आंकड़े : 1768 रन और पाकिस्तान में इंग्लैंड की यादगार जीत
रावलपिंडी में इंग्लैंड के साहसी फ़ैसले और ऐतिहासिक टेस्ट मैच से जुड़े मज़ेदार आंकड़े

3 टेस्ट मैचों में जीत दर्ज की है इंग्लैंड ने पाकिस्तान की धरती पर। इससे पहले इंग्लैंड ने 1961 में लाहौर में और 2000 में कराची में टेस्ट मैच अपने नाम किया था। इंग्लैंड ने पाकिस्तान में अब तक 25 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें 18 मैच ड्रॉ रहे जबकि चार मैचों में उसे हार का सामना करना पड़ा। वहीं यूएई में पाकिस्तान के विरुद्ध खेले गए छह में से पांच मैचों में इंग्लैंड को हार मिली है।
1768 रन बनाए पाकिस्तान और इंग्लैंड ने रावलपिंडी में खेले गए इस टेस्ट मैच में। यह किसी भी टेस्ट मैच में कुल मिलाकर बनाए गए तीसरे सर्वाधिक रन हैं। डरबन में 1939 में खेले गए साउथ अफ़्रीका-इंग्लैंड टेस्ट में 1981 रन बने थे जबकि 1930 के किंग्सटन टेस्ट में वेस्टइंडीज़ और इंग्लैंड ने मिलकर 1815 रन बनाए थे। हालांकि यह दोनों ही टाइमलेस टेस्ट थे।
1 - यह पहला ऐसा टेस्ट मैच है जो दोनों टीमों द्वारा पहली पारी में 550 से अधिक रन बनाने के बावजूद नतीजे तक पहुंचा है। इससे पहले 15 बार दोनों टीमों ने अपनी पहली पारी में 550 से अधिक रन बनाए हैं लेकिन वह सभी मैच ड्रॉ रहे। 1768 कुल रनों का योग नतीजे पर पहुंचने वाले किसी भी टेस्ट मैच के लिए सर्वाधिक है। इससे पहले यह रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एडिलेड में खेले गए 1921 के टेस्ट के नाम था जहां कुल 1753 रन बने थे।
847 रन बनाने के बावजूद पाकिस्तान को इस टेस्ट मैच में हार मिली। यह मैच हारने वाली किसी भी टीम द्वारा बनाए गए दूसरे सर्वाधिक कुल रन हैं। इंग्लैंड ने 1948 के लीड्स टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध मिली हार में कुल 861 रन बनाए थे। इसके अलावा पाकिस्तान द्वारा पहली पारी में बनाए गए 579 रन टेस्ट मैच में हारने वाली किसी भी टीम द्वारा खड़ा किया गया तीसरा सर्वोच्च स्कोर है।
4.54 के रन रेट से रन बने इस रावलपिंडी टेस्ट में। यह 2000 से अधिक गेंदों तक चलने वाले किसी भी टेस्ट मैच में सर्वाधिक रन रेट का रिकॉर्ड है। इससे पहले 2015 के ब्रिस्बेन टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड ने 4.17 रन प्रति ओवर के दर से बल्लेबाज़ी की थी।
691 का अंतर था पाकिस्तान (1512) और इंग्लैंड (821) द्वारा खेली गई गेंदों की संख्या के बीच। यह टेस्ट मैच में हारने और जीतने वाली टीमों के बीच खेली गई गेंदों में छठा सबसे बड़ा अंतर बन गया है। रिकॉर्ड अंतर 910 गेंदों का है जो 1965 के दिल्ली टेस्ट में बना था। इस मैच में न्यूज़ीलैंड ने (1647) जबकि भारत ने (737) गेंदें खेली थी।
342 रनों की बढ़त बनाने के बाद इंग्लैंड ने चौथे दिन टी ब्रेक में अपनी पारी घोषित की। यह मैच में कम से कम चार सेशन रहते किसी भी टीम द्वारा पारी घोषित करने पर बनाई गई पांचवीं सबसे कम बढ़त है।
9 - इंग्लैंड के तेज़ गेंदबाज़ों ने चौथी पारी में नौ विकेट निकाले। इससे पहले केवल एक बार किसी मेहमान टीम के तेज़ गेंदबाज़ों ने एशिया में टेस्ट मैच की चौथी पारी में उनसे अधिक विकेट निकाले हैं। 1983 के अहमदाबाद टेस्ट में वेस्टइंडीज़ के तेज़ गेंदबाज़ों ने चौथी पारी में सभी 10 विकेट अपने नाम किए थे।
संपत बंडारुपल्ली ESPNcricinfo में स्टैटिस्टिशियन हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।
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