भारतीय टीम की सफ़ेद जर्सी के सपने लिए आक़िब ने चार गेंदों में झटके चार विकेट
जम्मू-कश्मीर के यह तेज़ गेंदबाज़ पिछले रणजी ट्रॉफ़ी सीज़न से लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं

दलीप ट्रॉफ़ी में नॉर्थ ज़ोन और ईस्ट ज़ोन के बीच खेले जा रहे मुक़ाबले के दूसरे दिन सबका ध्यान अर्शदीप सिंह और हर्षित राणा पर था। दोनों खिलाड़ी एशिया कप से पहले अपना आख़िरी प्रतिस्पर्धी मैच खेल रहे हैं। लेकिन जम्मू और कश्मीर के तेज़ गेंदबाज़ आक़िब नबी ने ऐसा कारनामा किया कि पूरा ध्यान उन पर चला गया। नबी ने पांच विकेट लिए, जिसमें चार गेंदों में चार विकेट शामिल था।
उनकी इस गेंदबाज़ी प्रदर्शन से अर्शदीप काफ़ी ख़ुश दिखे। उन्होंने आक़िब के प्रदर्शन पर कहा, "मैंने नबी को इससे पहले गेंदबाज़ी करते नहीं देखा था। पहली बार मैंने उन्हें (नॉर्थ ज़ोन) नेट्स में देखा था। तब शायद उन्होंने पहली 10 गेंदों में ही सात विकेट ले लिए थे। तभी मुझे लगा कि इस लड़के में कुछ ख़ास है। उनके हाथ से जिस तरह से गेंद निकलती है, वह बेहतरीन है। उनके इस प्रदर्शन ने सबको दिखा दिया कि उन्होंने घरेलू क्रिकेट में कितनी मेहनत की है। मुझे लगता है कि वह आने वाले दिनों में काफ़ी विकेट लेंगे।"
क्वार्टर फ़ाइनल के दूसरे दिन तीसरे सेशन में खेल काफ़ी धीमा हो चला था। ईस्ट ज़ोन के विकेटकीपर-बल्लेबाज़ कुमार कुशाग्र एक बढ़िया शुरुआत को बड़ी पारी में नहीं बदल पाए और आउट होकर पवेलियन लौट चुके थे, लेकिन विराट सिंह 69 रन पर टिके थे। इन दोनों बल्लेबाज़ों ने अर्शदीप और हर्षित के लंबे स्पेल को बख़ूबी झेल लिया था। ईस्ट ज़ोन को उम्मीद होगी कि वह दिन का एक अच्छा अंत करते हुए, और विकेट नहीं गवाएंगे।
लेकिन तकरीबन 4.15 बजे नबी गेंदबाज़ी करने आए और पलक झपकते ही पांच विकेट ले गए। उन्होंने 2024-25 रणजी ट्रॉफ़ी सीज़न में तेज़ गेंदबाज़ों में सबसे ज़्यादा विकेट हासिल किए थे और उनका यह प्रदर्शन साफ़ दिखा रहा था कि इस सीज़न में उन्होंने बिल्कुल उसी लय के साथ शुरुआत की है।
उन्होंने पहले विराट का मिडिल स्टंप को उड़ाया, उसके बाद अगली गेंद नीची रही और मनीषी अपना बल्ला गेंद तक नहीं पहुंचा पाए और वह LBW आउट हो गए। फिर असम के मुख़्तार हुसैन को बोल्ड करते हुए नबी ने अपना हैट्रिक पूरा किया।
लेकिन उनका कहर यहीं नहीं रुका। अगले ओवर की पहली ही गेंद पर उन्होंने सूरज सिंह जायसवाल को कैच आउट कराया और प्रथम श्रेणी क्रिकेट में लगातार चार गेंदों पर चार विकेट लेने वाले सिर्फ पांचवें भारतीय गेंदबाज़ बने। इसके कुछ ही देर बाद उन्होंने मोहम्मद शमी को आउट करते हुए अपना पांचवा विकेट हासिल किया। सिर्फ़ 30वें प्रथम श्रेणी मैच में यह उनके करियर का नौवां पांच-विकेट हॉल था।
अपने पहले स्पैल में नबी ने कुल सात ओवर डाले थे, जिसमें उन्होंने कोई विकेट नहीं लिए और 23 रन दिए थे। दूसरे स्पेल में उन्होंने 3.1 ओवर में 5 रन देकर 5 विकेट लिए। ईस्ट ज़ोन का स्कोर 53वें ओवर में 222 पर 5 था, लेकिन अगले 22 गेंदों में सिर्फ़ आठ रन बने और कुल पांच विकेट गिरे। इस तरह से नॉर्थ ज़ोन को 175 रन की बड़ी बढ़त हासिल हो गई।
नबी ने इस कारनामे को अंजाम देने के बाद ESPNcricinfo से कहा, "टी ब्रेक में हमारे कोच ने कहा कि खेल थोड़ा धीमा हो गया है और हमें जोश दिखाना होगा। हमने वही करने का प्रयास किया। इस प्रदर्शन के बाद काफ़ी अच्छा महसूस हो रहा है। भले ही लगातार चार विकेट लेना दुर्लभ रिकॉर्ड है, लेकिन मेरे लिए सबसे अहम यह है कि टीम को पहली पारी में बढ़त मिली।
"स्पेल की शुरुआत में मैं अच्छी गेंदबाज़ी कर रहा था। कई बार गेंद बल्ले के काफ़ी क़रीब से निकली लेकिन किनारा नहीं लगा। तब मुझे लगा कि शायद आज क़िस्मत मेरा साथ नहीं दे रही है। मेरी आदत है कि मैं हमेशा विकेट लेने की कोशिश करता हूं, अगर नहीं मिले तो बल्लेबाज़ों को रन बनाने से रोकने का प्रयास करता हूं। आज मैंने बस एक जगह पर गेंद डालने की कोशिश की और वह काम कर गया। शाम को मैदान पर हल्की हवा भी चल रही थी, जिससे काफ़ी मदद मिल रही थी।"
ऐसा नहीं है कि दूसरे दिन नबी ने सिर्फ़ गेंदबाज़ी में कमाल किया। उन्होंने अपनी बल्लेबाज़ी के दौरान भी 33 गेंदों में 44 रनों की पारी खेली, जिसमें चार चौके और दो सिक्सर शामिल थे। उन्होंने कन्हैया वधावन के साथ आठवें विकेट के लिए 66 रन जोड़े।
नही ने अपनी बल्लेबाज़ी के बारे में कहा, "जब आप अच्छी करते हो तो आत्मविश्वास ख़ुद ब ख़ुद बढ़ता है और आगे भी इसका असर दिखता है। यह टीम के लिए एक अहम पारी थी। मैं अपनी बल्लेबाज़ी पर बहुत मेहनत करता हूं।"
नबी के लिए पिछले डेढ़ साल बेहतरीन रहे हैं। 2024-25 रणजी सीज़न से पहले उनके खाते में 20 मैचों में 46 विकेट थे। सीज़न के समापन तक उन्होंने अपने इस आंकड़े को लगभग दोगुना कर लिया। उन्होंने आठ मैचों में 44 विकेट लिए, जो उस सीज़नदूसरे सबसे ज़्यादा थे। इसमें छह बार पांच विकेट का कारनामा शामिल था। इसी दौरान जम्मू-कश्मीर पांच साल बाद रणजी नॉकआउट में पहुंचा।
जम्मू और कश्मीर ने पिछले साल रणजी ट्रॉफ़ी के दौरान आठ मैच जीते। उनमें से एक जीत मुंबई के ख़िलाफ़ भी आया था, जिसमें रोहित शर्मा जैसे अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी खेले थे। उस मैच में नबी ने छह विकेट लिए थे, जिसमें यशस्वी जायसवाल, श्रेयस अय्यर, शिवम दुबे और शार्दुल ठाकुर जैसे बल्लेबाज़ शामिल थे। उस प्रदर्शन ने नबी को काफ़ी आत्मविश्वास दिया।
उन्होंने कहा, "एक गेंदबाज़ और खिलाड़ी के तौर पर मेरे लिए वह मैच बहुत अहम था। लगभग आधी भारतीय टीम सामने थी। अच्छे खिलाड़ियों को गेंदबाज़ी करते वक़्त जोश अलग होता है। हमारी तैयारी भी शानदार रही। बोर्ड हमें मैच से एक हफ़्ता पहले मुंबई ले गया था ताकि हम वहां के हालात में ढल सकें और वह काम कर गया।"
नबी कश्मीर के बारामुला से आते हैं। उनके पिता सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं और उनके सबसे बड़े समर्थक भी। लेकिन बारामुला में क्रिकेट सुविधाएं लगभग नहीं के बराबर हैं। उनके घर से सबसे नज़दीकी मैदान श्रीनगर में है। क्या ये सारी चीज़ें आपके रास्ते में रूकावट बनी ? उन्होंने जवाब में कहा, "जब आपका लक्ष्य भारत के लिए खेलना हो, तो ये सब मायने नहीं रखता। भले ही साधन सीमित हो लेकिन आप बहाने नहीं बना सकते। आपको लगातार सुधार करने का प्रयास करना पड़ता है, तभी आप देश के लिए खेल पाएंगे। और इंडिया की टेस्ट जर्सी पहनना मेरा सपना है…"
Read in App
Elevate your reading experience on ESPNcricinfo App.