श्रीलंका की टेस्ट कप्तानी छोड़ना चाहते हैं करुणारत्ना
न्यूज़ीलैंड से सीरीज़ में अपने प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं दिखे श्रीलंकाई कप्तान

दिमुथ करुणारत्ना अगले महीने आयरलैंड के ख़िलाफ़ टेस्ट के बाद टेस्ट कप्तानी छोड़ना चाहते हैं। अभी उनकी श्रीलंका चयनकर्ताओं के साथ बातचीत चल रही है लेकिन उनका इस्तीफ़ा स्वीकार नहीं किया गया है। लेकिन चार साल तक कप्तानी करते हुए और इस डब्ल्यूटीसी सत्र को पूरा करते हुए करुणारत्ना अप्रैल में 35 साल के हो जाएंगे और वह अगले सत्र में एक युवा को कप्तानी सौंपना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, "मैंने चयनकर्ताओं से आयरलैंड सीरीज़ के बाद कप्तानी छोड़ने पर बात की है। अगले डब्ल्यूटीसी सत्र में आपके पास दो साल होंगे। मुझे लगता है कि यही वह समय है जब नया कप्तान चुना जाए क्योंकि अगर अगले सत्र में नया कप्तान होता है तो मेरा आधा काम निपट जाएगा। मैंने चयनकर्ताओं से बात की है लेकिन उन्होंने अभी जवाब नहीं दिया है। मेरी प्राथमिकता अगली सीरीज़ के बाद किसी नए कप्तान को कप्तानी सौंपने की है।"
श्रीलंका का मुश्किल दौर गुज़रने के बाद करुणारत्ना ने टीम को स्थायित्व दिया था। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि 2019 में साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ उनके घर में 2-0 की जीत है, यह कप्तान के तौर पर उनकी पहली सीरीज़ थी। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के अलावा कोई भी टीम साउथ अफ़्रीका को उनके घर में हरा नहीं पाई थी।
कुल मिलाकर कप्तानी में उनके नाम दस जीत, दस हार और छह ड्रॉ हैं। केवल अर्जुना राणातुंगा, महेला जयवर्दना और एंजेलो मैथ्यूज के पास उनसे अधिक टेस्ट जीत हैं। सभी ने श्रीलंका की 34 से अधिक टेस्ट में कप्तानी की है।
वह अभी बल्लेबाज़ी पर फ़ोकस करने की वजह से कप्तानी छोड़ना चाहते हैं और विदेशी दौरों पर जाना चाहते हैं, क्योंकि अगले सत्र में श्रीलंका केवल दो ही टेस्ट सीरीज़ बाहर खेलेगी। करुणारत्ना ने हाल ही में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ सीरीज में चार पारियों में तीन अर्धशतक लगाए थे।
श्रीलंका को 2023 में छह टेस्ट खेलने हैं और केवल चार ही डब्ल्यूटीसी में गिने जाएंगे।
करुणारत्ना ने कहा, "मैंने आठ महीने बाद टेस्ट खेला है। इस बीच में मैं चार दिनों के मैच में केवल एक पारी ऑस्ट्रेलिया के ग्रेड क्रिकेट में खेला था। मैं उनमें से हूं जो अच्छी शुरुआत मिलने के बाद बड़े रन बनाता है, तो मुझे लगता है कि मेरे पास अभी संयम नहीं है और मैं घरेलू क्रिकेट में वापस लौटना चाहता हूं और सुधार करना चाहता हूं। आठ महीने बाद मैंने यहां कुछ रन बनाए हैं, लेकिन मैं और बना सकता था। मुझे लगता है कि मैं अर्धशतकों को शतकों में बदल सकता था लेकिन मैंने मौक़े गंवा दिए।"
ऐंड्रयू फिडल फ़र्नाडो ESPNcricinfo में श्रीलंका के संवाददाता हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।
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