आकाश दीप : मैं हर मैच अपना अंतिम मैच समझकर खेलता हूं
दलीप ट्रॉफ़ी मैच में नौ विकेट लेने वाले आकाश ने बताया कि शमी द्वारा दी गई एक सीख उनके काम आई

दलीप ट्रॉफ़ी के पहले मैच की दो अलग-अलग पारियों में आकाश दीप की दो गेंदें उनकी बेहतरीन गेंदबाज़ी को परिभाषित करती हैं। पहली गेंद जब उन्होंने नीतीश रेड्डी का विकेट लिया। गेंद सीम पर पड़ने के बाद देर से घूमी और ऑफ़ स्टंप ले उड़ी। दूसरी गेंद जब वॉशिंगटन सुंदर के ख़िलाफ़ उन्होंने सेट-अप जमाया था। वह राउंड द स्टंप आकर लगातार उन्हें सीधी गेंद कर रहे थे। फिर वह ओवर द विकेट आए और गेंद उसी टप्पे पर पड़कर उन्हें बाहरी किनारे पर बीट कर गई।
मैच में 116 रन देकर नौ विकेट चटकाने वाले आकाश दीप से जब उनके पसंदीदा विकेट के बारे में पूछा गया तब उन्होंने कहा, "जो मैंने नीतीश रेड्डी (पहली पारी) और वॉशिंगटन सुंदर (दूसरी पारी) को गेंद की थी। मैंने उन्हें नेट्स में काफ़ी बार राउंड द विकेट गेंदबाज़ी की थी और वह इसके आदी भी हो गए थे। इसलिए मैं कुछ ऐसा करना चाहता था, जो मैंने आज से पहले उनके ख़िलाफ़ गेंदबाज़ी करते हुए नहीं किया था।"
इस तरह की रणनीति के बारे में उन्होंने मोहम्मद शमी से सीखा है। पिछले साल वनडे विश्व कप के दौरान बेन स्टोक्स के ख़िलाफ़ शमी द्वारा अपनाई गई रणनीति इसका सटीक उदाहरण है।
आकाश ने कहा, "जब आप बाएं हाथ के बल्लेबाज़ को राउंड द विकेट गेंदबाज़ी करते हैं, तो गेंद अपने आप गेंद के चमकदार हिस्से की ओर से घूमती है। मैंने उनसे (शमी) इस बारे में बात की थी कि आख़िर गेंद को एंगल के साथ अंदर कैसे लाया जाए। मैंने उन्हें ऐसा करते देखा था।"
"उन्होंने मुझसे कहा कि गेंद को अंदर लाने के लिए ज़्यादा सोचने की ज़रूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि समय के साथ गेंद अपने आप अंदर की ओर चली जाएगी और जब ऐसा होगा तब वह एक विकेट दिलाने वाली गेंद बन जाएगी क्योंकि अगर यह लगातार बाहर जा रही हो और आप इसे चमत के साथ अंदर ले आते हैं तो उस गेंद को खेलना बल्लेबाज़ के लिए आसान नहीं रहता। लेकिन उन्होंने मुझे इसके बारे में ज़्यादा प्रयास करने से भी सावधानी बरतने की हिदायत दी थी।"
गेंद को दोनों ओर घुमाने की क्षमता पिच से अधिक मदद न मिलने की स्थिति में भी आकाश दीप को लंबे स्पेल मिलने का कारण रही। आकाश ने दोनों पारियों में 41 ओवर डाले जो इस मैच में गेंदबाज़ी करने वाले सभी गेंदबाज़ों में डाले गए सर्वाधिक ओवर थे।
आकाश ने इसका श्रेय पिछले एक महीने में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (NCA) में अपनी मेहनत को भी दिया।
"मेरा पूर्ण रूप से अंतिम मैच मेरा डेब्यू मैच था, जो मैंने मार्च में खेला था। IPL में मैं सिर्फ़ एक मैच ही खेल पाया। एक तेज़ गेंदबाज़ के रूप में इतने लंबे समय बाद वापसी करना काफ़ी मुश्किल होता है। मैं एक महीने तक NCA में था, जहां मैंने जमकर अभ्यास किया। इस दौरान मैं मैच में मिलने वाली संभावित परिस्थितियों के बारे में लगातार सोचता रहा।"
शमी के अनुपलब्ध रहने की स्थिति में आकाश का यह प्रदर्शन उन्हें बांग्लादेश के ख़िलाफ़ घरेलू टेस्ट श्रृंखला में तीसरे तेज़ गेंदबाज़ का दावेदार भी बनाता है।
आकाश ने कहा, "मैं हर मैच ऐसे ही खेलता हूं जैसा यह मेरा अंतिम मैच हो। मैं बहुत आगे की नहीं सोचता क्योंकि यह (टीम में चयन) मेरे हाथ में नहीं है। मैं वर्तमान में जीता हूं। अभी मैच समाप्त हुआ है और कल रेस्ट डे है तो मुझे कैसे रिकवर करना है। मैं इन्हीं चीज़ों के बारे में ज़्यादा सोचता हूं। मैं वर्तमान के बारे में ही सोचता हूं।"
उन्होंने आगे कहा, "एक खिलाड़ी के तौर पर जब आप संतुष्ट हो जाते हैं तब आप सीख नहीं पाते। जब तक आपके अंदर सीखने की भूख रहती है तब तक आप संतुष्ट नहीं होते। विकेट निकालना और उसके अनुसार परिणाम मिलना अलग बात है लेकिन मायने यह रखता है कि मैं जैसी गेंद डालना चाहता था, उसमें मैं सफल हो पाया या नहीं? मैं क्या और बेहतर कर सकता था। पूरे समय मैं यही सोच रहा था।"
शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के कंसलटेंट सब एडिटर नवनीत झा ने किया है।
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