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दीप्ति : मुझे ख़ुद पर भरोसा था कि अंत तक रही तो जीत हमारी होगी

दीप्ति शर्मा ने जेमिमाह रॉड्रिग्स के साथ पांचवें विकेट के लिए 86 गेंदों पर 90 रन जोड़े

दीप्ति शर्मा की बेहतरीन पारी के दम पर भारत ने जीता पहला वनडे  Getty Images

इसमें किसी को शक नहीं है कि दीप्ति शर्मा बतौर गेंदबाज़ भी भारतीय वनडे दल में जगह बना सकती हैं। वनडे में उनके नाम तीन पांच विकेट हॉल हैं - जो भारतीय महिला वनडे क्रिकेट में सर्वाधिक है। हालांकि उनकी बल्लेबाज़ी को लेकर हमेशा चर्चा होती रहती है, इसलिए नहीं कि उनमें प्रतिभा की कमी है बल्कि इसलिए क्योंकि उनकी बल्लेबाज़ी शैली पुराने समय वाली है।

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92 वनडे पारी में उनका स्ट्राइक रेट महज़ 67.91 का रहा है, ख़ास तौर से जो बल्लेबाज़ निचले मध्यक्रम में खेले उसका ऐसा स्ट्राइक रेट कईयों की भांव खड़ा करने के लिए काफ़ी है। वह भी तब जब दीप्ति क़रीब एक दशक से भारत के लिए खेल रही हैं।

बुधवार को साउथंप्टन में भी कुछ ऐसा ही हुआ जब कईयों को एक बार लगा कि ऋचा घोष और अमनजोत कौर के रहते हुए दीप्ति नंबर-4 पर क्यों? भारत 28वें ओवर में 127 पर 4 था, और यहां से भारत को जीत के लिए क़रीब छह रन प्रति ओवर की दरकार थी।

लेकिन दीप्ति ने सभी आलोचकों को करारा जवाब देते हुए 64 गेंदों पर नाबाद 62 रन की पारी खेली जिसमें जेमिमाह रॉड्रिग्स (54 पर 48) और अमनजोत (14 पर 20*) के साथ निर्णायक साझेदारी शामिल थी। दीप्ति की पारी की बदौलत भारत ने 10 गेंद रहते हुए मैच चार विकेट से जीत लिया।

दीप्ति ने जीत के बाद कहा, "मैंने जितने मैच खेले हैं उनमें ज़्यादातर परिस्थितियां ऐसी ही रही हैं। मैं जानती हूं इन हालातों में कैसे संयम के साथ खेला जाता है, और यही निर्णायक पल होता है। मेरा फ़ोकस था जेमिमाह [रॉड्रिग्स] के साथ साझेदारी निभाना, मैं जानती थी कि अगर हमने साझेदारी की तो फिर मैच को नज़दीक ले जा सकती हूं।"

रॉड्रिग्स के साथ मिलकर दीप्ति लगातार स्ट्राइक बदलती रहीं और रन निकालती रहीं, पांचवें विकेट के लिए इस जोड़ी ने महज़ 86 गेंदों पर 90 रन जोड़े। दीप्ति ने 32वीं गेंद तक कोई बाउंड्री नहीं लगाई थी - और फिर लॉरेन बेल के ख़िलाफ़ डीप मिडविकेट के ऊपर से छक्के के तौर पर उन्होंने अपनी पारी की पहली बाउंड्री हासिल की। दीप्ति ने शुरुआत में चौके-छक्के भले ही न लगाया हो लेकिन पहली 29 गेंदों पर उन्होंने साफ़ सूथरी शैली में 27 रन जोड़ लिए थे।

"मैं ज़रा भी नर्वस नहीं थी क्योंकि इन हालातों में मैंने पहले भी खेला है। मुझे पता था कि मैं अगर जेमी [रॉड्रिग्स[ के साथ आख़िर तक रही तो मैच को नज़दीक ले जाऊंगी। मुझे अपने ऊपर विश्वास था कि मैं अंत तक रही तो जीत हमारी होगी। मैं बस उसी पर ध्यान दे रही थी, अगर जेमी आउट नहीं होती तो हम पहले ही मैच जीत गए होते। बाद में ऋचा और अमन ने भी अच्छा खेला, और दो बाउंड्री के साथ जीत दिलाई, उन्हें भी इसका श्रेय जाता है।"दीप्ति शर्मा, जीत के बाद बात करते हुए

एक और अच्छी चीज़ यह देखने को मिली कि रॉड्रिग्स के सथ साझेदारी के दौरान दीप्ति लगातार बात कर रही थीं। जिसमें लॉरेन फ़ाइलर की तेज़ और उछाल वाली गेंदों से निपटने की रणनीति भी थी। फ़ाइलर, पहले वनडे में दोनों टीम की ओर से सबसे तेज़ गेंदबाज़ नज़र आईं, और उनकी ख़ासियत यह थी कि वह जब भी हार्ड लेंथ पर गेंद डाल रही थीं उन्हें अच्छी उछाल मिल रही थी।

जिस गेंद पर रॉड्रिग्स आउट हुईं वह भी एक कमाल की गेंद थी - फ़ाइलर की छोटी गेंद को स्कूप करने के प्रयास में रॉड्रिग्स विकेटकीपर के दस्तानों में कैच थमा बैठीं। उस समय भारत को 51 गेंदों पर 45 रन की दरकार थी और पांच विकेट हाथ में थे, लेकिन दूसरे छोर से इंग्लिश गेंदबाज़ कोई ख़ास दबाव नहीं बना पाईं।

दीप्ति ने आगे कहा, "हमें पता था कि वह अंत में आकर गेंदबाज़ी करेंगी, और हमने उनके लिए रणनीति बना रखी थी। विकेट के पीछ जिस तरह से उन्होंने फ़ील्ड सजाई थी उससे साफ़ था कि छोटी गेंदें आएंगी और हम तैयार थे।"

इस जीत के साथ भारत अब इंग्लैंड में लगातार चौथी वनडे जीत हासिल कर चुका है, जिसकी शुरुआत 2022 में 3-0 के क्लीन स्वीप के साथ हुई थी। हालांकि दीप्ति ज़्यादा आगे का नहीं सोचती, "एक टीम के तौर पर हमने कई शानदार कीर्तिमान हासिल किए हैं। श्रीलंका में भी [जब भारतीय महिला टीम ने ट्राई सीरीज़ जीती] और अब यहां भी। विश्व कप में अभी समय है, हम उस बारे में फ़िलहाल नहीं सोच रहे। हम एक-एक मैच की रणनीति के साथ आगे बढ़ रहे हैं।"

तीन मैचों की सीरीज़ में भारतीय महिला टीम 1-0 से आगे है, सीरीज़ का दूसरा मैच शनिवार को लॉर्ड्स में खेला जाएगा जबकि तीसरा और अंतिम वनडे चेस्टर-ली-स्ट्रीट में 22 जुलाई को खेला जाएगा।

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शशांक किशोर ESPNcricinfo में वरिष्ठ संवाददाता हैं।