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लॉर्ड्स स्‍लेजिंग पर गिल : 'इंग्लिश ओपनर्स डेढ़ मिनट देरी से आए थे'

"वे पूरे 90 सेकंड देरी से आए थे, ना 10 ना ही 20 सेकंड"

भारत के कप्तान शुभमन गिल ने लॉर्ड्स में इंग्लैंड के व्यवहार पर सवाल उठाए हैं, जब उन्होंने तीसरे दिन मैच का समय कम कर दिया और यह सुनिश्चित किया कि भारत को मिले सात मिनट में सिर्फ़ एक ओवर ही फ़ेंका जा सके। गिल ने कहा कि उनकी समस्या सलामी बल्लेबाज़ों के 90 सेकंड देरी से आने से ज़्यादा थी, ना कि जसप्रीत बुमराह की गेंद ज़ैक क्रॉली के दस्ताने से टकराने पर उन्हें चिकित्सा सहायता मिलने से।

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इसके बाद भारत की आक्रामक रणनीति साफ़ दिखाई देने लगी, जिसके चलते चौथी पारी में इंग्लैंड ने भी बराबरी का जवाब दिया। उनके कोच ब्रेंडन मक्‍कलम लॉर्ड्स की बालकनी में अपने खिलाड़ियों से कहते देखे गए कि जब वाॅशिंगटन सुंदर बल्लेबाज़ी के लिए आएं तो स्‍लेजिंग अधिक करते दिखें, क्‍योंकि वाॅशिंगटन ने एक दिन पहले ही मीडिया से कहा था कि भारत आसानी से मैच जीत जाएगा।

इंग्लैंड का कहना है कि भारत ने स्लेजिंग को बढ़ावा दिया और इससे उन्हें नुकसान हुआ। ओल्ड ट्रैफ़र्ड टेस्ट से एक दिन पहले गिल से उनके विचार पूछे गए। गिल ने कहा, "बहुत से लोग इस बारे में बात कर रहे हैं, इसलिए मैं एक बार और सभी के लिए स्थिति स्पष्ट कर दूं। उस दिन इंग्लिश बल्लेबाज़ों के पास खेल के सात मिनट बचे थे। वे मैदान पर आने में 90 सेकंड देर से आए। 10 नहीं, 20 नहीं। पूरे 90 सेकंड देर से।"

गिल ने आगे कहा, "हां, ज़्यादातर टीमें इस रणनीति का इस्तेमाल करती हैं। अगर हम इस स्थिति में होते, तो भी हम कम ओवर खेलना पसंद करते, लेकिन ऐसा करने का एक तरीक़ा होता है। और हमें लगा कि हां, अगर आपके शरीर पर गेंद लगती है, तो फ़ीजियो को मैदान पर आने की इजाज़त है और यह उचित भी है। लेकिन क्रीज़ पर 90 सेकंड देर से आना, मुझे नहीं लगता कि खेल भावना के अनुरूप है।"

Gill questions England's conduct at Lord's

Shubman Gill talks about the controversy in the Lord's Test and India's selection for the Manchester Test

खेल के इस दौर में गिल को कैमरे पर इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों पर कुछ अपशब्दों का इस्तेमाल करते देखा गया। उन्होंने अंदर ही अंदर कुछ उबल रही चीज़ों की ओर इशारा किया, लेकिन विस्तार से नहीं बताया। गिल ने कहा, "उस घटना से ठीक पहले, बहुत सी ऐसी चीज़ें हुईं जिनके बारे में हमें लगता था कि उन्हें नहीं होना चाहिए था।"

उन्होंने आगे कहा, "और मैं यह नहीं कहूंगा कि मुझे इस पर बहुत गर्व है, लेकिन किसी तैयारी के साथ भी नहीं था। यह अचानक से नहीं हुआ और हमारा ऐसा करने का कोई इरादा भी नहीं था। लेकिन आप एक मैच खेल रहे हैं, आप जीतने के लिए खेल रहे हैं और इसमें बहुत सारी भावनाएं शामिल होती हैं और जब आप देखते हैं कि कुछ ऐसी चीज़ें हो रही हैं जो नहीं होनी चाहिए, तो कभी-कभी भावनाएं अचानक से उभर आती हैं।"

इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स का भी यही मानना था, स्लेजिंग कोई ऐसी चीज़ नहीं है जिसके बारे में वे योजना बनाते या बात करते हों, यह बस एक ऐसी चीज़ है जो उबल पड़ती है। हालांकि, उन्होंने यह ज़रूर कहा कि वे जितना अच्छा जवाब देंगे, उतना ही अच्‍छा है। स्टोक्स ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि यह उन चीज़ों में से एक है जहां हम बस मैदान में उतरकर इसे शुरू कर देंगे।"

उन्होंने आगे कहा, "मुझे नहीं लगता कि दोनों में से किसी भी टीम ने वास्तव में ऐसा करने की कोशिश की है, लेकिन सीरीज़ में हमेशा एक ऐसा पल आता है जब माहौल गरमा जाता है। यह एक बड़ी सीरीज़ है, दोनों टीमों पर मैदान में उतरकर अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव होता है। जब आप मैदान पर होते हैं, तो कुछ पल आते हैं, कुछ गरमाहट दिखाई दे ही जाती है।"

ऐसी ख़बरें थीं कि मक्‍कलम ने इंग्लैंड के खिलाड़ियों से कहा था कि जब उन्होंने स्लेजिंग पर बात की थी, तो वे कुछ ज़्यादा ही अच्छे थे। स्टोक्स से इस बारे में पूछा गया। उन्होंने कहा, "शायद, लेकिन एक टीम के तौर पर यह वाकई एक अच्छा पल था जब आप इस तरह की बात करते हैं और फिर हर कोई इसे मान लेता है। यह ऐसा कुछ नहीं है जिसे हम जानबूझकर क्रिकेट के खेल में शुरू करेंगे, जिससे हमारा ध्यान मैदान पर खेलने से हट जाए, लेकिन हम किसी भी तरह से पीछे नहीं हटेंगे और किसी भी विरोधी टीम को हमारे ख़‍िलाफ़ आक्रामक होने और बदले में कुछ भी करने की कोशिश नहीं करने देंगे। सच कहूं तो, मुझे लगता है कि ज़्यादातर टीमों के साथ ऐसा होता है, इसलिए ऐसा नहीं है कि हम अकेली टीम हैं जो ऐसा करती है।"

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सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में वरिष्‍ठ लेखक हैं।