाल की नियुक्ति करने का सुझाव भी दिया गया।
फ़िरदौस मूंडा ESPNcricinfo की साउथ अफ़्रीकी संवाददाता हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।
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