संघर्ष करने वाले धोनी अकेले नहीं थे : स्टीवन फ़्लेमिंग
कोच का कहना है कि मुश्किल परिस्थितियों के कारण टीम तेज़ गति से रन नहीं बना पाई
क़रीबी मुक़ाबले में दिल्ली ने चेन्नई को हराया और प्वाइंट्स टेबल के टॉप पर बनाई जगह
आईपीएल के मैच 50 में दिल्ली ने चेन्नई को 7 विकेट से हरायादिल्ली कैपिटल्स से मिली तीन विकेट की हार में चेन्नई सुपर किंग्स ने पावरप्ले के अंत में दो विकेट के नुक़सान पर 48 रन बनाए थे। हालांकि मध्य ओवर में उनकी गाड़ी की रफ़्तार धीमी हो गई और अगले पांच ओवरों में वह एक चौका भी नहीं जड़ पाए। अंतिम ओवरों में अंबाती रायुडू ने कुछ बड़े शॉट्स लगाकर अपना अर्धशतक पूरा किया लेकिन दूसरे छोर पर महेंद्र सिंह धोनी उस खोए हुए वक़्त की भरपाई नहीं कर पाए। उनके बल्ले से एक भी बाउंड्री नहीं निकली और 27 गेंदों में केवल 18 रन बनाकर वह आउट हुए। चेन्नई के कोच स्टीवन फ़्लेमिंग ने मैच के बाद बताया कि दुबई की उस पिच पर संघर्ष करने वाले धोनी इकलौते खिलाड़ी नहीं थे।
फ़्लेमिंग ने कहा, "ऐसा नहीं है कि सिर्फ़ धोनी ने संघर्ष किया। स्ट्रोक लगाने के लिए वह एक मुश्किल पिच थी। बड़े शॉट लगाना आसान नहीं था और 136 रन मैच जीतने के लिए लगभग काफ़ी थे। पारी के अंत में दोनों टीमों को दिक़्क़त हुई। कभी-कभी आप एक बड़े स्कोर की ओर देखते हैं और वहां पहुंचना चाहते हैं लेकिन मुझे लगता है कि हम एक मैच जिताऊ स्कोर से बस 10-15 रन पीछे थे।"
उन्होंने आगे कहा, "इस समय कठिनाई यह है कि हमें तीनों मैदानों की परिस्थियों का आकलन कर पहले बल्लेबाज़ी करते हुए एक सम्मानजनक स्कोर खड़ा करना होगा। यह इरादे की कमी की वजह से नहीं था - बस हमें कुछ ग़लतियों के बाद स्थिर होना था और हम 150 तक पहुंचने के लिए अच्छी स्थिति में थे। दूसरी बात यह थी कि उनके गेंदबाज़ों ने अंतिम ओवरों में बढ़िया गेंदबाज़ी की और हमें बड़े शॉट लगाने का मौक़ा ही नहीं दिया।"
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चेन्नई बनाम दिल्ली मैच से जुड़े अहम सवालों के जवाब सुनिए आकाश चोपड़ा सेमैच का परिणाम कुछ और होता अगर लॉन्ग ऑन पर सबस्टिट्यूट खिलाड़ी के गौतम शिमरॉन हेटमायर का आसान कैच लपक लेते। गेंद गौतम के हाथों से छिटककर सीमा रेखा के पार चली गई और कैपिटल्स की जीत के लिए 15 गेंदों में 18 रन छोड़ गई। हेटमायर ने इस जीवनदान का फ़ायदा उठाते हुए टीम को जीत दिलाई और अंक तालिका में शीर्ष स्थान पर पहुंचाया। फ़्लेमिंग ने अपनी टीम की ऐसी साधारण ग़लतियों पर निराशा व्यक्त की, लेकिन कहा कि वह प्लेऑफ़ की बजाय अभी ऐसी हार का सामना करना पसंद करेंगे।
उन्होंने कहा, "मुझसे पूछा जाए तो मैं दो सेमीफ़ाइनल की बजाय इस समय दो मैच हारना पसंद करूंगा। आज हमारे लिए अच्छा दिन नहीं था और ग़लतियां दोनों पक्षों ने की। कभी-कभी प्लेऑफ़ में जगह बनाने के बाद आप एक-दो पहलूओं में ज़्यादा मेहनत करने लगते हैं और चीज़ें थोड़ी बदल जाती है। तालिका में दूसरा स्थान और टॉप 2 में पहुंचने का मौक़ा अभी भी एक सकारात्मक स्थिति है। लेकिन हमें अपनी तीव्रता बनाए रखनी होगी और उस लय को प्राप्त करना होगा जो इन दो मैचों से पहले हमारे पास थी।"
देवरायन मुथु ESPNcricinfo में सब ए़डिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी से सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।
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